Tripura Violence/TMC vs BJP: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने त्रिपुरा में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव ((Tripura Local body elections) पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. वहीं त्रिपुरा की सरकार ने सुरक्षा को लेकर विस्तृत जानकारी कोर्ट में दी. अदालत ने कहा चुनाव टालना आखिरी विकल्प होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि DGP और IGP लॉ एंड ऑर्डर बुधवार को राज्य चुनाव आयोग से अर्धसैनिक बलों को लेकर मीटिंग करेंगे. अगर जरूरत लगी तो केंद्र सरकार से आग्रह कर और सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे.सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि त्रिपुरा में चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण हो. DGP और IGP लॉ एंड ऑर्डर बुधवार को राज्य चुनाव आयोग से अर्धसैनिक बलों को लेकर मीटिंग करेंगे. अगर जरूरत लगी तो केंद्र सरकार से आग्रह कर और सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे.
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कौन हैं शायनी घोष, और त्रिपुरा में उनके प्रोटेस्ट-गिरफ्तारी को लेकर क्यों मचा है बवाल?
DGP और IGP लॉ एंड ऑर्डर और होम सेकेट्री ये सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हों. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि FIR ना दर्ज न कर गंभीर आरोप लगे हैं.इसलिए अदालत में कितनी शिकायतें आईं, कितनी FIR दर्ज हुई. क्या कार्यवाही हुई, कितनी गिरफ्तारी हुईं, इस पर डेटा दिया जाए.सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवम्बर तक त्रिपुरा सरकार से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने फैसला सुनाते हुए कहा चुनावों के लिए प्रचार 4 बजे खत्म हो जाएगा. 25 नवंबर को मतदान होना है. 28 नवंबर को मतगणना होगी. ऐसे में चुनाव को टालना गलत मिसाल पेश करेगा.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वो त्रिपुरा के द्वारा दी गई जानकारी को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं.कोर्ट ने TMC की चुनाव टालने की मांग पर कहा कि ऐसा करने से गलत ट्रेंड बनेगा. सुप्रीम कोर्ट में डीजीपी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी राजीतिक पार्टी को चुनाव प्रचार कार्य करने से नही रोका जा रहा है. पुलिस सभी पार्टियो के प्रतिनिधि को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर रही है.
उन्होंने कहा राज्य में सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में त्रिपुरा राज्य के वकील ने कहा केंद्र सरकार की तरफ से पैरामिल्ट्री फोर्स तैनात की गई है. टीएमसी की तरफ से कोर्ट में मांग की गई कि जिस तरह त्रिपुरा में स्थिति है ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर निकाय चुनाव को 1 हफ्ते के लिए टाल दिया जाए.
त्रिपुरा सरकार के वकील ने दलील का विरोध किया
वहीं टीएमसी ने राज्य में सीआरपीएफ कंपनियों की कमी की बात कही, कहा जो भी तैनात.है उन्हें भी हटा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर से कंपनियों को तुरंत हटाने का निर्देश नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि हम राज्य सरकार से कहेंगे कि 25 तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करे और हम 25 को ही सुनवाई कर लेंगे.
आज सुनवाई के दौरान क्या हुआ ?
त्रिपुरा हिंसा पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस की याचिका की सुनवाई हुई. TMC की तरफ से वकील जयदीप गुप्ता (Senior Advocate Jaideep Gupta) ने सुप्रीम कोर्ट को कुछ तस्वीरें दिखाई, उन्होंने कहा त्रिपुरा में गंभीर स्थिति है. वहां पुलिस मौजूद है लेकिन कुछ नहीं कर रही है.पत्रकार की पिटाई की गई है.
नारे लगाने के लिए पार्टी की सदस्य शायनी घोष के खिलाफ FIR दर्ज की गई. पीड़ित होने के बावजूद हत्या के प्रयास के आरोप का सामना करना पड़ रहा है. जयदीव गुप्ता ने कहा व्यक्ति हमला कर रहा है और पुलिस इधर-उधर देख रही है. TMC ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को बावजूद त्रिपुरा में चुनावों को दौरान हालात खराब हो रहे हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा के अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?
इससे पहले त्रिपुरा में चुनाव को लेकर TMC की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनाव कराने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन इलाकों में चुनाव होने हैं वहां सुरक्षा हो और शांति रहे. राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि किसी भी पार्टी को शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक प्रचार के लिए कानून के अनुसार अधिकारों से रोका ना जाए. जिन उम्मीदवारों को सुरक्षा चाहिए, जिले के SP इस बात का आंकलन करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि आवश्यक व्यवस्था की जाएगी. इन निर्देशों पर त्रिपुरा के डीजीपी और गृह विभाग संयुक्त हलफनामा दाखिल करेंगे.
मतदाताओं को किया जा रहा है प्रभावित
TMC के वकील ने कहा कि उनके पास कई वीडियो भी हैं जिनमें मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा है. राज्य की प्रशासनिक मशीनरी और पुलिस काम नहीं कर रही है. स्थानीय निकाय के चुनाव का मतदान 25 नवम्बर को है.
क्या बोले त्रिपुरा सरकार के वकील
त्रिपुरा सरकार की ओर से महेश जेठमलानी (Mahesh jethmalani) ने कहा कि पहले तो याचिकाकर्ताओं कि ओर से हाईकोर्ट में मामले को टालने की मांग की गई. अब सुप्रीम कोर्ट से तत्काल आदेश जारी करने कि मांग की जा रही है. यह याचिकाएं राजनीति से प्रेरित हैं. हाईकोर्ट इस मामले में गौर कर रहा है, जिसने सितंबर में नोटिस जारी किया था.
जेठमलानी ने TMC पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम अनुपालन रिपोर्ट के साथ तैयार हैं. उनका कहना है कि गिरफ्तारी नहीं हो रही है, हर घटना में FIR दर्ज की जा रही है. कुछ मामलों में गिरफ्तारी नहीं की जा रही है क्योंकि वे गंभीर नहीं है. बड़ी अजीब बात है, जब अदालतें छुट्टी पर हैं और कुछ हुआ ही नहीं. आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. अचानक उनके सामने कई घटनाएं आ जाती हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहीं सुनवाई में ये अहम बातें
जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ ने त्रिपुरा सरकार से पूछा कि आज से मतदान और मतों की गिनती तक निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. सुरक्षा के क्या इंतजाम किए जाएंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि तस्वीर में दिखायी दे रहा है कि रैली के दौरान यह घटना हुई. ऐसी स्थिति को क्या कहेंगे. हम चाहते हैं निष्पक्ष और सही चुनाव हो. सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से पूछा है कि क्या BJP विधायक ने तालिबान स्टाइल में हिंसा करने का भाषण दिया था. अगर दिया है तो विधायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ?
भाषण पर किया बचाव
सुनवाई के दौरान त्रिपुरा सरकार की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि हमें नहीं लगता कि ये हिंसा को उकसाने का भाषण था. विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया भी गया है. वहीं TMC की तरफ से जयदीप गुप्ता ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि डर के चलते CPM ने अपने उम्मीदवारी वापस ले ली. अगर हम खड़े नहीं हुए को वहां कोई विपक्ष नहीं होगा. दरअसल TMC का आरोप है कि 18 अगस्त को त्रिपुरा के बीजेपी विधायक अरुण चंद्र भौमिक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 'तालिबानी स्टाइल' में TMC नेताओं पर हमला करने को कहा था.