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वक्फ संशोधन पर बीजेपी चलाएगी 'वक्फ सुधार जनजागरण अभियान', नेताओं को सौंपी गई जिम्मेदारियां

देशभर में कार्यक्रम कराने के लिए बीजेपी ने सीनियर नेताओं की एक कमेटी बनाई है, जो देश भर में इस अभियान को देखेंगें. इस कमेटी में बीजेपी महासचिव राधामोहन दास अग्रवाल, दुष्यंत गौतम, अनिल एंटनी, अरविंद मेनन और बीजेपी मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी शामिल हैं.

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वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड

वक्फ संशोधन के खिलाफ पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित कुछ राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके साथ ही वक्फ संशोधन से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और सुनवाई चल रही है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इस कानून के पक्ष में देश भर में मुस्लिम समाज, गरीब मुस्लिमों, पसमांदा समाज और मुस्लिम बुद्धीजीवियों के बीच जा रही है. इसके लिए बीजेपी ने एक अभियान का खाका तैयार किया है, जिसे 'वक्फ सुधार जनजागरण अभियान' का नाम दिया गया है.

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इसके तहत बीजेपी के सीनियर नेताओं और मंत्रियों की राज्यों में सभाएं भी कराई जाएंगी. जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह की उत्तर प्रदेश में तो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू , वक्फ जेपीसी के चेयरमेन रहे जगदंबिका पाल सहित सीनियर नेताओं और मंत्रियों की देश के अलग-अलग हिस्सों में सभाएं कराने की तैयारी हो रही है.

सीनियर नेताओं की कमेटी बनाई गई

देशभर में कार्यक्रम कराने के लिए बीजेपी ने सीनियर नेताओं की एक कमेटी बनाई है, जो देश भर में इस अभियान को देखेंगें. इस कमेटी में बीजेपी महासचिव राधामोहन दास अग्रवाल, दुष्यंत गौतम, अनिल एंटनी, अरविंद मेनन और बीजेपी मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी शामिल हैं. इन नेताओं में राज्यों का बंटवारा कर उन राज्यों की जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है.

राधामोहन दास अग्रवाल को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, दमन दीव, दादरा एवं नगर हवेली की जिम्मेदारी मिली है. जमाल सिद्दिकी को दिल्ली, लद्दाख, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ का जिम्मा सौंपा गया है. अनिल एंटनी को पश्चिम बंगाल, बिहार, अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा की जिम्मदारी दी गई है. इसके अलावा, दुष्यंत गौतम को छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा और उत्तराखंड राज्य की जिम्मेदारी दी गई है.

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इसके साथ ही बीजेपी वक्फ कानून पर देश भर में जनजागरूकता अभियान के तहत वक्फ कानून की सही बातें और फायदे मुस्लिम समाज तक पहुंचाने के लिए 11 सूत्रीय योजना भी तैयार की है. सभी सांसद और विधायक अपने क्षेत्र में कम से कम एक संवाद कार्यक्रम करेंगें.

यह भी पढ़ें: वक्फ कानून का विरोध, केंद्र पर दंगे भड़काने का आरोप, विपक्ष से एकजुटता की अपील... ममता बनर्जी के संबोधन की बड़ी बातें

बीजेपी की क्या-क्या तैयारियां?

  • मुस्लिम और अन्य समुदायों के धर्मगुरु, डॉक्टर, वकील, कलाकार, शिक्षक, महिला कार्यकर्ता, मीडिया और सोशल मीडिया हस्तियों को जोड़कर टाउन हॉल कार्यक्रम किया जाएगा. 
  • महिला नेताओं के साथ विशेष महिला टाउन हॉल राज्य की राजधानी में किया जाएगा.
  • ईसाई समाज के साथ बीजेपी ईसाई सद्भाव बैठक करेगी. 
  • ज़िला स्तर पर सभी जिलों में मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोगों के साथ नागरिक संवाद किया जाएगा.
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रेजेंटेशन किया जाएगा.
  • मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संवाद बैठकें होंगी.
  • मंडल स्तर पर महत्वपूर्ण जगहों पर घर-घर प्रचार अभियान चलाया जाएगा.
  • हर मंडल में महिला संवाद और मुस्लिम महिला संपर्क अभियान चलाएगा जाएगा.
  • डिजिटल अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत हर जिले में ग्राफिक्स, वीडियो संदेश और वॉक्स-पॉप वीडियो के साथ कानून के फायदे डिजिटल प्रचार माध्यम से बताए जाएंगें.
  • राज्य और जिला स्तरीय कार्यशालाएं भी आयोजित कर रही हैं, जिसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कानून की बारिकियां और फायदे बताएंगें.
  • बीजेपी ने अपने नेताओं को साफ कहा है कि इस कानून के पक्ष में रोड शो और यात्रा निकालने से परहेज करें, जिससे सामाजिक समरसता और भाईचारा बना रहे.
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