केन्या (Kenya) पूर्वी अफ्रीका का एक सुंदर और विविधताओं से भरा देश है. यह भूमध्य रेखा (Equator) पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव सफारी, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. राजधानी नैरोबी (Nairobi) न केवल देश का राजनीतिक और आर्थिक केंद्र है, बल्कि अफ्रीका का एक प्रमुख व्यापारिक हब भी है.
केन्या पूर्वी अफ्रीका में हिंद महासागर से सटा हुआ है और इसकी सीमाएं युगांडा, तंजानिया, दक्षिण सूडान, इथियोपिया और सोमालिया से मिलती हैं. यहां की जलवायु विविध है. तटीय इलाकों में गर्म और आर्द्र, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों जैसे नैरोबी और माउंट केन्या में ठंडी रहती है.
केन्या का इतिहास प्राचीन सभ्यताओं और औपनिवेशिक संघर्षों से जुड़ा है. ब्रिटिश शासन से लंबी लड़ाई के बाद, 12 दिसंबर 1963 को केन्या को आजादी मिली. आज यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य है और यहां बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था है.
केन्या की संस्कृति इसकी सबसे बड़ी पहचान है. यहां 40 से अधिक जातीय समुदाय रहते हैं, जिनमें मासाई, किकुयू और लुओ प्रमुख हैं. पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, रंग-बिरंगे परिधान और विविध खानपान इसकी सांस्कृतिक धरोहर को और खास बनाते हैं.
केन्या की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन और सेवाओं पर आधारित है. यहां की चाय, कॉफी और बागवानी उत्पाद दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं. साथ ही, नैरोबी अफ्रीका का एक बड़ा वित्तीय और तकनीकी केंद्र बन चुका है.
केन्या को "Safari का घर" कहा जाता है. यहां के राष्ट्रीय उद्यान जैसे मसाई मारा (Masai Mara), अंबोसेली (Amboseli) और त्सावो नेशनल पार्क दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. हर साल लाखों लोग यहां ‘ग्रेट माइग्रेशन’ (Great Migration) देखने आते हैं, जब लाखों जेब्रा और वाइल्डबीस्ट तंजानिया से केन्या की ओर पलायन करते हैं. इसके अलावा, माउंट केन्या, लेक नैवाशा और हिंद महासागर के समुद्र तट इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं.
केन्या के सूखाग्रस्त इलाकों में गायों की जगह ऊंट ले रहे हैं. 2015 से चल रहे कार्यक्रम के तहत 5,000 सोमाली ऊंट बांटे गए, जो सूखे में भी दूध देते हैं. पौष्टिक Camel Milk ने बच्चों में कुपोषण घटाया और झगड़ों को कम किया, बन गया नई आजीविका का सहारा.
केन्या के सूखाग्रस्त इलाकों में ऊंट गायों की जगह ले रहे हैं. 2015 से सांबुरू काउंटी में कार्यक्रम चला, जिसमें 5000 सोमाली ऊंट बांटे गए. ये सूखे में दूध देते हैं, जो इंसानी मां के दूध जैसा पौष्टिक है. कुपोषण कम हुआ, बच्चे स्वस्थ हुए. ऊंट शांतिप्रिय हैं, संसाधन के झगड़ों को रोकते हैं.