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Vaishakh 2021: क्या है वैशाख मास का महत्व, इस महीने किन बातों का रखें ध्यान?

Vaishakh 2021: मुख्य रूप से इस महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी की उपासना की जाती है. साल में केवल एक बार श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन भी इसी महीने में होते हैं. इस महीने में गंगा या सरोवर स्नान का विशेष महत्व है.

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Vaishakh 2021: क्या है वैशाख मास का महत्व, इस महीने किन बातों का रखें ध्यान?
Vaishakh 2021: क्या है वैशाख मास का महत्व, इस महीने किन बातों का रखें ध्यान?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस महीने में विष्णु, परशुराम और देवी की पूजा होती है
  • इस महीने में गंगा या सरोवर स्नान का विशेष महत्व

Vaishakh 2021:आमतौर पर वैशाख का महीना अप्रैल मई में शुरू होता है. विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसको वैशाख कहा जाता है. इस महीने में धन प्राप्ति और पुण्य प्राप्ति के तमाम अवसर आते हैं. मुख्य रूप से इस महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी की उपासना की जाती है. साल में केवल एक बार श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन भी इसी महीने में होते हैं. इस महीने में गंगा या सरोवर स्नान का विशेष महत्व है. आमतौर पर इसी समय से लोक जीवन में मंगल कार्य शुरू होते हैं. इस बार वैशाख का महीना 28 अप्रैल से 26 मई तक रहेगा.

वैशाख महीने के मुख्य व्रत और त्योहार
इस महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा उपासना की जाती है. इसी महीने में भगवान बुद्ध और परशुराम का जन्म भी हुआ था. इस महीने में भगवान ब्रह्मा ने तिलों का निर्माण किया था अतः तिलों का विशेष प्रयोग भी होता है. इसी महीने में धन और संपत्ति प्राप्ति का महापर्व अक्षय तृतीया भी आता है. इसी महीने में मोहिनी एकादशी आती है जो श्री हरी की विशेष कृपा दिल सकती है.

वैशाख महीने में खान-पान
इस महीने में गर्मी की मात्रा लगातार तीव्र होती जाती है. इसलिए तमाम तरह की संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस महीने में जल का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए और तेल वाली चीजें कम से कम खानी चाहिए. जहां तक संभव हो सत्तू और रसदार फलों का प्रयोग करना चाहिए और देर तक सोने से भी बचना चाहिए.

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इस महीने में दिनचर्या और उपासना
प्रयत्न करें कि नित्य प्रातः सूर्योदय के पूर्व उठ जाएं. गंगा नदी, सरोवर या शुद्ध जल से स्नान करें. जल में थोड़ा तिल भी मिलाएं. इसके बाद श्री हरि विष्णु की उपासना करें. जल का संतुलित प्रयोग करें. जल का दान भी करें. महीने की दोनों एकादशियों का पालन करें.

 

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