तृणमूल कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन भी हुमायूं कबीर की राह चल पड़े हैं. रास्ते की दिशा दोनों की अलग जरूर है, लेकिन मंजिल मिलती जुलती ही है. जगह भी अलग है, लेकिन जिला एक ही है. जाकिर हुसैन भी मुर्शिदाबाद जिले में ही मंदिर बनवाने जा रहे हैं, जहां हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद बनवा रहे हैं.
हुमायूं कबीर के एजेंडे से तो ममता बनर्जी ने पीछा छुड़ा लिया था. टीएमसी से सस्पेंड कराकर. वैसे हुमायूं कबीर ने तो अब अपनी अलग राजनीतिक पार्टी भी बना ली है. जनता उन्नयन पार्टी. पश्चिम बंगाल का चुनाव भी लड़ने जा रहे हैं. और, खुद तो मुर्शिदाबाद की दो-दो विधानसभा सीटों से.
लेकिन अब टीएमसी के ही विधायक जाकिर हुसैन ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. मुर्शिदाबाद में ही मंदिर बनाने का ऐलान करके. अब अगर हुमायूं कबीर की तर्ज पर जाकिर हुसैन के खिलाफ एक्शन की मांग होती है, तो ममता बनर्जी को कोई तर्कसंगत स्टैंड भी लेना पड़ सकता है.
मुर्शिदाबाद में मस्जिद के बाद मंदिर मुद्दा
पश्चिम बंगाल के बनसबती में टीएमसी विधायक जाकिर हुसैन ने एक पब्लिक मीटिंग के दौरान मुर्शिदाबाद में मंदिर बनवाने की चर्चा की. जाकिर हुसैन ने कहा कि धर्म के नाम पर कोई विभाजन नहीं होना चाहिए.
जाकिर हुसैन के मुताबिक, अपने नए प्रोजेक्ट के तहत वो एक मंदिर के साथ साथ एक मस्जिद भी बनवाएंगे. श्रीकृष्ण मंदिर, और मोहम्मदी मस्जिद.
टीएमसी विधायक जाकिर हुसैन ने अपने प्रोजेक्ट के लिए निजी तौर पर एक करोड़ रुपये दान देने की भी घोषणा की है. जाकिर हुसैन ने कहा है कि अपनी तरफ से वो मस्जिद और मंदिर के लिए 50-50 लाख रुपये देंगे.
जाकिर हुसैन का कहना है कि धार्मिक राजनीति में वो विश्वास नहीं रखते, और ये पहल लोगों के बीच प्रेम और भाईचारा बढ़ाने के लिए है. और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, निर्माण का काम विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही शुरू होगा, ताकि इसे किसी भी तरीके से राजनीतिक रंग न दिया जाए.
जाकिर हुसैन के प्रोजेक्ट को टीएमसी नेता गौतम घोष का भी सपोर्ट मिला है. गौतम घोष ने इसे विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे का अनोखा उदाहरण बताया है. गौतम घोष का मानना है कि जाकिर हुसैन की कोशिश से मुर्शिदाबाद जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए मौके पैदा होंगे.
चुनाव से पहले बंगाल में मंदिर-मस्जिद
जाकिर हुसैन की भले ही कोशिश हो कि बंगाल में मंदिर और मस्जिद की राजनीति न हो, लेकिन बीजेपी ने ये मुद्दा लपक लिया है. बीजेपी सांसद मनन कुमार मिश्रा ने जाकिर हुसैन के प्रोजेक्ट पर तीखा हमला बोला है. मनन मिश्रा कहते हैं, अब मंदिरों की बात क्यों करें, और वो कौन सा मंदिर बनाएंगे? जो भी मंदिर बनवाना चाहेगा, बनवा लेगा.
बीजेपी सांसद का कहना है कि अब पश्चिम बंगाल में चुनाव का समय आ गया है, इसलिए राजनीति मंदिरों और मस्जिदों के इर्द-गिर्द घूम रही है. मनन मिश्रा इसे वोटों को बांटने की रणनीति मानते हैं, और कहा है, उनको लगता है कि मंदिरों की चर्चा करके हिंदू उनका समर्थन करेंगे.
मनन मिश्रा का कहना है, ममता बनर्जी और टीएमसी का जो इतिहास रहा है, उसे देखते हुए हिंदू इस बार उनके साथ जाने वाले नहीं हैं... देश में सबसे ज्यादा हिंदू पश्चिम बंगाल में असुरक्षित हैं... मुर्शिदाबाद में तो कोई हिंदू रहना ही नहीं चाहता... मजबूरी में वे लोग वहां रुके हुए हैं, पता नहीं कितने दिन वहां रहेंगे?
जिस मुसीबत से बचने के लिए ममता बनर्जी ने हुमायूं कबीर से पीछा छुड़ाया, जाकिर हुसैन ने वैसी ही मुश्किल फिर से खड़ी कर दी है. तृणमूल कांग्रेस ने तो अपने विधायक मदन मित्रा के बयान से भी दूरी बना ली थी. कुछ दिन पहले ही टीएमसी विधायक मदन मित्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो को बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी की तरफ से सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था.
वीडियो में मदन मित्रा को कहते देखा गया, 'राम मुसलमान थे... हिंदू नहीं.' बवाल मचा तो मदन मित्रा ने सफाई दी. मदन मित्रा ने कहा था, बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी की तरफ से साझा किया गया वीडियो पिछले साल के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए भाषण का एडिटेड वर्जन है. बोले, 'ये एक पुराना वीडियो है... 2024 का... इसे एडिट करके अब पब्लिश किया है... पूरा वीडियो नहीं दिखा रहे हैं.
मदन मित्रा का कहना था, अगर पूरा वीडियो देखा जाए तो मालूम होगा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है. लेकिन, तृणमूल कांग्रेस ने मदन मित्रा की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया था. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना था, जब बात मदन मित्रा की हो, तो हम उनके बयानों पर टिप्पणी करने के योग्य नहीं हैं... हमने रामायण पढ़ी है, हम अयोध्या, लंका और सीतामढ़ी के बारे में जानते हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने मदन मित्रा के बयान से दूरी बनाकर और हुमायूं कबीर को सस्पेंड करके तात्कालिक तौर पर पीछा छुड़ा लिया है, लेकिन जाकिर हुसैन का मामला थोड़ा अलग है. क्योंकि, वो मंदिर बनवाने की बात कर रहे हैं. मंदिर तो ममता बनर्जी ने भी बनवाया है. पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ का मंदिर.