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'सारे कागजात सौंपे, हर सवाल के जवाब दिए...', ED दफ्तर से बाहर निकलकर बोले रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को गुरुग्राम में 3.53 एकड़ जमीन 7.50 करोड़ की कीमत पर कॉलोनी डेवलप करने के नाम पर दी गई थी और हरियाणा सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को लाइसेंस दिया था.

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रॉबर्ट वाड्रा
रॉबर्ट वाड्रा

हरियाणा के शिकोहपुर जमीन घोटाले मामले में रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार को ईडी (ED) के दफ्तर पहुंचे. ईडी ने उन्हें इस मामले में पेश होने के लिए तलब किया था. उन्हें दूसरी बार समन भेजा गया था.

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सूत्रों के मुताबिक, ईडी PMLA के तहत वाड्रा का बयान दर्ज कर रही है. इससे पहले उन्हें आठ अप्रैल को तलब किया गया था लेकिन वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे.

ईडी के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद वाड्रा ने कहा कि मैं इस सरकार से या किसी एजेंसी से डरने वाला नहीं हूं. मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं. मैंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं. लेकिन इसका निष्कर्ष निकलना चाहिए. आप अचानक से पांच या दस साल बाद नींद से जागेंगे और बीस साल पुराने लेनदेन के कागजात मांगेंगे तो यह कहां तक जायज है. 

इस पूरे मामले पर वाड्रा ने कहा कि मेरे खिलाफ ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुझे कुछ छिपाने की जरूरत नहीं है. मैं हर सवाल का जवाब देता रहा हूं और देता रहूंगा. मैं जनता की आवाज को बुलंद करूंगा. जो पूछा जाएगा, बताऊंगा. 

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उन्होंने कहा कि मैं जब लोगों के हित में बोलता हूं तो मुझे दबाया जाता है. ये संसद में राहुल की आवाज दबाते हैं और यहां मेरी. जब भी मैं लोगों की आवाज उठाता हूं, मुझे दबाया जाता है. यह पूछे जाने पर कि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. क्या वह इसके लिए तैयार हैं? इस पर वाड्रा ने कहा कि मैं हर चीज के लिए तैयार हूं. 

वह मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर बोले कि बीस साल से इन्हें कुछ नहीं मिला है. अगर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है तो प्रूफ करो. यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है. सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. 

प्रवर्तन निदेशालय ने शिकोहपुर जमीन घोटाले मामले में रॉबर्ट वाड्रा को तलब किया है. ईडी को शक है कि वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग की है. रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को गुरुग्राम में 3.53 एकड़ जमीन 7.50 करोड़ की कीमत पर कॉलोनी डेवलप करने के नाम पर दी गई थी.

क्या है शिकोहपुर जमीन घोटाला?

यह मामला 2008 का है. उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. हरियाणा सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को लाइसेंस दिया था. लेकिन कॉलोनी विकसित करने की बजाय रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 2012 में 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया था.

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आरोप है कि हरियाणा सरकार से कम दाम पर मिली इस जमीन को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेचकर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने करोड़ों का मुनाफा कमाया था. 

रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 18 सितंबर 2012 को सेल डील के जरिए इस जमीन को तो डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया था लेकिन हरियाणा सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने लाइसेंस को ट्रांसफर करने की फाइनल परमिशन नहीं दी थी.

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