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दो वोटर कार्ड होने पर कानूनी एक्शन संभव? क्या तेजस्वी यादव के चुनाव लड़ने में आएगी बाधा

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्होंने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में EPIC नंबर RAB2916120 वाले वोटर आई कार्ड से मतदान किया था, जो अब ड्राफ्ट रोल से गायब है. इसके बजाय चुनाव आयोग ने ECI लिस्ट में तेजस्वी का नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है. अब इसे लेकर ही तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनके पास दो-दो वोटर आई कार्ड हैं.

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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Photo: PTI)
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Photo: PTI)

बिहार में चुनाव आयोग की तरफ से चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर पहले से ही सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. अब पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड होने का मामला गरमा गया है. चुनाव आयोग ने रविवार को चिट्ठी लिखकर आरजेडी नेता तेजस्वी से मतदाता पहचान पत्र (EPIC) नंबर का ब्यौरा देने को कहा है.

तेजस्वी के पास दो-दो वोटर कार्ड

तेजस्वी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि राज्य के वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में उनका नाम नहीं है और एक अगस्त 2025 को प्रकाशित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट से उनका नाम गायब है. हालांकि आयोग की तरफ से इस दावे को खारिज कर दिया गया है और उनसे दूसरे वोटर कार्ड की डिटेल मांगी गई है. आयोग ने आरजेडी नेता तेजस्वी के दावे को निराधार बताते हुए वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी किया, हालांकि इस लिस्ट उनका EPIC नंबर अलग था.

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तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्होंने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में EPIC नंबर RAB2916120 वाले वोटर कार्ड से मतदान किया था, जो अब ड्राफ्ट रोल से गायब है. इसके बजाय चुनाव आयोग की लिस्ट में तेजस्वी का नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है. अब इसे लेकर ही तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनके पास दो-दो वोटर कार्ड हैं.

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दो अलग-अलग EPIC नंबर

तेजस्वी यादव बिहार की दीघा विधानसभा सीट के वोटर हैं, लेकिन राज्य विधानसभा में विधायक के तौर पर वह राघोपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. दीघा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) ने आरजेडी नेता को चिट्ठी लिखकर कहा कि जांच में पता चला कि आपका नाम मतदान केंद्र संख्या 204 के सीरियल नंबर 416 पर दर्ज है, जिसका EPIC नंबर RAB0456228 है.

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी ने चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना EPIC नंबर RAB2916120 भरकर, वहां मौजूद पत्रकारों के सामने कैप्चा डाला, जिससे पत्रकारों को पता चला कि उनका नंबर गायब है. तेजस्वी ने तब चुनाव आयोग पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया था और चुनाव आयोग से पूछा था कि जब उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में ही नहीं है, तो वे आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ेंगे.

एनडीए के नेताओं ने चुनाव आयोग से तेजस्वी यादव के दो वोटर कार्ड का संज्ञान लेने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का अपील की है. बीजेपी और बिहार में उसके सभी सहयोगी दलों के नेताओं का साफ कहना है कि तेजस्वी के पास दो वोटर कार्ड कहां से आए, किसी भी व्यक्ति के पास दो मतदाता पहचान पत्र होना अपराध है.

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क्या कहना है कानून?

भारत में एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड होना कानूनन अपराध है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत एक गंभीर उल्लंघन माना जाता है. दो वोटर आईडी कार्ड रखने पर किसी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना, जेल या दोनों शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा यह तेजस्वी यादव जैसे किसी नेता के चुनाव लड़ने की योग्यता को भी प्रभावित कर सकता है.

ये भी पढ़ें: उल्टा पड़ा तेजस्वी यादव का दांव? चुनाव आयोग ने शुरू की दूसरे वोटर कार्ड की जांच... फर्जीवाड़े का शक गहराया

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति का नाम सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दर्ज हो सकता है. एक से ज्यादा वोटर कार्ड रखना या एक ही व्यक्ति के नाम पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) होना गैरकानूनी है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के तहत, एक व्यक्ति का नाम एक से ज्यादा वोटर लिस्ट में नहीं हो सकता.

वोटर राइट हो सकता है सस्पेंड

दो वोटर आईडी कार्ड रखना वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट एंट्री माना जाता है, जो गैरकानूनी है. धारा 31 के तहत, अगर कोई व्यक्ति वोटर लिस्ट में गलत जानकारी देता है या फर्जी दस्तावेज पेश करता है, तो यह अपराध माना जाता है. अगर दूसरा वोटर आईडी कार्ड फर्जी दस्तावेज देकर बनवाया गया है, तो कानूनी तौर पर जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है.

