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भारत की वो फैक्ट्री जो 1000 रूसी फाइटर जेट बना चुकी है, अब तेजस बनाने में जुटी

नासिक की HAL फैक्ट्री, जो 1000 रूसी लड़ाकू विमान बना चुकी है, अब स्वदेशी तेजस एलसीए एमके1ए और एचटीटी-40 ट्रेनर विमान बनाने जा रही है. 500 करोड़ के निवेश से नया बना प्लांट आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है. कुल क्षमता 24 विमान सालाना बनाने की है.

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इस फोटो में सामने की तरफ है  एचटीटी-40 ट्रेनर विमान और पीछे तेजस, जिसे नासिक का एचएएल प्लांट बना रहा है. (File Photo: MOD)
इस फोटो में सामने की तरफ है एचटीटी-40 ट्रेनर विमान और पीछे तेजस, जिसे नासिक का एचएएल प्लांट बना रहा है. (File Photo: MOD)

भारत की वायु सेना को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा बदलाव हो रहा है. नासिक शहर की वह बड़ी फैक्ट्री, जो पहले रूसी लड़ाकू विमानों को जोड़ने का काम करती थी, अब भारत के अपने बनाए विमानों पर ध्यान दे रही है. यह फैक्ट्री लगभग 1000 रूसी विमान बना चुकी है. अब यह तेजस लड़ाकू विमान और एचटीटी-40 ट्रेनर विमान बनाने में जुटी है. वहां से पहली बार स्वदेशी तेजस एलसीए एमके1ए विमान की उड़ान दिखेगी. 

पुराने दिनों की यादें: रूसी विमानों का कारखाना

नासिक की यह फैक्ट्री भारत का सबसे बड़ा लड़ाकू विमान बनाने वाला केंद्र है. यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का हिस्सा है. पहले यह फैक्ट्री सोवियत यूनियन (अब रूस) के डिजाइन वाले विमानों को जोड़ती थी. यहां से निकले विमान भारतीय हवाई सेना की ताकत बने.

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HAL Nashik Tejas Mk1A HTT-40 Trainer

  • मिग-21 का जादू: यह फैक्ट्री ने 575 मिग-21 विमान बनाए. मिग-21 को 'बाइसन' भी कहते हैं. यह छोटा लेकिन तेज विमान था, जो दुश्मनों को डराता था.
  • सु-30एमकेआई की ताकत: इसके अलावा, सु-30एमकेआई जैसे बड़े विमान भी यहां जोड़े गए. कुल मिलाकर, लगभग 1000 रूसी मूल के विमान इस फैक्ट्री से बने.

ये विमान भारत को विदेश से मिले थे, लेकिन यहां जोड़कर तैयार किए जाते थे. इससे भारत की हवाई सेना मजबूत हुई, लेकिन अब समय बदल गया है. भारत अब खुद के विमान बना चुका है. 

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HAL Nashik Tejas Mk1A HTT-40 Trainer

नया दौर: स्वदेशी विमानों की शुरुआत

अब नासिक की फैक्ट्री को नया रूप दिया गया है. पुराने हैंगर (बड़े गोदाम जैसे कमरे) को साफ-सुथरा और आधुनिक बनाया गया. पुराने उपकरण हटा दिए गए. अब नए जिग्स, फिक्सचर और टूल्स लगाए गए हैं, जो भारतीय डिजाइन वाले विमानों के लिए हैं.

  • निवेश का जुगाड़: इस बदलाव पर 500 करोड़ रुपये खर्च हुए. फैक्ट्री का इलाका 13 लाख वर्ग फुट का है. यह बहुत बड़ा है.
  • तेजस एलसीए एमके1ए: यह भारत का अपना लड़ाकू विमान है. यह हल्का, तेज और चालाक है. नासिक में नई असेंबली लाइन बनी है. यहां पहले साल में 8 तेजस विमान बनेंगे. बाद में और तेजी से बनाए जा सकेंगे.
  • एचटीटी-40 ट्रेनर: यह बेसिक ट्रेनर विमान है. पायलटों को फाइटर जेट उड़ाना सिखाने के लिए. यह विमान पूरी तरह भारतीय डिजाइन का है. बेंगलुरु और नासिक दोनों जगह बन रहा है, ताकि जल्दी डिलीवरी हो.

HAL Nashik Tejas Mk1A HTT-40 Trainer

फैक्ट्री के अधिकारी कहते हैं कि नई लाइन पूरी तरह तैयार है. इसमें 30 से ज्यादा जिग्स हैं, जो विमान के मुख्य हिस्सों जैसे सेंटर फ्यूजलेज, फ्रंट फ्यूजलेज, रियर फ्यूजलेज, विंग्स और एयर इंटेक को जोड़ने के लिए हैं.

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उत्पादन की क्षमता: कितने विमान बनेंगे?

भारत को हर साल ज्यादा विमान चाहिए. पुराने विमान जैसे मिग-21 को रिटायर कर दिया गया है. वायु सेना को 30-40 नए विमान सालाना चाहिए.

  • नासिक की भूमिका: यहां से 8 तेजस सालाना.
  • बेंगलुरु की मदद: वहां दो और लाइनें हैं. कुल मिलाकर, एचएएल 24 विमान सालाना बना सकेगी.
  • सु-30 का हिस्सा: फैक्ट्री का कुछ हिस्सा अभी भी सु-30एमकेआई के लिए है. जल्द 15 नए सु-30 के ऑर्डर पूरे होंगे.

यह क्षमता बढ़ाई जा सकती है. भारत अब विदेश पर कम निर्भर होगा.

HAL Nashik Tejas Mk1A HTT-40 Trainer

आत्मनिर्भरता की उड़ान

नासिक की फैक्ट्री अब भारत की शान है. पहले रूसी जेट्स, अब स्वदेशी तेजस. यह बदलाव दिखाता है कि भारत अब खुद मजबूत हो रहा है. हवाई सेना को नई ताकत मिलेगी. आने वाले दिनों में और तेजी से उत्पादन होगा. 

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