प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा आधारशिला रखे जाने के तीन साल की अवधि में, अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के अभिषेक समारोह की तारीख 22 जनवरी 2024 निर्धारित की गई है (Ram Mandir Inauguration). मोदी द्वारा शिलान्यास के बाद 5 अगस्त 2020 को निर्माण कार्य शुरू हुआ. .
भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या भारत के लोगों के लिए महान आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण वर्ष की सबसे बहुप्रतीक्षित परियोजना रही है. 22 जनवरी, 2024 को, उद्घाटन के दिन, यात्री अयोध्या राम मंदिर के दर्शन कर सकेंगे, जो उनके लिए लगभग तैयार है. अयोध्या 23 जनवरी से 10 मार्च तक मंडल उत्सव की मेजबानी करेगा.
इस समारोह में शामिल होने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने क्रिकेटरों, उद्योगपतियों और अभिनेताओं जैसी हस्तियों को निमंत्रण दिया है. सम्मानित अतिथियों की इस सूची में कारसेवकों के परिवार शामिल हैं जो दुनिया भर के 50 विदेशी देशों के एक प्रतिनिधि के साथ आंदोलन का हिस्सा थे.
आमंत्रित हस्तियो में सचिन तेंडुलकर, विराट कोहली, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, रतन टाटा, अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव और मोहन भागवत शामिल हैं.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए 3000 वीवीआईपी और 4000 संतों सहित लगभग 7000 लोगों को आमंत्रित किया है. उद्घाटन समारोह में राजनेताओं, सभी चार शंकराचार्य (चार मुख्य हिंदू मठों के प्रमुख), मशहूर हस्तियों, क्रिकेटरों, पुजारी और अन्य धार्मिक नेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है (Ram Mandir Guest List).
कांग्रेस भले ही बीजेपी से आमने सामने के मुकाबले में बचाव की मुद्रा में आ जाती हो, क्योंकि उसे मुस्लिम पार्टी के रूप में बदनाम कर दिया जाता है, लेकिन जिस तरह से ममता बनर्जी खुलकर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करती हैं, कांग्रेस तो काफी पीछे नजर आती है.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अपनी पूर्णता की ओर है. यह जानकारी मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दी. मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार सजकर तैयार है और परकोटे का कार्य सितंबर तक पूरा हो जाएगा. अध्यक्ष मिश्रा ने बताया, 'मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है.' आजतक पर देखें नृपेंद्र मिश्रा से खास बातचीत.
गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर प्रभु श्रीराम के दरबार सहित कुल 7 मंदिरों में भव्य प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा. अभिजित मुहूर्त और स्थिर लग्न में होने वाले इस आयोजन को अयोध्या और काशी के 101 आचार्य मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से संपन्न कराएंगे. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे.
ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगे कांग्रेस नेतृत्व के लिए हमेशा ही मुसीबत बने रहे हैं, और हिंदुत्व को लेकर तो राहुल गांधी हमेशा ही बीजेपी के निशाने पर रहे हैं. राहुल गांधी ने अब एक जिम्मेदारी भरा रास्ता खोज लिया है. माफी तो नहीं मांगी है, लेकिन कांग्रेस सरकारों की गलतियों की जिम्मेदारी ले ली है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर परिसर का 60 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र होगा और अयोध्या शहर में किसी भी तरह के प्रदूषण को रोकने के लिए पूरे क्षेत्र में जीरो-डिस्चार्ज पॉलिसी का पालन किया जाएगा.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट और यूपी के कई जिलों के डीएम को सोमवार रात धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी गई थी. अयोध्या साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. अयोध्या, बाराबंकी और चंदौली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जांच जारी है.
राम मंदिर में एक और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी चल रही है, जिसमें भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा. राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण जयपुर के कारीगर कर रहे हैं.
ममता बनर्जी का फुरफुरा शरीफ दौरा भी राम मंदिर और महाकुंभ पर तृणमूल कांग्रेस नेता के स्टैंड जैसा ही है - 2026 के चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी मुस्लिम वोट पर पूरा जोर दे रही हैं.
क्या राहुल गांधी के महाकुंभ जाने की चर्चा भी बिल्कुल वैसी ही थी, जैसी राम मंदिर उद्घाटन को लेकर थी? राहुल गांधी ने एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता अख्तियार करने के बजाय ममता बनर्जी और लालू यादव जैसा स्टैंड लिया है?
