अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होना है. इस दिन राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी जिसको लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण पर हैं. देश भर के अलग-अलग राज्यों में तैयारियां जोरों पर हैं और हर राम भक्त इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनना चाहता है. सबके मन में बस एक भाव है कि किसी तरह राम मंदिर के इस यज्ञ में एक छोटी सी आहुति उनकी भी हो. इस कड़ी में कलाकार भी अपनी-अपने तरीकों से प्रभु राम को याद कर रहे हैं. जैसे वह राम धुन लिखना हो उसे गाना हो या फिर प्रभु राम को किसी भी तरीके से याद करना हो.
इस बीच दिल्ली के एक आर्टिस्ट ने प्रभु राम के लिए एक ऐसी पेंटिंग बनाई जिसने सब का मन मोह लिया है. पेंटिंग भी ऐसी जिसे बनाने में 7 महीने का वक्त लग गया और उस एक तस्वीर में प्रभु राम के जीवन को पूरी तरह से दिखाया गया है. दरअसल इस कलाकार ने एक पेंटिंग में 108 छोटी-छोटी पेंटिंग्स बनाई हैं. 108 चित्रों के जरिए प्रभु राम के जन्म से लेकर उनके राजतिलक की यात्रा बखूबी दर्शाई गई है.

राजस्थान के रहने वाले महेश वैष्णव पिछले 38 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं. चित्रों को बनाना उनके बचपन का शौक है. वह बताते हैं कि शुरुआत के दिनों में उन्होंने उदयपुर में राजा महाराजाओं की तस्वीर बनाई लेकिन बाद में उन्हें लगा कि अपनी कला का इस्तेमाल उन्हें भगवान की तस्वीर बनाने के लिए करना चाहिए और उसके बाद वह दिल्ली आ गए. यहां आकर उन्होंने सिर्फ और सिर्फ भगवान की ही तस्वीरें बनाईं जिनमें से कुछ के लिए उन्हें अवार्ड भी दिए गए वहीं कुछ को राज्य और नेशनल स्तर पर सम्मानित किया गया.
एक ही पेंटिंग में 108 तस्वीरें
राम मंदिर के उद्घाटन से पहले उन्होंने रामचरितमानस को 108 पेंटिंग के जरिए दर्शाया, जिसमें राम दरबार भी आकर्षण का केंद्र है. इसके साथ ही 109वें नंबर पर अयोध्या में तैयार हुआ राम मंदिर भी बनाया गया है. इस पेंटिंग को एक ही खांचे में तैयार किया गया है जिसमें 108 छोटी-छोटी पेंटिंग बनाई गई है.

पेंटिंग को बनाने वाले कलाकार महेश वैष्णव ने बताया कि उन्हें एक रोज सपना आया, जिसमें हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया और उन्हें यह प्रेरणा दी कि राम मंदिर के उद्घाटन से पहले वह प्रभु राम की जीवन का वर्णन तस्वीरों के जरिए करें. इसके बाद अगली सुबह उठते ही उन्होंने यह तय किया कि वह रामचरितमानस को तस्वीरों के जरिए दिखाने की कोशिश करेंगे. इसमें उन्हें 7 महीने का वक्त लग गया. सबसे पहले उन्होंने तस्वीरों को बनाने के लिए स्केच बनाया, उसके बाद शुरू हुआ इसमें रंग भरने का काम और फिर भव्य राम मंदिर की तस्वीर के साथ यह पेंटिंग खत्म हुई.
केमिकल नहीं गाय के गोबर से तैयार हुई पेंटिंग
इस पेंटिंग की पहली तस्वीर उस यज्ञ से है जिसे प्रभु राम के पिता दशरथ जी करते हैं, जिससे उन्हें पुत्र प्राप्ति हो सके. इसके बाद एक-एक करके श्री राम के जन्म से लेकर उनके जनकपुर प्रस्थान फिर वन गमन रावण मरण और अयोध्या पुणे आगमन दिखाया गया है. खास बात यह है कि 11 फीट बड़ी इस पेंटिंग को कॉटन पर बनाया गया है और इसमें केमिकल्स का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया गया है यानी गाय के गोबर और खाद से बने रंगों से पेंटिंग को बनाया गया है.