कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने बुधवार को यह कहकर हलचल मचा दी कि उनके पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कनार्टक में एक ऐसे नेता की जरूरत है जो पार्टी का मार्गदर्शन और नेतृत्व कर सके. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश जरकीहोली यह जिम्मेदारी संभालेंगे, क्योंकि वह पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पित और प्रोग्रेसिव सेच रखने वाले लीडर हैं.
बेलगावी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यतींद्र ने कहा, 'वह (सिद्धारमैया) अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं. ऐसे समय में, एक ऐसे नेता की जरूरत है जो वैचारिक रूप से प्रगतिशील सोच रखता हो और पार्टी का मार्गदर्शन और नेतृत्व कर सके. पार्टी के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध नेता मिलना मुश्किल है, लेकिन सतीश जरकीहोली पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपना काम कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करते रहना चाहिए.'
कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
यतींद्र सिद्धारमैया की इन टिप्पणियों ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के अटकलों को हवा दे दी. आगामी नवंबर में सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बने 2.5 साल पूरे हो जाएंगे. अटकलें तेज हो गई हैं कि कांग्रेस आलाकमान अगले 2.5 वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बदल सकता है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. यतींद्र की हालिया टिप्पणियों को सिद्धारमैया खेमे द्वारा नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में अनुसूचित जनजाति से आने वाले सतीश जरकीहोली को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
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कई कांग्रेस विधायकों ने बार-बार सार्वजनिक रूप से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में आवाज उठाई है और 2023 के चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला दिया है. इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया लगातार दोहराते रहे हैं कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. यतींद्र के बयान पर जैसे ही कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हुईं, उन्हें स्पष्टिकरण जारी करना पड़ा.
सिद्धारमैया के बेटे ने अपने बयान पर दी सफाई
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'मैं बस इतना कह रहा हूं कि जो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखता हो, उसे ही पार्टी और सरकार का नेतृत्व करना चाहिए. मैंने मुख्यमंत्री बदलने की बात नहीं कही है. ये सब अटकलें हैं. कोई भी मुख्यमंत्री बदलने की मांग नहीं कर रहा है. वह (सिद्धारमैया) पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे. साथ ही, मुख्यमंत्री पद पर फैसला आलाकमान और विधायकों को करना है. मेरा बयान मुख्यमंत्री बदलने के बारे में नहीं था.'
यतींद्र सिद्धारमैया की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, डीके शिवकुमार ने कहा, 'आप (मीडिया) उनसे (यतींद्र) पूछें कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है. अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं क्या कह सकता हूं.' कई लोगों का मानना है कि सिद्धारमैया को कांग्रेस विधायकों के एक बड़े वर्ग का समर्थन हासिल है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह समर्थन महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके कई वफादार पहले भी कह चुके हैं कि नेतृत्व में किसी भी बदलाव पर विचार करने से पहले आलाकमान को अंततः विधायकों की राय पर ध्यान देना होगा.
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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर कांग्रेस का स्टैंड
इन आंतरिक चर्चाओं के बावजूद, कांग्रेस आलाकमान ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सार्वजनिक अटकलों के खिलाफ अपना रुख बरकरार रखा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कुछ दिन पहले सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित सत्ता-साझाकरण समझौते की अफवाहों को लेकर कर्नाटक कांग्रेस में दरार की बढ़ती अटकलों को खारिज कर दिया था. उन्होंने भी कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.