सैफ्रान (Safran) फ्रांस की दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है. यह हवाई जहाज, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइल और स्पेस रॉकेट के लिए इंजन, पार्ट्स और सिस्टम बनाती है. 2005 में बनी यह कंपनी अब 92,000 से ज्यादा लोगों को नौकरी देती है. हर साल करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये कमाती है.
सैफ्रान का नाम फ्रेंच में 'सफरन' (केसर) से आया है, जो बहुत कीमती मसाला है – ठीक वैसे ही जैसे कंपनी की टेक्नोलॉजी. भारत में सैफ्रान पिछले 70 साल से काम कर रही है. यहां 18 फैक्ट्रियां हैं. 3000 लोग काम करते हैं. मेक इन इंडिया को सपोर्ट करने के लिए कंपनी ने 2025 में हैदराबाद में अपनी सबसे बड़ी MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी खोली.
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सैफ्रान तीन मुख्य क्षेत्रों में काम करती है... प्रोपल्शन (इंजन), इक्विपमेंट (उपकरण) और डिफेंस (रक्षा सिस्टम). इसके कुछ बड़े प्रोडक्ट्स ये हैं...

राफेल जेट का 20% से ज्यादा हिस्सा सैफ्रान ही बनाती है. कंपनी की खासियत यह है कि उसके प्रोडक्ट्स बहुत हाई-टेक हैं – जैसे AI से चलने वाले सिस्टम और पर्यावरण-अनुकूल इंजन.
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सैफ्रान भारत को अपना सबसे बड़ा पार्टनर मानती है. 2030 तक यहां से 3 बिलियन यूरो (करीब 27,000 करोड़ रुपये) का सामान खरीदेगी, जो अभी से 5 गुना ज्यादा है. हाल ही के ऐलान के मुताबिक, भारत में ये मुख्य प्रोडक्ट्स बनेंगे या सर्विस होंगे...

M88 इंजन (राफेल फाइटर जेट के लिए): अगर भारतीय वायुसेना 114 और राफेल जेट खरीदेगी, तो सैफ्रान हैदराबाद में M88 इंजन की पूरी असेंबली लाइन लगाएगी. यह फ्रांस के बाहर पहली ऐसी फैक्ट्री होगी. अभी MRO फैसिलिटी में हर साल 600 मॉड्यूल ठीक होंगे. कुल 240 नए इंजन बन सकते हैं. साथ ही, 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) होगा, जिसमें हॉट सेक्शन भी शामिल है.
Hammer मिसाइल (राफेल और तेजस के लिए): भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ जॉइंट वेंचर से यह घातक एयर-टू-सर्वेफेस मिसाइल बनाई जाएगी. यह मॉड्यूलर है – लेजर, GPS या इन्फ्रारेड से गाइड होती है. राफेल में लगने वाली मिसाइलें यहीं तैयार होंगी.
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LEAP इंजन (कमर्शियल एयरक्राफ्ट के लिए): हैदराबाद की नई MRO फैसिलिटी में हर साल 300 इंजन सर्विस होंगे. पार्ट्स जैसे रोटेटिंग टर्बाइन सील्स और इलेक्ट्रिकल हार्नेस यहां बनेंगे. यह A320neo और 737 MAX के लिए है.
हेलीकॉप्टर इंजन: HAL के साथ Shakti इंजन बेंगलुरु में बनता है. नया Aravalli इंजन IMRH (इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर) के लिए डेवलप हो रहा है.

अन्य: बेंगलुरु में एवियोनिक्स और एक्ट्यूएटर्स का इंजीनियरिंग सेंटर (250 जॉब्स) और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (400 जॉब्स, 2026 से शुरू). लैंडिंग गियर, सीट्स और फ्यूल सिस्टम भी लोकल बनेंगे. ये प्रोडक्ट्स आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेंगे. सैफ्रान ने 2025 में 30 मिलियन यूरो से ज्यादा निवेश किया है.
सैफ्रान का भारत में आना मेक इन इंडिया का बड़ा सबूत है. राफेल की मिसाइलों से लेकर इंजन तक सब यहीं बनेगा, जिससे हमारा डिफेंस मजबूत होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह भारत को ग्लोबल एविएशन हब बनाएगा. आने वाले सालों में सैफ्रान और निवेश करेगी, ताकि भारत सिर्फ खरीदे नहीं, बल्कि बनाए भी.