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भारतीय नौसेना में शामिल हुआ जंगी जहाज INS माहे... दुश्मन की पनडुब्बियां खोज-खोजकर मारेगा

भारतीय नौसेना में मुंबई में पहला स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर जहाज INS माहे शामिल हो गया. कोचीन शिपयार्ड में बना यह छोटा लेकिन खतरनाक जहाज दुश्मन पनडुब्बियों को सोनार से पकड़ेगा और टॉरपीडो से मार गिराएगा. माहे क्लास के 8 जहाजों में पहला माहे तटीय सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा.

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ये है भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत आईएनएस माहे. (Photo: Indian Navy)
ये है भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत आईएनएस माहे. (Photo: Indian Navy)

मुंबई में भारतीय नौसेना को उसका नया हथियार मिल गया – INS माहे. यह माहे क्लास का पहला जहाज है जो खास तौर पर दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढकर मारने के लिए बनाया गया है. छोटा है लेकिन इतना तेज और चालाक कि तटीय इलाकों में कोई पनडुब्बी छिप नहीं सकती.  

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी खुद मुख्य अतिथि थे. उन्होंने जहाज को नौसेना में शामिल किया और कहा कि यह सिर्फ एक जहाज नहीं, आत्मनिर्भर भारत की नई ताकत है. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इसे पूरी तरह भारत में बनाया है. कुल 8 ऐसे जहाज बन रहे हैं, माहे पहला है.

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छोटा जहाज, बड़ी ताकत

  • लंबाई: सिर्फ 77 मीटर (बड़े युद्धपोतों से आधा)  
  • वजन: 900 टन  
  • स्पीड: 25 नॉट (लगभग 46 किमी/घंटा)  

INS Mahe Indian Navy

मुख्य काम

  • दुश्मन पनडुब्बी को सोनार से पकड़ना और टॉरपीडो-रॉकेट से मारना  
  • समुद्र तट की सुरक्षा करना  
  • समुद्री रास्तों की निगरानी करना

इस जहाज में सबसे नई भारतीय तकनीक लगी है – सोनार, रडार, मिसाइल और मशीन गन. यह इतना शांत चलता है कि दुश्मन को पता ही नहीं चलता.

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सेना प्रमुख ने क्या कहा?

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज नौसेना के 75% से ज्यादा जहाज और हथियार भारत में ही बन रहे हैं. माहे इसका जीता-जागता सबूत है. यह जहाज हमारी ताकत को तटीय इलाकों तक ले जाएगा. थल सेना, वायु सेना और नौसेना मिलकर ही देश सुरक्षित रख सकती हैं.

INS Mahe Indian Navy

अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे अच्छा उदाहरण था – तीनों सेनाओं ने एक साथ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया. आज का युद्ध सिर्फ जमीन या समुद्र का नहीं, मल्टी-डोमेन है. हमें हर जगह एक साथ लड़ना आता है.

उन्होंने जहाज के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू से कहा कि अब इस जहाज की इज्जत तुम्हारे हाथ में है. जहाज जितना मजबूत नहीं, उसका चालक दल जितना बहादुर होता है, जहाज उतना ही मजबूत होता है. देश इसलिए चैन की नींद सोता है क्योंकि तुम जागते हो.

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आत्मनिर्भर भारत का नया अध्याय

  • पहले ऐसे जहाज विदेश से खरीदते थे. 
  • अब कोचीन शिपयार्ड ने खुद डिजाइन किया, खुद बनाया.  
  • सारा स्टील, सारे हथियार, सारी तकनीक भारतीय.  
  • अगले 4-5 साल में बाकी 7 जहाज भी नौसेना में शामिल हो जाएंगे.

नौसेना ने इसे बताया कि छोटा जहाज, बड़ी जिम्मेदारी. तट के हर कोने में नजर रखेगा, हर खतरे को पहले ही खत्म कर देगा.

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INS Mahe Indian Navy

नाम क्यों पड़ा माहे?

पुडुचेरी के पास एक ऐतिहासिक तटीय शहर है माहे. कभी फ्रेंच कॉलोनी था, आज भारत का हिस्सा है. नौसेना ने इस जहाज का नाम उसी शहर के नाम पर रखा – हमारी समुद्री विरासत को याद करने के लिए. सादे शब्दों में कहें तो – आज से भारतीय समुद्र तट और भी सुरक्षित हो गया. दुश्मन की कोई पनडुब्बी पास भी भटकेगी तो INS माहे उसे सोने नहीं देगा. 

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