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नीतीश को लालू की हरी झंडी, 15 फरवरी से पहले बन सकते हैं बिहार के CM

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद बिहार की राजनीति में भारी फेरबदल होने के संकेत हैं. खबरों के मुताबिक, अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की कमान एक बार फिर नीतीश कुमार को सौंपी जा सकती है. समझा जा रहा है कि इस बाबत लालू प्रसाद ने भी जेडीयू को हरी झंडी दे दी है.

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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद बिहार की राजनीति में भारी फेरबदल होने के संकेत हैं. खबरों के मुताबिक, अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की कमान एक बार फिर नीतीश कुमार को सौंपी जा सकती है. समझा जा रहा है कि इस बाबत लालू प्रसाद ने भी जेडीयू को हरी झंडी दे दी है. वहीं बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने भी दावा किया है कि 15 फरवरी से पहले जीतन राम मांझी को हटाकर नीतीश कुमार सीएम बन सकते हैं.

अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने पिछले दिनों लालू प्रसाद से मुलाकात की और मौजूदा हालात पर विचार किया. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि अपना नेता चुनने का अधिकार जेडीयू को है और उन्होंने पार्टी का साथ इसलिए दिया कि वह 'सांप्रदायि‍क ताकतों' को रोकना चाहते हैं.

गौरतलब है कि बीजेपी का दामन छोड़ने के बाद प्रदेश में आरजेडी ने जेडीयू सरकार का समर्थन किया, वहीं अब दोनों दल मिलकर विधानसभा चुनाव के लिए 'जनता दल परिवार' के गठन की ओर बढ़ चले हैं, जबकि एक हाई वॉल्टेड ड्रामा के बाद नीतीश कुमार के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन इसके बाद से ही नीतीश पर रिमोट से सरकार चलाने और फिर से सीएम बनने की लालसा पालने के आरोप लगते रहे हैं.

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दूसरी ओर, बीते कुछ दिनों से मांझी के बड़बोलेपन और नरेंद्र मोदी के समर्थन में बयानबाजी से भी जेडीयू सरकार की खूब किरकिरी हुई है. लालू प्रसाद पहले नीतीश को बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते थे, लेकिन समय से साथ या यह कहें कि सियासत की गर्मी ने इस बर्फ को भी पिघलने पर मजबूर कर दिया है. दोनों नेता अब साथ मंच साझा करने से भी गुरेज नहीं करते. ऐसे में नीतीश को लालू की हरी झंडी कोई खास अचरज पैदा नहीं करती है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि शरद यादव की असली परीक्षा पर सत्ता के फेरबदल को बिना किसी शोर के अंजाम तक पहुंचाना है. पिछले कुछ दिनों से मांझी अपने 'आका' नीतीश के खि‍लाफ भी बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे हैं. मांझी ने हाल ही यह भी कहा कि अगला सीएम कोई दलित ही होगा. ऐसे में मांझी को पद छोड़ने के लिए मनाना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. सोमवार को लालू प्रसाद ने नीतीश का पक्ष रखते हुए कहा, 'उन्होंने एक दलित को आगे बढ़ाने के लिए अपना पद छोड़ा. ऐसे में नीतीश को समर्थन देना बनता है.' लालू ने आगे कहा कि वह नहीं जानते कि नीतीश फिर से सीएम बनना चाहते हैं या नहीं, लेकिन अगर जेडीयू विधायक दल उन्हें नेता चुनता है तो वह उनका समर्थन करेंगे.

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सत्ता से दूर नहीं रह सकते नीतीश
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी दावा किया है कि 15 फरवरी तक जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नीतीश कुमार फिर से सीएम बन सकते हैं. सुशील मोदी की दलील है कि नीतीश ज्यादा दिनों तक सत्ता से दूर नहीं रह सकते. जेडीयू खेमे से एक खबर यह भी है कि अगर दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनती है तो मोदी के विरोधियों में नई ऊर्जा का संचार होगा.

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