बिहार के चुनाव नतीजों में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला महागठबंधन एनडीए की आंधी में ताश की पत्तों की तरह बिखर गया लेकिन सीमांचल में ओवैसी ने फिर भी किला फतह कर लिया. एनडीए गठबंधन ने जहां 202 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों से संतोष करना पड़ा. वहीं ओवैसी की पार्टी सीमांचल की पांच सीटों पर फिर से कब्जा जमा लिया है. इसमें वो तीन सीटें भी हैं जहां पिछली बार जीत मिलने के बाद विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे.
ओवैसी का 'बदलापुर'
ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का प्रभाव सीमांचल के इलाकों में आज भी वैसा ही जैसा साल 2020 के चुनाव में देखने को मिला था. यहीं वजह है कि मोदी और नीतीश की सुनामी में भी ओवैसी अपने क्षेत्र और प्रभाव को बचाए रखने में कामयाब हो गए. ये वही सीटें है जिसकी मांग ओवैसी की पार्टी ने चुनाव से पहले महागठबंधन से की थी.
जोकीहाट से AIMIM के मुरशिद आलम, बहादुरगंज से तौसीफ आलम, कोचाधामन से सरवर आलम, अमौर से अख्तरुल ईमान, बायसी से गुलाम सरवर जीते. AIMIM सीमांचल के उस हिस्से में अपना प्रभाव बनाए रखने में कामयाब रही जहां मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही ओवैसी ने तेजस्वी से 2020 का बदला भी ले लिया है.
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दरअसल 2020 में पांच सीटों पर ओवैसी की पार्टी को जीत मिली थी लेकिन अमौर से विधायक और AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़कर सभी आरजेडी में शामिल हो गए थे. उस वक्त ओवैसी ने तेजस्वी यादव पर पार्टी को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. हालांकि अब AIMIM ने फिर से उन तीन सीटों पर कब्जा कर लिया है जहां जीत मिलने के बाद विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे. जिन सीटों को AIMIM ने आरजेडी से छीना है उसमें जोकीहाट, कोचाधामन, और बायसी सीट है.
सीमांचल से रिश्ता कभी खत्म नहीं होगा: ओवैसी
बीते चुनाव में इन्हीं सीटों पर जीते विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे. सीमांचल के इन सीटों पर एक बार फिर से बड़ी जीत मिलने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह जीत उनकी नहीं, बल्कि 'सीमांचल की अवाम और अल्लाह की रहमत' की देन है. ओवैसी ने कहा कि तमाम अफवाहों, आरोपों और ‘बी-टीम’ के टैग के बावजूद जनता ने उन्हें दोबारा भरोसा देकर यह संदेश दिया है कि “रिश्ता न खत्म हुआ था, न होगा. ... जब तक ओवैसी जिंदा है और उसके बाद भी रहेगा.
तेजस्वी पर ओवैसी ने किया कटाक्ष
तेजस्वी के नेतृत्व में आरजेडी को इस चुनाव में करारी हाल मिलने के बाद इस पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने कहा, 'जो इंसान अपने बड़े भाई को न मना सके, वो बिहार की जनता को क्या जोड़ेगा?' ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा, “अब कहा जाएगा कि लालू जी के बेटे को हमने हरा दिया. हम तो राजनीति की लैला हैं, लोग पत्थर भी मारेंगे तो भी सह लेंगे.'