भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग हमेशा से बहुत मजबूत रहा है. सोवियत युग से चली आ रही यह दोस्ती आज भी बरकरार है. हाल ही में रूस की थल सेना के चार सदस्यों का एक छोटा-सा दल भारत आया. यह दौरा 26 से 28 नवंबर तक चला. इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के कई यूनिट्स का दौरा किया.
इसका मुख्य मकसद था – रक्षा बुनियादी ढांचे की एकीकृत सुरक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करना. सरल शब्दों में कहें तो, दोनों देशों की सेनाओं ने बातचीत की कि कैसे हम अपने सैन्य ठिकानों को ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक बनाएं. माना जा रहा है कि पुतिन के भारत दौरे से पहले ये टीम तैयारियों को देखने आई थी.
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रूस के इन अधिकारियों ने भारतीय सेना के विभिन्न फॉर्मेशन्स (यूनिट्स) से मुलाकात की. उन्होंने नई तकनीकों, सुरक्षा उपायों और नवाचारों पर चर्चा की. यह दौरा भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग की भावना को और मजबूत करने का प्रतीक था. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के अनुभव साझा किए, ताकि आतंकवाद, साइबर हमलों और अन्य खतरों से बेहतर तरीके से निपटा जा सके. भारतीय सेना ने रूसियों को अपने आधुनिक सिस्टम्स दिखाए, जबकि रूस ने अपनी नई रणनीतियों के बारे में बताया. यह दौरा छोटा था, लेकिन इसके नतीजे लंबे समय तक चलेंगे.
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भारत और रूस के बीच रक्षा रिश्ते 70 साल से ज्यादा पुराने हैं. रूस भारत को हथियार, मिसाइल सिस्टम (जैसे S-400) और ट्रेनिंग देता रहा है. भारत की 60% से ज्यादा सैन्य जरूरतें रूस से पूरी होती हैं. दोनों देश मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल जैसे हथियार बनाते हैं. यह दौरा इसी साझेदारी को नई ऊंचाई देने का हिस्सा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में मॉस्को का दौरा किया था, जहां S-400 डिलीवरी की बात हुई. अब यह दौरा उसी कड़ी का हिस्सा है.

इस दौरे के ठीक बाद एक और बड़ी खबर आ रही है – रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत पहुंचेंगे. यह उनकी 23वीं भारत-रूस वार्षिक समिट होगी. यह यात्रा यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी.
पुतिन और मोदी की मुलाकात में द्विपक्षीय रिश्तों की समीक्षा होगी. दोनों नेता 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' को और मजबूत करने की योजना बनाएंगे. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बात होगी, जैसे आर्कटिक में सहयोग, व्यापार और ऊर्जा.
India–Russia Defence Cooperation
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 28, 2025
🇮🇳🤝🇷🇺
A four-member Russian Land Forces delegation visited formations of the Indian Army from 26 to 28 November 2025. The visit aimed to facilitate expert exchange in the field of 'Integrated Safety and Security of Defence Infrastructure.'
The… pic.twitter.com/8fPSmAMajL
पुतिन ने हाल ही में वाल्डाई क्लब में कहा कि मैं भारत यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं. मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं. भारत हमेशा रूस का भरोसेमंद साथी रहा है. दोनों देशों का व्यापार 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. रूस भारत को सस्ता तेल दे रहा है, जबकि भारत रूस को तकनीक और दवाइयां.
भारत-रूस दोस्ती बिना किसी झगड़े की है. दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में एक-दूसरे का साथ देते हैं. अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत रूस के साथ खड़ा है. यह सहयोग न सिर्फ रक्षा, बल्कि अर्थव्यवस्था, संस्कृति और शिक्षा में भी फैला है. रूस में हजारों भारतीय छात्र पढ़ते हैं. बॉलीवुड फिल्में वहां बहुत पॉपुलर हैं. यह दौरा और पुतिन की यात्रा दिखाते हैं कि भारत-रूस का रिश्ता कितना मजबूत और भरोसेमंद है. आने वाले दिनों में और नए समझौते होंगे, जो दोनों देशों को फायदा देंगे.