जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है.
सिंधु जल संधि पर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जो गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर होगी. इस बैठक में जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है.
इससे पहले, गुरुवार को भारत की जल संसाधन सचिव देबाशीष मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैयद अली मुर्तज़ा को पत्र लिखकर इस निर्णय की औपचारिक जानकारी दी.
भारत ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर दी जानकारी
पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान की ओर से निरंतर सीमा पार आतंकवाद के चलते यह निर्णय लिया गया है. यह स्पष्ट किया गया कि "संधियों का पालन सद्भावना और भरोसे के साथ होना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में लगातार आतंक फैलाया जा रहा है, जो इस संधि का उल्लंघन है."
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पत्र में लिखा गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को संधि में बदलाव के लिए नोटिस दिया है. नोटिस में कहा गया है कि संधि की कई मूल बातों में बदलाव आ गया है और इस पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है.
बताए कारण
इसमें कहा गया है, 'जनसंख्या में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और संधि के अनुसार जल बंटवारे को लेकर कई आधारों में बदलाव हुआ है. किसी भी संधि को सही भावना के साथ लागू करना चाहिए लेकिन पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. सुरक्षा को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण भारत संधि प्रदत्त अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पा रहा है.पाकिस्तान ने संधि की कई शर्तों को नहीं माना है और न ही भारत के साथ संधि के बारे में बातचीत के लिए तैयार हुआ है. इसलिए भारत सरकार ने फैसला किया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया जा रहा है.'
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विशेष रूप से, यह कदम ऐसे समय में उठाा गया है जब जब लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन TRF (The Resistance Front) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 26 मासूम लोगों की जान गई थी. इनमें ज़्यादातर पर्यटक थे.