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'...कहीं न कहीं एक्टिंग जरूर करता', धनखड़ की बात पर सांसद बोले- हम भी बधाई दे रहे होते

राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले सदन में गर्मा-गर्मी नजर आई तो हल्के-फुल्के, हंसी-मजाक के पल भी. राज्यसभा में ऑस्कर पुरस्कार में आरआरआर के गाने नाटू-नाटू और डॉक्यूमेंट्री एलिफेंट व्हिस्पर्स की सफलता का शोर सुनाई दिया तो ठहाकों की गूंज भी. जगदीप धनखड़ ने बोला कि मैं अगर वकील नहीं होता तो कहीं न कहीं एक्टिंग जरूर करता.

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जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो)
जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो)

संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत हंगामेदार रही. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी तो वहीं राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी होने लगी. कार्यवाही शुरू करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ऑस्कर पुरस्कार में फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू और डॉक्यूमेंट्री एलिफेंट व्हिस्पर्स की सफलता का जिक्र किया.

सभापति ने इनकी सफलता के लिए बधाई दी और फिर सदन में इनकी उपलब्धि पर चर्चा हुई. सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित किए जाने से पहले ऑस्कर पुरस्कार में सफलता पर चर्चा के दौरान कई ऐसे अवसर भी आए जब पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. जगदीप धनखड़ ने भी एक ऐसी बात कही, जिस पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके.

दरअसल ऑस्कर पुरस्कार में बजे भारत के डंके पर चर्चा के दौरान किसी सदस्य ने कह दिया कि परफॉर्मेंस के आधार पर यदि पुरस्कार दिए जाएं तो इस सदन के सदस्यों को अधिक मिलेंगे. इस पर किसी ने कहा कि पुरस्कार के लिए परफॉर्मेंस आधार हो तो वकीलों को मिलेंगे. इसके बाद जगदीप धनखड़ ने कहा कि यदि मैं वकील नहीं बनता तो कहीं न कहीं एक्टिंग जरूर करता.

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सभापति जगदीप धनखड़ के इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंज उठे. किसी सांसद ने पीछे से कहा कि आज जिस तरह की भावनाएं हम यहां व्यक्त कर रहे हैं, इसी तरह की भावनाएं हम आपके लिए भी व्यक्त कर रहे होते. करीब सवा घंटे तक चली राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान ये कोई इकलौता मौका नहीं था जब पक्ष-विपक्ष की नारेबाजी की जगह सदन में ठहाके गूंजे.

खड़गे की बात पर भी हंस पड़े सांसद

इससे पहले चर्चा की शुरुआत में भी ठहाके गूंजे जब पीयूष गोयल के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्तापक्ष पर तंज करते हुए कहा कि ये कहीं यह भी न कह दें कि इस फिल्म के निर्देशक पीएम मोदी हैं. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में सत्तापक्ष को क्रेडिट की होड़ से दूर रहने की नसीहत दी.

मल्लिकार्जुन खड़गे की इस बात पर भी राज्यसभा में मौजूद विपक्ष से लेकर सत्तापक्ष तक के सांसद अपनी हंसी नहीं रोक पाए. ऐसा ही मौका तब भी आया जब यूपी से सपा की सांसद जया बच्चन बोल रही थीं. जया बच्चन ने अपने संबोधन के दौरान शोर को लेकर कहा कि ये क्रॉनिकल डिजीज बनता जा रहा है. जब सभ्यता की बात हो तब तो शांति से सुना करो.

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ये तो बस शुरुआत है- अनुराग ठाकुर

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ऑस्कर की सफलता को लेकर कहा कि आरआरआर फिल्म के नाटू-नाटू गाने ने न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर में दिल जीते. उन्होंने कहा कि ये गर्व का विषय है कि भारतीय फिल्म उद्योग ने ऑस्कर में दो वैश्विक अवॉर्ड्स जीते हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये बस एक शुरुआत है. भारत में वो दमखम है कि दुनिया का कंटेंट हब बन सके. इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा.

अनुराग ठाकुर ने एलिफेंट व्हिस्पर्स को मिले ऑस्कर का भी जिक्र किया और फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों को बधाई दी. डीएमके सांसद वाइको ने एआर रहमान को मिले ऑस्कर का भी जिक्र किया. बाद में सभापति जगदीप धनखड़ ने सुझाव दिया कि मंत्री को सांसदों के लिए आरआरआर की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित करनी चाहिए. मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर सहमति व्यक्त की.

हंगामे के कारण स्थगित हुई कार्यवाही

राज्यसभा में ऑस्कर पुरस्कार की उपलब्धि पर चर्चा के बाद पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के लंदन में वक्तव्य का मुद्दा उठा दिया. इसके बाद सदन में हंगामा हो गया. सत्तापक्ष के सांसद राहुल गांधी माफी मांगों के नारे लगाने लगे तो वहीं विपक्षी सांसदों ने अडानी मुद्दा उठा दिया. विपक्ष ने मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे लगाए. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

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