दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) और केंद्र की बीजेपी सरकार में आने वाले दिनों में तकरार बढ़ सकती है. दिल्ली शासन एक्ट में बदलाव के लिए लाए जाने वाले बिल को लेकर दोनों में घमासान छिड़ गया है. सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता द्वारा विधानसभा और एमसीडी उपचुनाव में खारिज किए जाने के बाद केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार ने दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के लिए बिल को लाने की तैयारी कर ली है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह बिल लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ होगा. इस बिल के माध्यम से बीजेपी उपराज्यपाल के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करने की तैयारी में है. केंद्र सरकार एलजी की शक्तियां बढ़ाकर दिल्ली के विकास को रोकने की तैयारी में है.
उन्होंने कहा कि संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक आर्डर के अतिरिक्त एलजी को अन्य शक्तियां भी देगा. यह बिल जनता द्वारा चुनी AAP सरकार की शक्तियां कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां प्रदान करेगा.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 239 AA की व्याख्या करते हुए कहा था कि दिल्ली में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के पास 3 मुद्दों के अलावा राज्य और समवर्ती सूची के बाकी सभी मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार है. साथ ही उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के लिए गए निर्णयों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे, लेकिन दिल्ली में अपनी हार से तिलमिलाई बीजेपी दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन करने की तैयारी कर रही है.
व्यवधान पैदा करेंगे एलजी...
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बिल के लागू होने के बाद दिल्ली सरकार को जनता के हित के हर मुद्दे को पास करवाने के लिए एलजी से अनुमति लेनी होगी. एलजी पहले की तरह जनता के हितों के हर मामले में दखल देंगे और दिल्ली के विकास को रोकने का काम करेंगे और पहले की तरह ही दिल्ली सरकार के लिए फैसलों में व्यवधान उत्पन्न करेंगे.
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बीजेपी अपने चुनावी घोषणपत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की बात की थी, लेकिन जनता द्वारा नकारे जाने के बाद अब राज्यपाल के माध्यम से शासन में आना चाहती है. बीजेपी विधायकों को खदीरने में फेल होने के बाद अब ये हथकंडा अपना रही है. इधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल सरकार का समर्थन किया है.
In spite of AAP’s support for the dismemberment & downgrading of J&K in 2019, we still condemn this assault on the powers of the elected government of Delhi. Delhi deserves to be a full state with all powers exercised by the elected government & not a nominated LG. https://t.co/FNki0Skzd3
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 15, 2021
उमर ने ट्वीट करके लिखा- '2019 में जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन और राज्य का दर्जा छीने जाने का AAP द्वारा समर्थन किए जाने के बावजूद, हम दिल्ली की निर्वाचित सरकार पर ऐसे हमले की निंदा करते हैं. दिल्ली पूर्ण राज्य का दर्जा पाने की हकदार है और सभी शक्तियां निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए ना कि उपराज्यपाल के पास.'