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संसद में हुई राहुल गांधी की वापसी, लोकसभा सचिवालय ने जारी की सदस्यता बहाली की अधिसूचना

मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. 134 दिन बाद इस केस में राहुल गांधी की सजा पर SC ने रोक लगा दी. राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं.

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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई. लोकसभा सचिवालय की ओर से इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा और दोषसिद्धि को रद्द कर दिया था. इसी के साथ उनके संसद में वापसी का रास्ता साफ हो गया था. राहुल 2019 लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे.

मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन यानी 24 मार्च को उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. अब 137 दिन बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई.

खड़गे बोले- ये देश के लिए राहत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का फैसला स्वागत योग्य कदम है. यह भारत के लोगों और विशेषकर वायनाड के लोगों के लिए राहत वाला है. भाजपा और मोदी सरकार को अपने कार्यकाल का जो भी समय बचा है, उसका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन पर ध्यान केंद्रित करके करना चाहिए. 

 


वहीं, राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, स्पीकर ने आज फैसला लिया. हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के तुरंत बाद सदस्यता बहाल कर दी गई. 

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राहुल ने 2019 में दिया था बयान

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?'' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. 

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राहुल की सदस्यता हुई थी रद्द

कोर्ट से दोषी ठहराने जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं.



 

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