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राफेल-AMCA के साथ होगी 140 Su-57 फाइटर जेट्स की जुगलबंदी... एयरफोर्स में जुड़ेंगे 5 स्वदेशी स्क्वॉड्रन!

भारत का रूस के Su-57 फाइटर पर नजर है. 2 स्क्वॉड्रन रूस से, 5 नासिक HAL में लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत बनाया जाएगा. कुल 140 विमान. हाइपरसोनिक स्पीड, स्टील्थ, लंबी रेंज मिसाइलें भी इससे दाग सकते हैं. भारतीय स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट AMCA के साथ तालमेल बना रहेगा.

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रूस के Su-57 फाइटर जेट पर भारत की नजर है. 2 स्क्वॉड्रन रूस से लेंगे. 5 स्क्वॉड्रन भारत में बनेंगे. (File Photo: Getty)
रूस के Su-57 फाइटर जेट पर भारत की नजर है. 2 स्क्वॉड्रन रूस से लेंगे. 5 स्क्वॉड्रन भारत में बनेंगे. (File Photo: Getty)

भारत रूस से Su-57 फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है. भारत दो स्क्वॉड्रन (लगभग 36 विमान) सीधे रूस से लेगा. इसके अलावा, HAL के नासिक प्लांट में लाइसेंस पर 5 और स्क्वॉड्रन (करीब 90 विमान) बनाए जाएंगे. कुल 7 स्क्वाड्रन के लिए 140 विमान होंगे. यह प्लान भारतीय वायुसेना (IAF) के फाइटर गैप को भरने के लिए है. अमेरिकी F-35 के साथ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. हालांकि, अभी तक सरकार ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. 

क्यों अब? ऑपरेशन सिंदूर का सबक

यह योजना मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर के बाद आई. भारत-पाकिस्तान के छोटे संघर्ष में भारत ने दूर से हथियारों से पाकिस्तानी एयरबेस और ठिकानों पर हमला किया. फिर सीजफायर हो गया. विशेषज्ञ कहते हैं कि IAF को लंबी रेंज वाले हथियार, गहरी घुसपैठ के विकल्प और सुरक्षित प्लेटफॉर्म चाहिए.

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खासकर रात के हमलों में, जब पाकिस्तानी एयर डिफेंस जग रहा होता है. सिंदूर ने दिखाया कि मौजूदा विमानों की सीमाएं हैं. इसलिए Su-57 पर चर्चा तेज हो गई.

Su-57 क्या है? पांचवीं पीढ़ी का शक्तिशाली जेट

Su-57 एक उन्नत फाइटर जेट है. इसमें सेंसर और सिग्नेचर मैनेजमेंट का मिश्रण है, जो राफेल या Su-30MKI में एक साथ नहीं मिलता. इसका Sh-121 सिस्टम N036 Byelka रडार और L-बैंड ऐरे से दुश्मन को जल्दी पहचानता है. 101KS इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम मिसाइल चेतावनी और लेजर DIRCM देता है.

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हथियार दो लंबे बे और दो छोटे चीक बे में छिपे रहते हैं, जिससे रडार पर कम दिखता है. अभी AL-41F1 इंजन इस्तेमाल हो रहे हैं. Izdeliye 30 इंजन टेस्टिंग में है. हिमालय इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, सुरक्षित डेटालिंक और हेलमेट डिस्प्ले से दुश्मन रडार को खोजकर हमला किया जा सकता है.

Swadeshi Su-57 Fighter Jets Nashik

हथियारों की ताकत: हवा और जमीन पर राज

Su-57 के हथियार मुख्य रूप से अंदर रखे जाते हैं. हवा में लड़ाई के लिए R-77M (दूर से), R-74M2 (नजदीक) और R-37 (बहुत लंबी रेंज) मिसाइलें. जमीन पर हमले के लिए Kh-59MK2, Kh-38M क्रूज मिसाइलें, Kh-69 प्रिसिजन बम, Kh-58UShK (रडार नष्ट करने वाली) और Kh-35U (समुद्री हमले).

KAB-सीरीज गाइडेड बम और 30 mm तोप भी. अंदर रखने से छिपा रहता है. बाहर लगाने पर 10,000 किग्रा तक लोड, लेकिन रडार पर ज्यादा दिखता है. हमले में बे बंद रखते हैं. हाइपरसोनिक विकल्पों की बात है, लेकिन निर्यात पर शर्तें होंगी.

Swadeshi Su-57 Fighter Jets Nashik

यूक्रेन में इस्तेमाल: दूर से हमले का सबक

Su-57 अमेरिका के अलावा सबसे ज्यादा युद्ध में इस्तेमाल हुआ. रूस ने यूक्रेन में इसे सुरक्षित हवा से स्टैंड-ऑफ हथियार दागने के लिए भेजा. नेटवर्क से एयर डिफेंस टेस्ट किया. भारत के लिए उपयोगी – SAM बेल्ट से बाहर से लो-ऑब्जर्वेबल मिसाइलें दागकर रडार को अंधा कर सकता है. Su-30MKI एस्कॉर्ट और ड्रोन के साथ इस्तेमाल होगा.

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प्रोडक्शन का फायदा: Su-30MKI जैसा अनुभव

यह प्लान Su-30MKI का दोहराव है. पहले रूस से 140, फिर लोकल में 270 बने. नासिक में लो-ऑब्जर्वेबल स्ट्रक्चर, हथियार बे और सिग्नेचर मैनेजमेंट का ज्ञान मिलेगा. AMCA (स्वदेशी) के लिए मददगार. लेकिन AMCA 2030 के बाद ही, इसलिए रूस पर निर्भरता न बढ़े.

Swadeshi Su-57 Fighter Jets Nashik

रणनीतिक संदेश: पाक डिफेंस पर फोकस

दिल्ली में बहस स्टील्थ से ज्यादा रेंज, पेलोड और पाकिस्तानी डिफेंस के खिलाफ सर्वाइवेबिलिटी पर है. Su-57 R-37 से दूर से पाक फाइटर्स को धमका सकता है. Kh-69 और Kh-58UShK से रडार नेटवर्क तोड़ सकता है. राफेल-Su-30MKI की तरह, लेकिन ज्यादा रेंज.

यह डील दो संदेश देगी

  • पहला, सिंदूर के गैप को भरना.
  • दूसरा, फ्रांस-अमेरिका के साथ रिश्ते बढ़ने पर भी रूस से खरीदारी. रूस लाइसेंस प्रोडक्शन और S-400 के लिए तैयार. लेकिन डिलीवरी, हथियार और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर साफ शर्तें चाहिए.
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