प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दक्षिण गोवा स्थित ऐतिहासिक 'श्री संस्थान गोकर्ण जीवत्तम मठ' में भगवान राम की विश्व की सबसे ऊंची बताई जा रही प्रतिमा का अनावरण करेंगे. यह 77 फीट ऊंची विशालकाय कांस्य प्रतिमा भारत के प्रख्यात शिल्पकार राम सुतार ने तैयार की है, जो गुजरात में बनी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माता भी हैं.
पीएम मोदी दोपहर 3.45 बजे मठ परिसर में पहुंचेंगे. उनकी लैंडिंग के लिए मठ के अंदर ही एक विशेष हेलिपैड बनाया गया है. मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इस समारोह में गोवा के राज्यपाल अशोक गजपति राजू, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल होंगे. आयोजकों के अनुसार, यह हाल के वर्षों में मठ में होने वाले सबसे बड़े आयोजनों में से एक है.
550वें वर्ष का उत्सव ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’
पीएम मोदी, श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ के 550वें वर्ष के उत्सव ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’ के अवसर पर दक्षिण गोवा के कैनाकोना स्थित मठ के दर्शन करेंगे. प्रधानमंत्री श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ में प्रभु श्री राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे और मठ द्वारा विकसित ‘रामायण थीम पार्क गार्डन’ का भी उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे.
द्वैत संप्रदाय का प्रणेता है मठ
श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ, पहला गौड़ सारस्वत ब्राह्मण वैष्णव मठ है. यह द्वैत संप्रदाय का अनुसरण करता है, जिसकी स्थापना जगद्गुरु माधवाचार्य ने 13वीं शताब्दी में की थी. इस मठ का मुख्यालय कुशावती नदी के तट पर, दक्षिण गोवा के एक छोटे से कस्बे पर्तगाली में स्थित है.
77 फीट की भव्य प्रतिमा बनेगी नया आकर्षण
पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट मंत्री दिगंबर कामत ने कहा कि यह प्रतिमा विश्व में भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी, जिससे मठ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता और बढ़ेगी, कांस्य निर्मित यह प्रतिमा आने वाले समय में गोवा पर्यटन के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनने की उम्मीद है.
550 वर्षों की परंपरा का उत्सव
यह अनावरण मठ की '550 वर्ष पुरानी परंपरा' के उपलक्ष्य में 27 नवंबर से 7 दिसंबर तक चल रहे आयोजनों का हिस्सा है. दक्षिण गोवा के कनाकोना स्थित पर्तगाली कस्बे में स्थित यह मठ लगभग 370 वर्ष पहले स्थापित किया गया था और आज भी एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित है. आयोजकों का अनुमान है कि उत्सव के दौरान प्रतिदिन 7,000 से 10,000 श्रद्धालु मठ परिसर पहुंचेंगे. इस अवसर के लिए पूरे परिसर को नए रूप में सजाया-संवारा गया है.