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राहुल को मसखरा कहने पर भड़की कांग्रेस, बोली-KCR हैं बीजेपी के पिट्ठू

तेलंगाना विधानसभा का चुनाव 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ निर्धारित था, लेकिन टीआरएस दोनों चुनाव अलग-अलग कराए जाने में राजनीतिक लाभ देख रही है. 2014 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में राज्य में टीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 63 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव
टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (केसीआर) द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा मसखरा कहने पर कांग्रेस ने पटलवार करते हुए केसीआर को बीजेपी का पिट्ठू कहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केसीआर आधुनिक समय के मुहम्मद बिन तुगलक और बीजेपी के पिट्ठू हैं. 

तेलंगाना विधानसभा भंग करने और अपने इस्तीफे के बाद प्रेस वार्ता करने आए टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने कहा था कि राहुल गांधी इस देश के सबसे बड़े मसखरे हैं. वे जितना ही तेलंगाना आएंगे उतना ही हमें फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस की दिल्ली सल्तनत (नेहरू-गांधी परिवार) विरासत में मिली और कांग्रेस पार्टी तेलंगाना की सबसे बड़ी खलनायक है.

गौरतलब है कि अपने तेलंगाना दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केसीआर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि तेलंगाना सरकार में एक ही परिवार का राज है. राहुल के परिवारवाद के आरोपों की खीझ प्रेस वार्ता करने आए चंद्रशेखर राव में साफ दिखी.

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अपनी प्रेस वार्ता में केसीआर ने 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा के लिए 105 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए दावा किया कि वे 5 दिसंबर तक फिर से तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद पर काबिज होंगे. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि टीआरएस की तरफ से उन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई जहां विधायक बीजेपी से हैं.

टीआरएस प्रमुख ने राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस को ललकारते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता जमीन पर उतरें और चुनाव लड़ें, जनता जवाब देगी. बता दें कि विधानसभा भंग करने के फैसले पर कांग्रेस ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि केसीआर ने अपनी कब्र खोद ली है.

चंद्रशेखर राव ने दावा किया कि 2014 के समय तेलंगाना की स्थिति विस्फोटक थी, बिजली, सिंचाई, सांप्रदायिक हिंसा समेत कई मुद्दे हावी थे. लेकिन टीआरएस सरकार बनने के बाद जनता इन सभी मुद्दों से मुक्त हो चुकी है. उन्होंने अपने फैसले का समर्थन करने के लिए टीआरएस विधायकों के त्याग को सलाम किया.

बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई जिसमें राज्य विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की गई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्यपाल इएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव सौंपा जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.

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