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जेल में बंद नवजोत सिंह सिद्धू को सता रहा डर, सुपरिटेंडेंट को चिट्ठी लिखकर मांगी सुरक्षा

सिद्धू को 1988 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई थी. दरअसल, सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी. इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. हालांकि, रिपोर्ट में सामने आया था कि शख्स की मौत हार्ट अटैक से हुई. इस मामले में सिद्धू को एक साल की सजा हुई है.

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नवजोत सिंह सिद्धू (File Photo)
नवजोत सिंह सिद्धू (File Photo)

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों पंजाब की पटियाला जेल में बंद हैं. कैद में रहने के दौरान सिद्धू को ये डर सता रहा है कि उनकी जान को खतरा हो सकता है. उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. 

इससे पहले मई 2022 में सिद्धू ने जेल की दाल-रोटी खाने से इनकार कर दिया था. इस फैसले का सीधा असर उनकी सेहत पर दिखने लगा था. तबीयत बिगड़ने के बाद सिद्धू को पटियाला के राजिंद्र हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उनका चेकअप हुआ था. 4 घंटे के चेकअप के बाद उन्हें वापस जेल ले जाया गया था.

जेल का खाना करने से किया था इनकार

दरअसल, सिद्धू ने दावा किया था कि उन्हें गेहूं से एलर्जी है, ऐसे में उन्होंने जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया था. वे जेल की दाल रोटी नहीं खा रहे थे और सिर्फ सलाद खाकर गुजारा कर रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई थी 1 साल की सजा

सिद्धू को 1988 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी. इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. हालांकि, रिपोर्ट में सामने आया था कि शख्स की मौत हार्ट अटैक से हुई.

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निचली अदालत से बरी हो गए थे सिद्धू

इस मामले में सिद्धू को निचली अदालत ने बरी कर दिया था. लेकिन हाईकोर्ट ने सिद्धू को 3 साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद सिद्धू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी गई थी.

अदालत ने सिद्धू पर जुर्माना भी लगाया था

15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को इस मामले में 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. लेकिन पीड़ित के परिजनों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी.

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