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'IAS टीना डाबी मैडम तो रील स्टार हैं...' ABVP छात्रों ने जिला कलेक्टर पर किया कमेंट, हो गया विवाद !

बाड़मेर में जिला कलेक्टर IAS टीना डाबी को रील स्टार कहे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया. महिला कॉलेज के बाहर फीस बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के दो छात्र नेताओं को पुलिस थाने ले आई. इसके विरोध में कॉलेज की छात्राएं कोतवाली थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गईं. प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी.

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बाड़मेर जिला कलेक्टर IAS टीना डाबी(File Photo X@dabi_tina)
बाड़मेर जिला कलेक्टर IAS टीना डाबी(File Photo X@dabi_tina)

राजस्थान के बाड़मेर जिले में जिला कलेक्टर IAS टीना डाबी को लेकर की गई 'रील स्टार' वाली टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया. मुल्तानमल भीखचंद छाजेड़ महिला कॉलेज के बाहर फीस बढ़ोतरी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दो छात्र नेताओं को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद महिला कॉलेज की छात्राएं कोतवाली थाने पहुंच गईं और वहीं धरना शुरू कर दिया. छात्राओं का आरोप है कि छात्र नेताओं को फीस बढ़ोतरी के विरोध में नहीं, बल्कि टीना डाबी को 'रील स्टार' कहे जाने के कारण गिरफ्तार किया गया. वहीं जिला प्रशासन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी.

कॉलेज के बाहर चल रहा था प्रदर्शन

जानकारी के अनुसार, महिला कॉलेज की छात्राएं फीस बढ़ोतरी को लेकर कॉलेज के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं. प्रदर्शन में एबीवीपी के छात्र नेता भी शामिल थे. इस दौरान नारेबाजी के बीच जिला कलेक्टर टीना डाबी को लेकर रील स्टार शब्द का प्रयोग किया गया. प्रदर्शन के कुछ समय बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया. गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही कॉलेज की छात्राओं में आक्रोश फैल गया.

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हिरासत के बाद थाने में धरना

छात्र नेताओं को थाने ले जाने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं कोतवाली थाने पहुंचीं और परिसर में ही धरने पर बैठ गईं. छात्राओं ने आरोप लगाया कि टिप्पणी को गलत तरीके से पेश कर कार्रवाई की गई. धरने में शामिल छात्रा हीना खत्री ने कहा कि छात्र नेता ने जिला कलेक्टर को रील स्टार कहा था, लेकिन इसमें कोई आपत्तिजनक या अपमानजनक बात नहीं थी. हीना खत्री के अनुसार, छात्र नेता ने बस इतना कहा कि मैडम रील स्टार हैं. इसमें गलत क्या है? जहां भी सफाई अभियान होता है, वहां मैडम मौजूद रहती हैं और वीडियो बनते हैं. इसमें कोई अपमान नहीं किया गया.

नवों बाड़मेर को लेकर भी जताई नाराजगी

छात्राओं ने प्रशासन के विकास दावों को लेकर भी सवाल उठाए. उनका कहना है कि जिला प्रशासन ‘नवों बाड़मेर’ की बात करता है, लेकिन कॉलेज के आसपास की स्थिति अलग है. छात्रा ने कहा कि कॉलेज की मुख्य सड़क पर कचरा पड़ा रहता है और इस ओर ध्यान दिलाने के लिए ही यह बात कही गई थी.

रोल मॉडल पर बातचीत का भी जिक्र

छात्राओं ने यह भी बताया कि विवाद के दौरान रोल मॉडल को लेकर भी बातचीत हुई थी. उनके अनुसार, कॉलेज में एक शिक्षक ने कहा था कि छात्राओं की रोल मॉडल टीना मैम हैं. इस पर छात्र नेता ने ऐतिहासिक महिला पात्रों का उदाहरण दिया. छात्राओं का कहना है कि इसी बातचीत को जोड़कर मामला बनाया गया.

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धरना खत्म होते ही की गई कार्रवाई

छात्राओं ने पुलिस की कार्रवाई के समय पर भी सवाल उठाए. उनका कहना है कि जब कॉलेज के बाहर धरना चल रहा था, तब कोई गिरफ्तारी नहीं की गई. जैसे ही प्रदर्शन समाप्त हुआ, छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. छात्राओं ने साफ कहा कि जब तक छात्र नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा.

आजतक से बोलीं टीना डाबी 

मामले पर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने आजतक से फोन पर बातचीत में कहा कि इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. टीना डाबी ने कहा, इस तरह के किसी विवाद की बात नहीं है. प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों के साथ बदसलूकी की गई थी. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया था.उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और दोनों छात्र नेताओं को बाद में रिहा कर दिया गया.

बिना मुकदमे के रिहाई

पुलिस सूत्रों के अनुसार, छात्र नेताओं पर कार्रवाई एहतियातन की गई थी और स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. पुलिस का कहना है कि कार्रवाई का उद्देश्य केवल शांति व्यवस्था बनाए रखना था. घटना के बाद सोशल मीडिया पर “रील स्टार” टिप्पणी को लेकर बहस शुरू हो गई. कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ इसे अधिकारियों के प्रति मर्यादा से जोड़ रहे हैं.

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फिलहाल स्थिति सामान्य

छात्र नेताओं की रिहाई के बाद कोतवाली थाने में चल रहा धरना समाप्त कर दिया गया. हालांकि कॉलेज फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्राओं की मांगें अभी बनी हुई हैं. बाड़मेर में यह मामला अब प्रशासनिक कार्रवाई, छात्र आंदोलन और अभिव्यक्ति की सीमा को लेकर चर्चा का विषय बन गया है.

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