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कर्नाटक: चित्तपुर में RSS और भीम आर्मी के मार्च को अनुमति नहीं, प्रशासन ने कहा- बिगड़ सकती है कानून-व्यवस्था

चित्तपुर प्रशासन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को रूट मार्च निकलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि इसी दिन उसी रूट पर भीम आर्मी भी मार्च निकालना चाहती है, जिससे इलाके में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है. उधर, आरएसएस ने इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि भीम आर्मी की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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कर्नाटक में RSS को अनुमति नहीं. (Representative image)
कर्नाटक में RSS को अनुमति नहीं. (Representative image)

कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे के निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भीम आर्मी के प्रस्तावित रूट मार्च को प्रशासन ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि एक ही दिन दो बड़े संगठनों के रूट मार्च से इलाके में तनाव पैदा हो सकता है, जिससे शांति भंग होने का खतरा है. प्रशासन के इस फैसले पर आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐतराज जताया है और संगठन इसे अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.

चित्तपुर के तहसीलदार नागय्या हिरेमठ ने एक आदेश जारी कर दोनों संगठनों को अनुमति देने से मना कर दिया, जिसमें कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को कारण बताया गया. दोनों समूहों ने एक ही दिन रूट मार्च का आयोजन प्रस्तावित किया था, जिसके चलते ये फैसला लिया गया है.

'शांति भंग होने का है खतरा'

तहसीलदार के आदेश में कहा गया है कि एक ही दिन दो बड़े संगठनों के रूट मार्च से इलाके में तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे शांति भंग होने का खतरा है.

इस फैसले के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है और वे इस आदेश को चुनौती देने के लिए कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं. आरएसएस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि ये फैसला पक्षपातपूर्ण है और उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

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भीम आर्मी भी निकलना चाहती है मार्च

दूसरी ओर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये कदम केवल सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है और वे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क हैं.

चित्तपुर में बढ़ी राजनीतिक हलचल

चित्तपुर में इस घटना से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, क्योंकि ये क्षेत्र पहले से ही विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के बीच तनाव का गवाह रहा है.

मंत्री प्रियंक खड़गे ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनके समर्थक इसे प्रशासनिक निर्णय के रूप में देख रहे हैं. दूसरी ओर, विपक्षी दल इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं और इसे सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधने का मौका बना सकते हैं.

क्या है मामला

दरअसल, आरएसएस ने शताब्दी समारोह और विजयादशमी उत्सव के तहत चित्तपुर में जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी. हाल ही में एक आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा प्रियांक खड़गे को कथित तौर पर गाली-गलौज और धमकी देने की घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है. इसी संबंधित एक रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

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