लालू यादव ने प्रयागराज महाकुंभ पर अपनी जो राय दी है, वो यूं ही नहीं लगती. वो उनका राजनीतिक बयान है. और, साल के आखिर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनावों के हिसाब से भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
राहुल गांधी के महाकुंभ जाने की बात करीब करीब पक्की बताई जा रही है, लेकिन तारीख नहीं. कांग्रेस नेताओं की तरफ से 16 से लेकर 19 तक कई तारीखें बताई जा चुकी हैं, लेकिन कंफर्म इतना ही किया जा रहा है कि 26 फरवरी से पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनो संगम में डुबकी लगा सकते हैं.
अखिलेश यादव प्रयागराज महाकुंभ का न्योता देने से इंतजामों तक को लेकर योगी आदित्यनाथ पर लगातार हमलावर रहे हैं. लेकिन, फिर वो महाकुंभ पहुंचकर डुबकी भी लगा लेते हैं - आखिर समाजवादी नेता को ये काम क्यों जरूरी लगा?
अयोध्या के हासिल से हिंदू समाज खुश है, और महाकुंभ में डुबकी लगाकर सेलीब्रेट भी कर रहा है. लेकिन, राम मंदिर पर राजनीतिक आवाज बुलंद करने वाली बीजेपी को अपने हिस्से की उपलब्धि के लिए अब भी मिल्कीपुर के नतीजे का इंतजार है, ताकि हार के मलाल से उसे मुक्ति मिल सके.
महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोल रखा है. हमले तो अब भी जारी हैं. बिल्कुल राम मंदिर उद्घाटन के पहले जैसे. और, अचानक वो मकर संक्रांति के मौके पर गंगा में डूबकी लगाने की तस्वीर शेयर कर देते हैं - तब अयोध्या की लड़ाई थी, अब मिल्कीपुर की है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे होने पर अयोध्या में अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इसी कड़ी में पहली बार राम मंदिर परिसर में रामलीला का मंचन किया गया. अंगद टीला पर आयोजित इस कार्यक्रम में ठंड को न देखते हुए सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने. खास बात यह रही कि प्रभु श्रीराम की भूमिका का मंचन शम्सुर्रहमान नावेद ने किया.
मिल्कीपुर उपचुनाव की तारीख आ जाने से बीजेपी के पास अयोध्या की हार का हिसाब बराबर करने का मौका आ गया है. समाजवादी पार्टी के सामने भी अपने गढ़ में वर्चस्व बनाये रखने की चुनौती खड़ी हो गई है.
मिल्कीपुर में भी उपचुनाव उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के साथ ही होना था, लेकिन तकनीकी वजहों से नहीं हो सका. महाराष्ट्र विधानसभा के साथ यूपी की 9 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी ने 7 और समाजवादी पार्टी ने 2 सीटें जीती थी - लेकिन मिल्कीपुर ज्यादा महत्वपूर्ण है.
लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन अखिलेश यादव के लिए जबरदस्त उपलब्धि लेकर आया, आगे के लिए हौसला बढ़ाने वाला. समाजवादी पार्टी का अगला मिशन 2027 का यूपी विधानसभा चुनाव है, मंजिल को हासिल करने के लिए हौसले को बरकरार रखना होगा.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी का 33 सीटों पर सिमट जाना योगी आदित्यनाथ के लिए 2024 का सबसे बड़ा झटका रहा है, जिसमें 'अयोध्या की हार' भी शामिल है - नये साल में भी योगी आदित्यनाथ के सामने चुनौतियों की कोई कमी नहीं है.
Ayodhya News: श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली बार रामलला के मंदिर परिसर में बन रहे दूसरे देवी-देवताओं के मंदिरों की तस्वीरें जारी की हैं. इसमें सूर्य मंदिर, गणेश मंदिर, शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और हनुमान मंदिर आदि शामिल हैं.
Ayodhya Tilak Utsav: अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव कार्यक्रम है. विवाह अगले महीने 6 दिसंबर को संपन्न होगा. जनकपुर (नेपाल) से 501 तिलकहरू (तिलक चढ़ाने वाले) अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसके लिए राम नगरी में भव्य तैयारियां की गई हैं.