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बिहार: जदयू के अंदर जारी शीतयुद्ध सतह पर, पावर सेंटर की लड़ाई में बिखरने लगी जदयू

बिहार में जदयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. आरपीसी सिंह का राज्यसभा टिकट कटने के बाद समर्थक खुलकर पार्टी विरोधी टिप्पणी सोशल मीडिया पर करने लगे हैं. 

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आरसीपी सिंह फाइल फोटो
आरसीपी सिंह फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ टिप्पणी बर्दाश्त नहीं
  • आरसीपी समर्थक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कर रहे मांग

बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू में हाल के दिनों में अंदर ही अंदर कई मामलों को लेकर शीतयुद्ध जारी था. इसमें प्रमुख तौर पर ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच पावर सेंटर को लेकर चली सियासी लड़ाई थी. जिसमें आरसीपी और ललन के कार्यकर्ता अलग हो गए. एक ही पार्टी में दो पावर सेंटर की ये लड़ाई शीतयुद्ध से कब सतह पर आ गई किसी को पता नहीं चला. लेकिन अब जब प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पार्टी की मर्यादा को लेकर लगातार चेतावनी देने के साथ पत्र जारी कर रहे हैं, तो पूरा मामला खुलकर सामने आ रहा है. 

आरसीपी समर्थक कर रहे पार्टी विरोधी टिप्पणी
आरपीसी सिंह का राज्यसभा टिकट कटने और मंत्री पद जाने की अटकलों के बीच आरसीपी समर्थक खुलकर पार्टी विरोधी टिप्पणी सोशल मीडिया पर करने लगे हैं. ये सब देखने के बाद प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पत्र जारी कर कार्यकर्ताओं को कड़ी हिदायत दी है. पत्र में उमेश कुशवाहा की ओर से कहा गया है कि पार्टी की छवि खराब करने की कोशिशों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो ऐसा कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा.
 
पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ टिप्पणी बर्दाश्त नहीं
उन्होंने कहा है कि पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले लोग बिल्कुल पार्टी के हितैषी नहीं हो सकते. जदयू लोहिया और जेपी के साथ कर्पूरी की विचारधारा वाली पार्टी है. और पार्टी के सर्वमान्य नेता सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार हैं. इसकी एक अलहदा पहचान है. हमारी पार्टी फेसबुक, यू ट्यूब और व्हाट्एप पर पार्टी के खिलाफ अभियान चलाने वालों को छोड़ेगी नहीं. उमेश कुशवाहा ने पत्र जारी कर आम कार्यकर्ताओं को इन पचड़ों में ना पड़ने की सलाह भी दी है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया का प्रोयग सामाजिक कार्यों और दायित्यों के लिए करने की सलाह दी है.

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आरसीपी समर्थक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कर रहे मांग
आपको बता दें कि आरसीपी सिंह को चाहने वाले सोशल मीडिया पर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. आरसीपी सिंह से मुलाकात कर फोटो फेसबुक पर डालकर बहुत कुछ लिख रहे हैं. पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कई तरह की बातें लिख रहे हैं. जिससे पार्टी पूरी तरह असहज स्थिति में है. आरसीपी के साथ ललन सिंह के कार्यकर्ता भी कमतर नहीं हैं. उन्होंने भी कई तरह की टिप्पणी की है. इधर, पावर सेंटर ललन सिंह की तरफ जाते ही कई आरसीपी सिंह समर्थक ललन की शरण में आए बताए जाते हैं.

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए चिंता
राजनीतिक जानकारों की मानें, तो पार्टी की ओर से जारी किया गया पत्र जदयू में लगातार जारी शीतयुद्ध को शांत करने की जगह पार्टी नेतृत्व के फैसलों पर सवाल खड़ा करने लगा है. पत्र जारी करने के बाद कार्यकर्ता कानाफूसी कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह से आरसीपी को दबाया जाएगा, तो पार्टी में रहना होगा कि जाना ये वो लोग बाद में तय करेंगे. पत्र उनकी आवाज को दबाने के लिए जारी किया गया है. इधर पार्टी के अंदरूनी झगड़े सोशल मीडिया पर आने के बाद पार्टी के कुछ नेता चिंतित हैं कि आखिर 2024 के लोकसभा चुनाव तक ये शीतयुद्ध जारी रहा तो वे क्या करेंगे.

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