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महाराष्ट्र: यवतमाल में एक बार फिर शुरू हुआ बाघ का आतंक, शिकार करते कैमरे में हुआ कैद

यवतमाल में अभी लोग अवनी बाघिन का कहर भूल भी नहीं पाए थे कि जंगल के पास के एक गांव में बाघ का नया हमला सामने आया है. इस बार बाघ के हमले की तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई हैं.

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यवतमाल के एक गांव में नजर आया बाघ
यवतमाल के एक गांव में नजर आया बाघ

  • यवतमाल में एक बाघ ने किया जानवरों का शिकार
  • शिकार करते हुए बाघ की तस्वीरें कैमरे में हुईं कैद

महाराष्ट्र के यवतमाल में एक बार फिर बाघ का आतंक शुरू हो गया है. गुरुवार को टिपेश्वर जंगल से सटे सुन्न गांव के आसपास के क्षेत्र में एक बाघ ने गायों और बैल को अपना शिकार बनाया है. इस घटना के बाद यवतमाल के टिपश्वेर जंगल और उससे सटे गांव में बाघ का खौफ बढ़ गया है.

गांव के एक व्यक्ति ने बाघ के एक हमले को अपने मोबाइल की मदद से कैप्चर किया है. इस घटना की तस्वीर उसके मोबाइल में कैद है. बता दें कि टीपेश्वर अभयारण्य क्षेत्र से कई गांव सटे हुए हैं और आसपास के कई किसानों की खेती वहां है.

लोगों में फैला बाघ का डर

वहां के किसानों की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है. लेकिन अब अभयारण्य के बाघ भोजन की तलाश में खेत और गांव की ओर निकल पड़ रहे हैं. गुरुवार को एक किसान के बैल और गाय खेतों में चारा चर रहे थे तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उनकी जान ले ली. जैसे-जैसे बाघ जंगल के पड़ोस के गांवों और खेतों में आते है तो स्थानीय लोगों में डर पैदा हो गया है.

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रेंजर ने कहा- सतर्कता जरूरी

फॉरेस्ट रेंजर विक्रांत खाड़े ने आज तक से इस घटना की पुष्टि की है. फॉरेस्ट रेंजर विक्रांत खाड़े के मुताबिक इस इलाके में 2 बाघ हैं. लेकिन उन्हें पिंजड़े में पकड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है. वन अधिकारी के मुताबिक गांव वालों को सतर्क रहना जरूरी है.

रेंजर ने गांव वालों को हिदायत देते हुए कहा कि जब भी खेत में फसल का काम करने जाएं तो बहुत सुबह न जाएं, शाम को बहुत देर तक खेत में न रुकें और अकेले जंगली इलाकों वाले खेत में न जाएं. लोगों को हरदम अपने पास कोई औजार भी रखना चाहिए.

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2018 में था अवनी का आतंक

आपको याद दिला दें कि 2018 के नवंबर महीने तक अवनी बाघिन का आतंक पांढरकवड़ा वन क्षेत्र में था. पांढरकवड़ा वन क्षेत्र टिपेश्वर जंगल से महज 20 किलोमीटर दूर है. अवनी ने 13 गांव वालों को अपना शिकार बनाया था.

(इनपुट: भास्कर मेहेरे)

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