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अयोध्या में दक्षिण भारतीय शैली से बना पहला मंदिर, सीएम योगी आज होंगे शामिल, देखें मंदिर की अद्भुत तस्वीरें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से कुछ कदम की दूरी पर बने रामलला सदन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. अयोध्या में यह पहला ऐसा मंदिर है जिसे द्रविड़ शैली में बनाया गया है. इस मंदिर को देखकर ऐसा महसूस होता है जैसे आप दक्षिण भारत के किसी मंदिर में हैं.

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Shri Ramlala Sadan Devsthanam Ayodhya
Shri Ramlala Sadan Devsthanam Ayodhya
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कलश यात्रा से शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम
  • द्रविड़ शैली से किया गया है मंदिर का निर्माण

अयोध्या में राम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गर्भगृह के निर्माण की पहली शिला रखी है. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ आज द्रविड़ शैली से बने रामलला सदन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम दूरी पर स्थित दक्षिण भारतीय शैली से बने इस मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कलश यात्रा के साथ शुरू होगा. अयोध्या का यह पहला मंदिर होगा जहां भगवान श्री राम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन का मंदिर होगा.

यह मंदिर किसी दक्षिण भारतीय शहर का नहीं बल्कि अयोध्या में है. दक्षिण भारतीय शैली में बने इस मंदिर में आज भगवान राम लक्ष्मण और सीता की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आएंगे लेकिन खास बात यह है यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना एकमात्र ऐसा मंदिर है जो अयोध्या में दक्षिण भारतीय लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होने जा रहा है. 

ramlala sadan

चेन्नई के मशहूर आर्किटेक्ट ने तैयार किया है मंदिर का डिजाइन
बताया जा रहा है कि इस मंदिर का डिजाइन चेन्नई के मशहूर आर्किटेक्ट स्वामीनाथन ने तैयार किया है. यह अयोध्या का पहला मंदिर है जो श्री राम जन्मभूमि से कुछ ही कदम की दूरी पर बनकर तैयार हुआ है. इस मंदिर में दक्षिण भारतीय परंपरा की झलक देखने को मिलती है.

ramlala sadan

 

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यहां हुआ था भगवान राम समेत चारों भाइयों का नामकरण
कहा जाता है कि यह मंदिर वही है जहां भगवान राम लक्ष्मण और उनके दोनों भाइयों का नामकरण संस्कार हुआ था. इस कारण इस जगह को रामलला सदन मंदिर के नाम से जाना जाता है. खास बात यह है कि यहां श्री रामलला, माता जानकी और लक्ष्मण की जो मूर्ति स्थापित की गई है वह भी दक्षिण भारत से अयोध्या लाई गई हैं. बता दें कि श्री रामलला सदन काफी प्राचीन स्थान है.  


 

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