राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने संसद में जारी गतिरोध खत्म कराने के लिए मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं के साथ कई मीटिंग्स कीं. मंगलवार को हुई ऐसी ही मीटिंग में सरकार और विपक्ष के बीच 7 बिल समेत 8 बिजनेस आइटम्स को लेकर सहमति बन गई. इन बिल पर बहस के लिए 17 घंटे का वक्त दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, नायडू ने सरकार और विपक्ष से सदन के कामकाज को सामान्य रूप से चलाने की अपील की. बताया जा रहा है कि मीटिंग के दौरान सरकार ने किसानों के मुद्दे, बढ़ती कीमतें और देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की इच्छा जताई. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने पेगासस मुद्दे (Pegasus) को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा की मांग की.
किन बिलों पर सहमति बनी?
सरकार और विपक्ष के बीच जिन बिलों को लेकर सहमति बनी है, उसमें ट्रिब्यूनल्स रिफॉर्म्स बिल, एयरपोर्ट रेगुलेशन अथॉरिटी बिल, जनरल इंश्योरेंस नेशनलाइजेशन अमेंडमेंट बिल, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप अमेंडमेंट बिल और डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल भी शामिल हैं. इसके अलावा हाल ही में लागू हुए नए आईटी रूल्स (IT Rules) को रद्द करने के लिए बिनय विश्वम और श्रेयस कुमार के नोटिस पर भी विचार होगा.
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लगातार राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने को लेकर नायडू ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और विपक्षी नेताओं के साथ मीटिंग की थी. नायडू ने सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील की थी, क्योंकि विपक्ष लगातार पेगासस मामले को लेकर हंगामा कर रहा है, जबकि सरकार इस पर चर्चा करने से इनकार कर रही है.
सोमवार शाम को वेंकैया नायडू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, सदन के नेता पीयूष गोयल के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग में उन्होंने कहा था कि सरकार और विपक्ष के रुख के कारण सदन का बहुत वक्त बर्बाद हो गया है. उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी.
हंगामे के कारण 133 करोड़ रुपये बर्बाद!
19 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की प्रोडक्टिविटी बहुत कम रही है. राज्यसभा तय समय से 21% तो लोकसभा सिर्फ 14% ही चली है. इससे टैक्सपेयर्स के 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्यसभा से अब तक सिर्फ 4 बिल ही पास हुए हैं. राज्यसभा का 15% वक्त ही बिल पास करने में गया है.