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Margshirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या पर आज शाम इतने बजे तक रहेगा पूजन मुहूर्त, नोट कर लें सही टाइमिंग

Margshirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन बहुत ही खास माना जाता है. यह दिन पितरों को याद करने और उनकी तृप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन इतना पूजनीय होता है कि इस दिन शाम के वक्त भी पूजा-पाठ वगैरह किया जाता है.

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मार्गशीर्ष अमावस्या पर ये शाम को पूजा करने का मुहूर्त (Photo: ITG)
मार्गशीर्ष अमावस्या पर ये शाम को पूजा करने का मुहूर्त (Photo: ITG)

Margshirsha Amavasya 2025: आज मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जा रही है. सभी महीनों में आने वाली अमावस्या बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाती है. यह दिन पितरों को याद करने और पितरों का तर्पण करने के लिए विशेष माना जाता है. कहते हैं कि अमावस्या की मन को एकदम शांत रखना चाहिए. लोग इस तिथि पर स्नान-दान, दीपदान, पितृ तर्पण और घर की सफाई जैसे शुभ कार्य भी करते हैं. इस दिन शाम को पितरों के नाम का पूजन करना अतिफलदायी माना जाता है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर आज शाम कौन कौन से पूजा के मुहूर्त रहेंगे. 

मार्गशीर्ष अमावस्या पर आज शाम ये रहेंगे पूजा के खास मुहूर्त

- गोधूलि मुहर्त- शाम 5 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 52 मिनट तक

- संध्या मुहूर्त- शाम 5 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 46 मिनट तक

- निशित काल- रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 21 नवंबर की रात 12 बजकर 34 मिनट तक, इन तीनों मुहूर्तों में आज शाम श्रीहरि और मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है. 

मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें पितृ पूजन

पितरों को अमावस्या का देवता माना गया है, इसलिए इस तिथि पर किए गए उपाय अत्यंत फलदायी माने जाते हैं. पितरों की तृप्ति के लिए अमावस्या के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को विधि-विधान से भोजन कराएं. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन के कार्यों में आने वाली रुकावटें दूर होने लगती हैं.

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यदि संभव हो तो इस दिन व्रत रखें और अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान दें. शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना जाता है.

मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये उपाय

- दीपक में लौंग डालकर जलाएं

शाम के समय पूर्व या उत्तर दिशा में सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं और उसमें एक लौंग डाल दें. यह नकारात्मक ऊर्जा को शांत करता है और घर में स्थिरता बढ़ाता है. लौंग की सुगंध वातावरण को पवित्र करती है और मन को केंद्रित करती है.

- तुलसी के नीचे जलाएं घी का दीपक

तुलसी माता को अमावस्या के दिन पूजना बहुत ही शुभ माना जाता है. शाम को तुलसी पर हल्का सा जल चढ़ाएं और घी का छोटा दीपक जलाएं. इससे घर में सौभाग्य का प्रवेश होता है और पारिवारिक मतभेद कम होने लगते हैं.

- काले तिल से घर के मुख्य द्वार की शुद्धि

शाम को काले तिल और पानी मिलाकर थोड़ा सा छिड़काव मुख्य द्वार पर करें. मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर यह उपाय घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है.

- पितरों के नाम से दीपदान

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यदि संभव हो तो शाम को एक दीपक पितरों के नाम से जलाकर किसी पेड़ के नीचे रखें. पितृ दीपदान से पूर्वजों की ऊर्जा शांत होती है और रुके हुए कामों में गति आती है. 

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