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तेजस्वी अगर दो वोटर आईडी कार्ड रखने के दोषी पाए जाते हैं, साथ ही यह साबित होता है कि उन्होंने दूसरा वोटर आईडी कार्ड गैरकानूनी तरीके से बनाया गया है, तो यह एक गंभीर चुनावी अपराध माना जाएगा. इस मामले में उनका वोटिंग राइट यानी मतदान का अधिकार सस्पेंड हो सकता है और उनपर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि वोटर लिस्ट में किसी भी सूरत में डुप्लीकेट एंट्री न हों. अगर कोई व्यक्ति दो वोटर आईडी कार्ड रखता है, तो आयोग इसकी जांच करता है और डुप्लीकेट एंट्री को हटाने की प्रक्रिया शुरू करता है. साथ ही, अगर फर्जीवाड़ा पाया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाती है.

ECI ने दिए फर्जीवाड़े के संकेत

चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव का नाम जिस EPIC नंबर से दर्ज है, वह उस वोटर कार्ड से अलग है, जो तेजस्वी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिखाया था. अब बीजेपी और जेडीयू ने तेजस्वी पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप लगाया है. BJP ने इसे 'चुनावी घोटाला' करार दिया और चुनाव आयोग से तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उनका वोटिंग राइट सस्पेंड करने की मांग की है. 

चुनाव आयोग ने इस मामले में तेजस्वी को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे दो वोटर आईडी कार्ड के मामले में जवाब मांगा गया है. आयोग ने शक जताया है कि दूसरा EPIC नंबर (RAB2916120) फर्जी हो सकता है या गैरकानूनी तरीके से बनाया गया हो सकता है, क्योंकि यह पिछले दस साल के रिकॉर्ड में नहीं मिला. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में EPIC नंबर- RAB0456228 के आगे तेजस्वी का नाम दर्ज है.

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ये भी पढ़ें: क्या तेजस्वी यादव का वोटर आईडी नंबर बदल गया? दो EPIC नंबर पर तेजस्वी vs चुनाव आयोग

अब तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना होगा, कि उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड कैसे आए. फिर चुनाव आयोग उनके जवाब की जांच करेगा और अपना रिकॉर्ड चेक करेगा. अगर यह साबित हो जाता है कि तेजस्वी ने जानबूझकर दो वोटर आईडी कार्ड रखे या फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, तो उनके सामने बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. 

उम्मीदवारी रद्द होने का खतरा

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, चुनावी धोखाधड़ी या गलत जानकारी देने पर उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है या उन्हें अस्थायी रूप से चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है. अगर वोटर आईडी कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो तेजस्वी का वोटिंग अधिकार अस्थायी रूप से निलंबित हो सकता है. अगर दूसरा वोटर आईडी कार्ड फर्जी पाया जाता है, तो तेजस्वी पर मुकदमा दर्ज हो सकता है.

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी के विरोधियों के लिए यह विवाद एक 'मौका' लेकर आया है. पहले आरजेडी, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल SIR की प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साध रहे थे. लेकिन अब हवा उल्टी बह चली है, क्योंकि अब जेडीयू-बीजेपी जैसी पार्टी दो वोटर आईडी कार्ड के लिए तेजस्वी को ही घेर रही हैं. 

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कैसे बच सकते हैं तेजस्वी? 

चुनाव आयोग के सामने अगर तेजस्वी यह साबित कर देते हैं कि दूसरा EPIC नंबर (RAB2916120) गलती से या तकनीकी खामी के कारण उनके पास था, और उन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया, तो वह कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी नेता ने खुद यह दावा किया था कि बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने इसी आईडी कार्ड से वोट डाला था. 

अगर वह दावा कर सकते हैं कि दूसरा वोटर आईडी पुराना या डिएक्टिव है, और उन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया. हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा है कि यह नंबर पिछले 10 साल के रिकॉर्ड में नहीं मिला, जो शक की सुई को तेजस्वी की तरफ ही ले जाता है. अब तेजस्वी को आयोग के नोटिस के जवाब में यह साफ करना होगा कि दूसरा EPIC नंबर कहां से आया. साथ ही कार्रवाई से बचने के लिए संतोषजनक जवाब देना होगा.

अगर किसी आम नागरिक के पास गलती से दो वोटर आईडी कार्ड हैं, तो कानूनी परेशानी से बचने के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करना चाहिए. ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीकी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) या बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करना चाहिए और दो कार्ड के बारे में जानकारी देनी चाहिए. फॉर्म 7 (मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए) भरकर एक वोटर आईडी को हटाने की अपील करनी चाहिए. यह ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है.

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