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'राहुल गांधी ने मेरे छोटे भाई तेजस्वी को...', चिराग पासवान बोले, नीतीश संग मतभेद के सवाल का भी दिया जवाब

चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में एनडीए की तैयारियों पर कहा कि सीटों का बंटवारा पार्टी की जीत क्षमता के आधार पर होगा और किसी तरह की खींचतान नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन की सबसे मजबूत कड़ी बताया.

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बिहार चुनाव के लिए LJP ने NDA सहयोग को प्राथमिकता बताया (Photo: PTI)
बिहार चुनाव के लिए LJP ने NDA सहयोग को प्राथमिकता बताया (Photo: PTI)

बिहार में आगामी चुनावों को लेकर एनडीए गठबंधन की तैयारियों पर आजतक के साथ इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपनी रणनीतियों का खुलासा किया. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई खींचतान नहीं है और इसका आधार दलों की जीतने की क्षमता होगी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन की सबसे मजबूत कड़ी बताया. वहीं, चिराग पासवान ने 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' की अपनी सोच पर जोर देते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, जिसका अंतिम निर्णय संसदीय बोर्ड करेगा. 

चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव से पहले मीडिया में जो नैरेटिव सेट किया जाता है, उसमें एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर दिक्कत दिखाई जाती है, जबकि वास्तविकता में गठबंधन में हर दल अपनी क्षमता के अनुसार सीटें पाने का प्रयास करता है. 

उन्होंने कहा, 'हमारी सेना भी तैयार है, हमारे सेनापति भी तैयार हैं. हर चुनाव से पहले महागठबंधन और एनडीए में नैरेटिव सेट करने की कोशिश होती है, लेकिन हकीकत में स्थिति पूरी तरह अलग होती है.'

सीटों की मांग और मिथक पर टिप्पणी

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जीतनराम मांझी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. इस पर चिराग ने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक बयान है और सीटों के बंटवारे पर अभी तक कोई फाइनल निर्णय नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन के भीतर चर्चाएँ अभी चल रही हैं और सीटें उनकी सामर्थ्य और जीतने की क्षमता के आधार पर दी जाएंगी.

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चिराग ने अपने अनुभव का हवाला देते हुए कहा, "हर लोकसभा चुनाव में हमें जितनी सीटें दी गईं, उन पर हमने उच्च सफलता हासिल की. 2024 में भी यही प्रक्रिया जारी रहेगी."

उम्मीदवार चयन में विनेबिलिटी के अलावा अन्य फैक्टर्स

चिराग ने बताया कि सीट बंटवारे में केवल जीतने की क्षमता नहीं, बल्कि उम्मीदवार की पढ़ाई-लिखाई, साफ छवि और युवा व महिला प्रतिनिधित्व भी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अधिकतम महिलाओं और युवाओं को मौके देना है.

"ये सारे फैक्टर्स जरूरी हैं, लेकिन अंत में यह भी देखा जाता है कि दल कहाँ कितना मजबूत है," उन्होंने कहा.

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नीतीश कुमार के साथ गठबंधन और नेतृत्व की भूमिका

चिराग पासवान ने कहा कि इस बार एनडीए में वे पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने नीतीश कुमार को गठबंधन की सबसे मजबूत कड़ी बताते हुए कहा, "दो तरीके से देखा जा सकता है—या तो 20 साल के अनुभव के तौर पर या 20 साल के ऐंटी-इनकंबेंसी के रूप में. मैं अनुभव को प्राथमिकता देता हूं."

उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका समर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अतुलनीय है और उनकी पार्टी पूरी तरह एनडीए के साथ है.

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विपक्षी गठबंधन और उनके बयान

चिराग पासवान ने विपक्ष की गतिविधियों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा और उनके दावों से यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष में अपने वर्चस्व को दिखाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा, "जब कोई बड़ा चेहरा चुनाव को प्रभावित कर सकता है, तो वह हर सीट पर अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहता है."

चिराग ने यह भी कहा कि विपक्ष में कई दल अलग चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, और ऐसे में उनके बयान से दरार का नैरेटिव फैलता है.

उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने मेरे छोटे भाई तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किया. तेजस्वी को इससे निश्चित रूप से चोट पहुंची होगी."

चिराग ने आगे कहा कि तेजस्वी आज फिर से एक दौरे पर निकल गए हैं. मैं समझ नहीं पा रहा कि इसका क्या मतलब है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है.

जंगलराज का मुद्दा और बिहार का विकास

चिराग पासवान ने जंगलराज के पुराने दौर की याद दिलाते हुए कहा कि विपक्ष का यह मुद्दा अब भी फॉल्स नैरेटिव के रूप में उपयोग हो रहा है. उन्होंने बिहार में विकास और नए एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स का हवाला देते हुए बताया कि उनके गठबंधन का ध्यान विकास पर केंद्रित है.

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"हमारी लकीर विकास की है, और जंगलराज की लकीर धीरे-धीरे छोटती जा रही है," उन्होंने कहा.

चुनाव में लक्ष्य और मुख्यमंत्री पद पर स्थिति

चिराग ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य 225 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाना है. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार किया गया है. चुनाव लड़ने का उनका इरादा अभी भी कायम है, लेकिन सीट शेयरिंग और चुनाव रणनीति पर फाइनल निर्णय अभी होना बाकी है.

"जब तक सीटों पर चर्चा पूरी नहीं होती, मैं चुनाव लड़ने का अंतिम फैसला नहीं ले सकता. यह एक सामूहिक निर्णय होगा," चिराग ने कहा.

घुसपैठ और सुरक्षा पर मुद्दा

चिराग पासवान ने बिहार में घुसपैठ और सुरक्षा के मुद्दे को भी चुनाव का बड़ा विषय बताया. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में यह चिंता और बढ़ जाती है और भारतीय संसाधनों पर अवैध दावों को कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता. उनकी पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह सक्रिय रहेगी.

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