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DRDO लैब में साइबर अटैक नाकाम, सेंसिटिव टाडा चुराने की कोशि‍श

रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) की अनुसंधान लैब डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लैबोरेटरी (DMRL) से साइबर हमले के जरिए संवेदनशील आंकड़ा चुराने के प्रयास को नाकाम कर दिया गया है.

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रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) की अनुसंधान लैब डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लैबोरेटरी (DMRL) से साइबर हमले के जरिए संवेदनशील आंकड़ा चुराने के प्रयास को नाकाम कर दिया गया है.

इस हमले के प्रयास का पता लगाया गया और उसे ब्लॉक करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए. सुरक्षा सॉफ्टवेयर बनाने वाली क्विक हिल ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है.

क्विक हिल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी संजय काटकर ने रिपोर्ट की बातों को साझा करते हुए कहा, 'हम साइनोन नाम से किए गए हमले पर नजर रखे हुए थे. इस साइबर हमले का निशाना डीआरडीओ की अनुसंधान प्रयोगशाला डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लैबोरेटरी थी.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिनोन मुहिम से चलाया गए अभियान का पता पांच सितंबर, 2014 को लगा. काटकर ने कहा, 'इस हमले का तत्काल पता लगाया गया और डीएमआरएल के कंप्यूटर में सुरक्षा समाधान के जरिए इसे ब्लॉक किया गया और यह कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया. हमें यह समझने में दो सप्ताह लग गए कि इस हमले का मकसद घुसपैठ करना और हमारे रक्षा खुफिया से जुड़े आंकड़ों को चुराना था.'

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हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हैदराबाद स्थिति लैब से आंकड़ों की चोरी होने पर किस प्रकार का नुकसान हो सकता था. उन्होंने कहा कि इसमें संवेदनशील आंकड़ों को हासिल करने की क्षमता और उसे हमला करने वाले सर्वर को भेजा जा सकता था. साथ ही हमलावर का अपने कंट्रोल और कमांड केंद्र से मशीन पर पूरा नियंत्रण होता. क्विक हिल की जानकारी से यह पता चला कि हमला वियतनाम में एक सर्वर के जरिए किया गया था, लेकिन सर्वर का पता और अन्य ब्योरा फर्जी हो सकता है. हमलावर के स्थान के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.

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