scorecardresearch
 

जानें एशिया की पहली तैराक महिला की कुछ खास बातें

आरती साहा एक मजबूत शख्सियत वाली महिला हैं. इन्‍होंने 29 सितंबर 1959 में इंग्लिश चैनल को पार करके पहली एशियाई महिला के तौर पर अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया था.

Advertisement
X
Arti Saha
Arti Saha

आरती साहा एक मजबूत शख्सियत वाली महिला हैं. उन्होंने 4 साल की उम्र से ही तैराकी शुरू कर दी थी. 29 सितंबर 1959 में इंग्लिश चैनल को पार करके पहली एशियाई महिला के तौर पर अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया था. उन्हें हिंदुस्तानी जलपरी भी कहा जाता है.

जानें एशिया की पहली तैराक महिला के बारे में....

1. आरती साहा का जन्म 24 सितंबर 1940 को कलकत्ता, पश्चिम बंगाल में हुआ था. उनका पूरा नाम आरती साहा गुप्ता था. इन्होंने 4 साल की उम्र में तैराकी शुरु की थी. 19 साल की कम उम्र में उन्होंने इंग्लिश चैनल को पार करके दुनिया को हैरान कर दिया था.

काका हाथरसी, जिनकी रचनाएं पढ़कर नहीं रुकेगी आपकी हंसी..

3. उन्होंने 6 साल के स्टेट करियर में 1945 से 1951 के बीच 22 इनाम जीते.

Advertisement

4. फ्रांस के केप ग्रिस नेज और इंग्लेंड के सैंडगेट के बीच 69 किलोमिटर के फासले को उन्होंने सिर्फ 16 घंटे और 20 मिनट में तय किया था.

5. साल 1951 में पश्चिम बंगाल स्टेट में उन्होंने 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में 1 मिनट 37.6 सेकंड का समय लेकर डॉली नज़ीर का रिकॉर्ड तोड़ा था.

जिन्ना का वो दस्तावेज, जो बदल सकता था भारत का इतिहास, नहीं होता बंटवारा

6. साल 1960 में आरती साहा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

7. भारतीय डाक ने उनके जीवन से महिलाओं को प्रेरित करने के लिए साल 1998 में एक डाक टिकट भी जारी किया .

क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के बारे में रोचक बातें...

8. आरती साहा की मृत्यु 23 अगस्त 1994 को वेस्ट बंगाल में हुई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मृत्यु पीलिया की वजह से हुई थी. भले ही आज वह हमारे बीच नहीं है लेकिन अपनी उपलब्धियों से वह हमेशा अमर रहेंगी .

Advertisement
Advertisement