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महाराष्ट्र के मंत्री हसन मुश्रीफ को राहत, पुलिस ने दाखिल की C समरी रिपोर्ट

हसन मुश्रीफ ने 23 फरवरी 2023 को कोल्हापुर ज़िले के मुरगुड पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्होंने अंतरिम राहत की मांग करते हुए कहा था कि जब तक सुनवाई पूरी न हो, पुलिस उनके खिलाफ कोई दबावमूलक कार्रवाई न करे.

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महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ (File Photo)
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ (File Photo)

महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ के खिलाफ दर्ज एक मामले में कोल्हापुर पुलिस ने C समरी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. यह जानकारी बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से दी गई. अतिरिक्त सरकारी वकील आशिष सटपुते ने न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश एस पाटिल की खंडपीठ को बताया कि पुलिस ने अक्टूबर 2023 में ही यह रिपोर्ट दाखिल कर दी थी.

कोर्ट ने यह जानकारी मिलने के बाद मंत्री हसन मुश्रीफ के वकील आबाद पोंडा और प्रशांत पाटिल से कहा कि जब C समरी रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है, तो उनकी याचिका में अब कुछ बचा नहीं है.

क्या होती है C समरी रिपोर्ट?

C समरी रिपोर्ट वह होती है जिसमें पुलिस यह निष्कर्ष निकालती है कि मामला न तो पूरी तरह सत्य है और न ही पूरी तरह असत्य. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब कोई तथ्यात्मक गलती हो या मामला सिविल प्रकृति का हो. यह रिपोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल की जाती है, जो तय करती है कि केस बंद किया जाए या आगे की जांच हो.

क्या था मामला?

हसन मुश्रीफ ने 23 फरवरी 2023 को कोल्हापुर ज़िले के मुरगुड पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्होंने अंतरिम राहत की मांग करते हुए कहा था कि जब तक सुनवाई पूरी न हो, पुलिस उनके खिलाफ कोई दबावमूलक कार्रवाई न करे.

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मुश्रीफ ने आरोप लगाया था कि यह FIR राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज की गई थी, और इसके पीछे भाजपा नेता किरीट सोमैया का हाथ था. उन्होंने यह भी कहा कि FIR की कॉपी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थी, लेकिन सोमैया ने इसे अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जबकि उन्हें खुद कोर्ट से प्रमाणित प्रति पाने में कई दिन लग गए.

हसन मुश्रीफ ने यह भी आरोप लगाया कि FIR दर्ज करवाकर जानबूझकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को उनके खिलाफ जांच शुरू करने का आधार दिया गया.

कोर्ट का रुख

मार्च 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोल्हापुर पुलिस को निर्देश दिया था कि वे हसन मुश्रीफ के खिलाफ कोई दबाव वाली कार्रवाई न करें और चार्जशीट भी दाखिल न करें, हालांकि जांच जारी रखी जा सकती है.

अब जबकि पुलिस ने C समरी रिपोर्ट दाखिल कर दी है, मामला बंद होने की दिशा में बढ़ता दिख रहा है. यह राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चित मामला रहा, विशेषकर उस वक्त जब मुश्रीफ ने शरद पवार की एनसीपी छोड़कर अजित पवार गुट का समर्थन कर भाजपा के साथ सत्ता में भागीदारी की थी.

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