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'अपनी जेब से दें ना, टैक्सपेयर का पैसा क्यों?' नेशनल हेराल्ड को विज्ञापन देकर घिर गई झारखंड-हिमाचल सरकार

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मात्र 50 लाख रुपये देकर करोड़ों की प्रॉपर्टी कांग्रेस के पास चली जाती है. नेशनल हेराल्ड दैनिक नहीं बल्कि साप्ताहिक पेपर है. अखबार वैसे तो कागज पर छपता है लेकिन कुछ कागजी अखबार होते हैं. कांग्रेस सरकार कौन-कौन से राज्यों से विज्ञापन ले रही है. ये साफ सामने आना चाहिए.

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राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर और सोनिया गांधी
राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर और सोनिया गांधी

नेशनल हेराल्ड का मुद्दा एक बार फिर विवादों में है. ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने सोनिया और राहुल से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की कार्यवाही भी शुरू की है. लेकिन इस बीच हिमाचल प्रदेश और झारखंड की सरकारों की ओर से नेशनल हेराल्ड को विज्ञापन दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जमकर निशाना साधा. 

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं आज नेशनल हेराल्ड की बात करूंगा. नेशनल हेराल्ड का नाम सुनते ही पूरी कांग्रेस पार्टी के ईकोसिस्टम में सेंसेशन होने लगते हैं, सेंसेशन जैसे छटपटाहट, कपकपाहट, थरथराहट, फड़फड़ाहट, डगमगाहट, लड़खड़ाहट और ऐसे सेंसेशन होने लाजिमी भी है क्योंकि चोरी करते हुए पकड़े गए हैं. आजादी के बाद से कांग्रेस को देखेंगे तो इनका एक नहीं अनेक घोटाले सामने आए हैं. लेकिन ये अपने आप में एक ऐसा मॉडल है, जो किसी के गले नहीं उतर रहा.

ठाकुर ने कहा कि नेहरू जी ने 1938 में नेशनल हेराल्ड को शुरू किया था लेकिन वो चल नहीं पाया. फिर 2008 में ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि उसे बचाने के लिए यंग इंडिया के नाम से एक नई कंपनी बनाई गई. यंग इंडिया बनने के बाद 50 लाख रुपये देकर 2000 करोड़ की संपत्ति कांग्रेस के पास चली जाती है. इस कंपनी में गांधी परिवार की 76 फीसदी की हिस्सेदारी है. 

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश और जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन वाली झारखंड सरकार की ओर से नेशनल हेराल्ड को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर सवाल उठाया. ठाकुर ने कहा कि नेशनल हेराल्ड एक समय पर दैनिक अखबार था लेकिन अब यह नियमित रूप से नहीं छपता है. वीकली अखबार है. फिर भी कांग्रेस की सरकारें इसे जमकर विज्ञापन दे रही है. अखबार वैसे तो कागज पर छपता है लेकिन कुछ कागजी अखबार होते हैं. कांग्रेस सरकार कौन-कौन से राज्यों से विज्ञापन ले रही है. ये साफ सामने आना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश में सरकार नहीं चल पा रही है लेकिन इस अखबार के लिए विज्ञापन दे रही है. हिमाचल की कांग्रेस सरकार जब से बनी है, नेशनल हेराल्ड को करोड़ों रुपये दिए गए हैं. नेशनल हेराल्ड को कोई पढ़ता है क्या? सरकार अपनी जेब से पैसा दे, टैक्सपेयर्स का पैसा क्यों दे रही है? उस राज्य का चुना हुआ मुख्यमंत्री ऐसा कैसे कर सकता है? एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी. यह कांग्रेस के करप्शन का मॉडल है. कांग्रेस के दो बड़े नेता जमानत पर बाहर है. उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई सही है. ठाकुर ने कहा कि इनके लिए फैमिली फर्स्ट, पार्टी सेकंड और देश आखिरी में है. 

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हिमाचल और झारखंड की कांग्रेस सरकारों पर क्या आरोप है?

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार और झारखंड की जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन वाली हेमंत सोरेन सरकार पर नेशनल हेराल्ड को करोड़ों रुपयों के विज्ञापन देकर अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप बीजेपी ने लगाया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन की अगुवआई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने नेशनल हेराल्ड और उससे जुड़े प्रकाशनों को करोड़ों रुपये के विज्ञापन देकर अनुचित लाभ पहुंचाया.

वहीं, अनुराग ठाकुर ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर हमला बोलते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ने नेशनल हेराल्ड को झोली भरकर विज्ञापन दिए हैं. हिमाचल के कितने घरों में नेशनल हेराल्ड साप्ताहिक अखबार आती है? उन्होंने कहा कि इस पर भी एक सर्वे होना चाहिए, क्या किसी मीडियाकर्मी के घर में नेशनल हेराल्ड आता है? लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार के द्वारा अखबार को करोड़ों रुपये के विज्ञापन दिए गए हैं.

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में दो करोड़ से ऊपर का विज्ञापन दिया गया. इसकी एक कॉपी आती नहीं है और सीएम कह रहे हैं कि मेरी मर्जी जो करूं. हमारी सरकार है, हमारा अखबार है. दान देने का अधिकार आपको नहीं है. ये हिमाचल के खून-पसीने के मेहनत की कमाई है. आप इसे इस तरह एक परिवार को लुटाने के लिए नहीं दे सकते हैं.

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