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दिल्ली कैबिनेट ने सोलर पॉलिसी को दी मंजूरी, सरकारी बिल्डिंग में सोलर सिस्टम जरूरी

सोलर पॉलिसी के तहत सरकार अगले 5 साल तक 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगी. इसके तहत नेट मिटरिंग की छूट होगी. ग्रुप नेट मिटरिंग की भी इजाजत होगी. ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए वर्चुअल नेट मिटरिंग होगा.

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सोलर पॉलिसी को मंजूरी
सोलर पॉलिसी को मंजूरी

दिल्ली कैबिनेट ने नई सोलर पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. पॉलिसी के तहत सरकार ने साल भर में 1000 मेगावाट सोलर पावर तैयार करने का लक्ष्य रखा है.

दिल्ली में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के मकसद से केजरीवाल सरकार ने नई सोलर पॉलिसी को मंजूरी दी है. कैबिनेट की बैठक के बाद दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसका ऐलान किया.

सोलर पॉलिसी के तहत सरकार अगले 5 साल तक 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगी. इसके तहत नेट मिटरिंग की छूट होगी. ग्रुप नेट मिटरिंग की भी इजाजत होगी. ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए वर्चुअल नेट मिटरिंग होगा.

नई सरकारी बिल्डिंग में सोलर सिस्टम जरूरी
सभी नई सरकारी बिल्डिंग में सोलर सिस्टम अनिवार्य होगा जबकि पुरानी बिल्डिंग में भी इसे लगवाने की कोशिश की जाएगी. 200 केवी तक के सोलर प्लांट पर वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होगी. इससे तैयार होने वाली बिजली को दिल्ली सरकार खरीदेगी. पूरी प्रक्रिया के लिए आईपीजीसीएल को नोडल एजेंसी बनाया गया है. ऊर्जा मंत्री के मुताबिक सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित इन्सेंटिव भी दिया जाएगा.

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छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए भी सरकार ने 2 मीटर की ऊंचाई तक छूट का प्रावधान किया है. यानी कुल मिलाकर कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा घरों में सोलर ऊर्जा तैयार हो.

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