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राफेल में लगने वाली मिसाइल से लेकर फाइटर जेट के इंजन तक भारत में बनाएगी ये विदेशी कंपनी

फ्रांस की सैफ्रान कंपनी अब भारत में राफेल के M88 फाइटर जेट इंजन की पूरी असेंबली और Hammer घातक मिसाइलें बनाएगी. हैदराबाद में M88 इंजन लाइन और BEL के साथ जॉइंट वेंचर से मिसाइल प्रोडक्शन होगा. 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, हजारों नौकरियां और आत्मनिर्भर रक्षा के लिए बड़ा कदम. भारत जल्द ही जेट इंजन बनाने वाला देश बनेगा.

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ये है सैफ्रान कंपनी का हैमर मिसाइल जो अब भारत में बनेगी. (Photo: Getty)
ये है सैफ्रान कंपनी का हैमर मिसाइल जो अब भारत में बनेगी. (Photo: Getty)

सैफ्रान (Safran) फ्रांस की दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है. यह हवाई जहाज, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइल और स्पेस रॉकेट के लिए इंजन, पार्ट्स और सिस्टम बनाती है. 2005 में बनी यह कंपनी अब 92,000 से ज्यादा लोगों को नौकरी देती है. हर साल करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये कमाती है.

सैफ्रान का नाम फ्रेंच में 'सफरन' (केसर) से आया है, जो बहुत कीमती मसाला है – ठीक वैसे ही जैसे कंपनी की टेक्नोलॉजी. भारत में सैफ्रान पिछले 70 साल से काम कर रही है. यहां 18 फैक्ट्रियां हैं. 3000 लोग काम करते हैं. मेक इन इंडिया को सपोर्ट करने के लिए कंपनी ने 2025 में हैदराबाद में अपनी सबसे बड़ी MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी खोली. 

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सैफ्रान के मुख्य प्रोडक्ट्स – क्या-क्या बनाती है यह कंपनी?

सैफ्रान तीन मुख्य क्षेत्रों में काम करती है... प्रोपल्शन (इंजन), इक्विपमेंट (उपकरण) और डिफेंस (रक्षा सिस्टम). इसके कुछ बड़े प्रोडक्ट्स ये हैं...

Safran India Rafale M88 engine Hammer missile MRO Facility

  • इंजन: सिविल हवाई जहाजों के लिए LEAP इंजन (A320neo और 737 MAX में लगते हैं), मिलिट्री के लिए M88 इंजन (राफेल जेट में), हेलीकॉप्टर के लिए Shakti/Ardiden 1H1 इंजन.
  • रक्षा सिस्टम: Hammer (AASM) नाम की स्मार्ट मिसाइल, जो हवा से जमीन पर हमला करती है. यह राफेल और HAL तेजस जैसे विमानों में लगाई जा सकती है.
  • अन्य उपकरण: लैंडिंग गियर (विमान उतारने-उड़ाने के पहिए), इलेक्ट्रिकल सिस्टम, ऑक्सीजन सिस्टम, एयर कंडीशनिंग, ईजेक्टेबल सीट्स (पायलट को आपातकाल में बाहर निकालने वाली कुर्सी), फ्यूल सिस्टम और ब्रेकिंग सिस्टम.
  • स्पेस और मिसाइल: रॉकेट लॉन्चर के लिए प्रोपल्शन सिस्टम और ड्रोन के लिए टर्बो इंजन.

राफेल जेट का 20% से ज्यादा हिस्सा सैफ्रान ही बनाती है. कंपनी की खासियत यह है कि उसके प्रोडक्ट्स बहुत हाई-टेक हैं – जैसे AI से चलने वाले सिस्टम और पर्यावरण-अनुकूल इंजन.

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भारत में सैफ्रान के बड़े प्रोडक्ट्स – कौन-कौन सी चीजें बनेंगी?

सैफ्रान भारत को अपना सबसे बड़ा पार्टनर मानती है. 2030 तक यहां से 3 बिलियन यूरो (करीब 27,000 करोड़ रुपये) का सामान खरीदेगी, जो अभी से 5 गुना ज्यादा है. हाल ही के ऐलान के मुताबिक, भारत में ये मुख्य प्रोडक्ट्स बनेंगे या सर्विस होंगे...

Safran India Rafale M88 engine Hammer missile MRO Facility

M88 इंजन (राफेल फाइटर जेट के लिए): अगर भारतीय वायुसेना 114 और राफेल जेट खरीदेगी, तो सैफ्रान हैदराबाद में M88 इंजन की पूरी असेंबली लाइन लगाएगी. यह फ्रांस के बाहर पहली ऐसी फैक्ट्री होगी. अभी MRO फैसिलिटी में हर साल 600 मॉड्यूल ठीक होंगे. कुल 240 नए इंजन बन सकते हैं. साथ ही, 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) होगा, जिसमें हॉट सेक्शन भी शामिल है.

Hammer मिसाइल (राफेल और तेजस के लिए): भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ जॉइंट वेंचर से यह घातक एयर-टू-सर्वेफेस मिसाइल बनाई जाएगी. यह मॉड्यूलर है – लेजर, GPS या इन्फ्रारेड से गाइड होती है. राफेल में लगने वाली मिसाइलें यहीं तैयार होंगी.

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LEAP इंजन (कमर्शियल एयरक्राफ्ट के लिए): हैदराबाद की नई MRO फैसिलिटी में हर साल 300 इंजन सर्विस होंगे. पार्ट्स जैसे रोटेटिंग टर्बाइन सील्स और इलेक्ट्रिकल हार्नेस यहां बनेंगे. यह A320neo और 737 MAX के लिए है.

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हेलीकॉप्टर इंजन: HAL के साथ Shakti इंजन बेंगलुरु में बनता है. नया Aravalli इंजन IMRH (इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर) के लिए डेवलप हो रहा है.

Safran India Rafale M88 engine Hammer missile MRO Facility

अन्य: बेंगलुरु में एवियोनिक्स और एक्ट्यूएटर्स का इंजीनियरिंग सेंटर (250 जॉब्स) और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (400 जॉब्स, 2026 से शुरू). लैंडिंग गियर, सीट्स और फ्यूल सिस्टम भी लोकल बनेंगे. ये प्रोडक्ट्स आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेंगे. सैफ्रान ने 2025 में 30 मिलियन यूरो से ज्यादा निवेश किया है.

भारत को इससे क्या फायदा होगा?

  • आत्मनिर्भरता: इंजन और मिसाइलें विदेश से न खरीदनी पड़ेंगी. राफेल फ्लीट की सर्विस जल्दी और सस्ती होगी.
  • नौकरियां: 1000 से ज्यादा हाई-स्किल जॉब्स, ट्रेनिंग से हजारों इंजीनियर तैयार होंगे.
  • इकोनॉमी बूस्ट: विदेशी मुद्रा बचेगी, लोकल कंपनियां (जैसे HAL, BEL, टाटा) को ऑर्डर मिलेंगे. भारत एशिया का MRO हब बनेगा. 
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: 100% ToT से भारत पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ जेट इंजन बना सकेगा.

भारत का एविएशन भविष्य उज्ज्वल

सैफ्रान का भारत में आना मेक इन इंडिया का बड़ा सबूत है. राफेल की मिसाइलों से लेकर इंजन तक सब यहीं बनेगा, जिससे हमारा डिफेंस मजबूत होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह भारत को ग्लोबल एविएशन हब बनाएगा. आने वाले सालों में सैफ्रान और निवेश करेगी, ताकि भारत सिर्फ खरीदे नहीं, बल्कि बनाए भी.

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