दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है. देशभर में 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है. इनमें लखनऊ, जम्मू-कश्मीर के काज़ीगुंड, शोपियां, पुलवामा और सांबूरा शामिल हैं. यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद के अंतरराज्यीय व्हाइट कॉलर मॉड्यूल की साज़िश को बेनकाब करने के लिए की जा रही है.
लखनऊ–कश्मीर में NIA के छापे
इसी क्रम में NIA की एक टीम ने लखनऊ के कैसरबाग में आतंकी शाहीन के घर और मड़ियांव में परवेज के ठिकाने पर छापा मारा. टीमों ने घरों की तलाशी ली और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज़ और संदिग्ध सामग्री को कब्जे में लिया है. माना जा रहा है कि शाहीन और परवेज का नेटवर्क दिल्ली ब्लास्ट मॉड्यूल के लिए संसाधन और लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध कराता था.
इसी तरह जम्मू-कश्मीर में NIA, स्थानीय पुलिस और CRPF की संयुक्त टीमों ने कई स्थानों पर छापेमारी की है. काज़ीगुंड में डॉक्टर अदील और जासिर बिलाल के घर शोपियां में मौलवी इरफान के आवास, पुलवामा के कोइल में डॉक्टर मुजम्मिल के घर, पुलवामा में आमिर राशिद के निवास पर रेड चल रही है.
जैश मॉड्यूल पर बढ़ा शिकंजा
इन सभी ठिकानों की पहले भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी द्वारा तलाशी ली जा चुकी है. SIA पहले से ही जैश मॉड्यूल की फंडिंग, कॉन्टैक्ट नेटवर्क और ब्लास्ट प्लानिंग से जुड़े पहलुओं की जांच कर रही है. अब NIA ने उसी जांच को आगे बढ़ाते हुए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया है.
NIA को संदेह है कि दिल्ली में ब्लास्ट की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी इन्हीं नेटवर्क्स के संपर्क में थे. जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ आरोपी व्हाइट कॉलर पेशे में होने के बावजूद, मॉड्यूल को तकनीकी सहायता और सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराते थे. डॉक्टर, मौलवी और कारोबारी प्रोफाइल वाले इन लोगों पर आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का शक है.
कई डिजिटल डिवाइस जब्त
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि छापों के दौरान डिजिटल डिवाइस, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन और संदेहास्पद चैट लॉग हाथ लगे हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. आने वाले दिनों में NIA कई और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है.