दुनिया के सबसे छोटे और बहादुर प्रवासी पक्षियों में से एक अमूर बाज (Amur Falcon) ने फिर कमाल कर दिखाया है. मणिपुर से सैटेलाइट टैग किए गए तीन अमूर बाद – अपापांग, अलांग और अहू – ने भारत से दक्षिणी अफ्रीका तक हजारों किलोमीटर की रिकॉर्ड तोड़ उड़ान पूरी की है. ये छोटे पक्षी पांच-छह दिनों में 5000 से 6100 किमी तक उड़कर जिम्बाब्वे, केन्या और सोमालिया पहुंच गए.
नारंगी टैग वाली अपापांग ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया. उसने नवंबर में सिर्फ छह दिनों में 6100 किमी की सीधी उड़ान भरी. भारत से शुरू होकर अरब सागर और हॉर्न ऑफ अफ्रीका को पार करते हुए वह केन्या पहुंचा. अब क्रिसमस के समय वह जिम्बाब्वे के हरारे शहर के ऊपर उड़ रहा है. यह छोटे रैप्टर (शिकारी पक्षी) की सबसे लंबी बिना रुके उड़ानों में से एक है.
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वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार ने इन पक्षियों पर सैटेलाइट टैग लगाए थे. तमिलनाडु की IAS अधिकारी सुप्रिया साहू ने X पर इनकी यात्रा की जानकारी शेयर की और दुनिया का ध्यान खींचा. ये टैग बताते हैं कि पक्षी कहां हैं और कैसे उड़ रहे हैं.
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Here we go again with our Amurs…Apapang, Alang and Ahu
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) December 26, 2025
Just when you think their journey can’t surprise you anymore, they do.
As Christmas lights spread cheer, Apapang is around the City of Harare in Zimbabwe, reminding us how closely nature and cities can overlap. Alang has… https://t.co/i227Z2ERUZ pic.twitter.com/Pwj59b7KSG
अमूर फाल्कन को लंबी दूरी का छोटा यात्री कहा जाता है. इनकी यह उड़ान बताती है कि दुनिया के पर्यावरण कितने जुड़े हुए हैं. भारत से अफ्रीका तक का रास्ता कई देशों से गुजरता है, इसलिए इनकी सुरक्षा के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा.
पहले नागालैंड में इन पक्षियों का शिकार होता था, लेकिन अब जागरूकता और संरक्षण से स्थिति बेहतर हुई है. मणिपुर और नागालैंड इनके महत्वपूर्ण ठहराव स्थल हैं.
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बर्ड लवर्स और वैज्ञानिक इनकी यात्रा पर नजर रखे हुए हैं. ये पक्षी हर साल इसी तरह लाखों किलोमीटर उड़ते हैं. इनकी उड़ान हमें सिखाती है कि प्रकृति की रक्षा कितनी जरूरी है. अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इनके रास्तों और ठहरने की जगहों को बचाना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन बहादुर छोटे यात्रियों को देख सकें.