ब्रिटिश कर्नल रिचर्ड केम्प ने एक गंभीर चेतावनी दी है कि रूस यूक्रेन पर टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है, खासकर यूक्रेनी एयरफील्ड्स को निशाना बनाकर. केम्प का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन सत्ता दिखाने और यूक्रेन के प्रतिरोध को तोड़ने के लिए ये कदम उठा सकते हैं.
कर्नल केम्प ने कहा कि डरावनी सच्चाई यह है कि यह रणनीति काम कर सकती है. दुनिया के नेता यूक्रेन को लेकर न्यूक्लियर हथियारों का जवाब नहीं देंगे. उनका मानना है कि पुतिन इस तरह के चरम कदम उठाकर अपनी ताकत साबित करना चाहते हैं. यूक्रेन को मजबूर करना चाहते हैं कि वह हार मान ले.
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यह चेतावनी डेली मेल में प्रकाशित हुई है. केम्प का कहना है कि पुतिन के लिए यह एक जोखिम भरा फैसला हो सकता है, लेकिन वह इसे अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए आजमा सकते हैं.
रूस और यूक्रेन की जंग
रूस और यूक्रेन के बीच जंग 2022 से चल रही है, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया. इस जंग में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं. लाखों लोग अपने घरों से भाग गए हैं. हाल के दिनों में यूक्रेन ने रूस के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं, जिससे रूस नाराज है. खास तौर पर, यूक्रेन ने अमेरिका से मिले लंबी दूरी की मिसाइलों (ATACMS) का इस्तेमाल रूस की जमीन पर किया है, जिसे रूस ने अपने खिलाफ एक बड़ी चुनौती माना है.
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न्यूक्लियर हथियारों की स्थिति
रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर हथियारों का भंडार है. रूस के पास लगभग 5,889 न्यूक्लियर वारहेड्स हैं, जिनमें से 1,674 तैनात हैं. बाकी रिजर्व में हैं. अमेरिका के पास 5,244 वारहेड्स हैं, जबकि ब्रिटेन के पास 225 हैं. रूस ने हाल ही में अपनी न्यूक्लियर नीति में बदलाव किया है. 19 नवंबर 2024 को पुतिन ने एक नया नियम बनाया, जिसमें कहा गया कि अगर कोई गैर-न्यूक्लियर देश (जैसे यूक्रेन) किसी न्यूक्लियर देश (जैसे अमेरिका) के समर्थन से रूस पर हमला करता है, तो रूस न्यूक्लियर हमला कर सकता है.
पिछले खतरे और प्रतिक्रिया
पिछले कुछ सालों में रूस ने कई बार न्यूक्लियर हमले की धमकी दी है. 2022 में रूस के टीवी चैनलों ने लंदन, पेरिस और बर्लिन पर न्यूक्लियर हमले की बात कही थी. इसके अलावा, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने 2023 में चेतावनी दी थी कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन को न्यूक्लियर हथियार देते हैं, तो रूस पहले हमला करेगा. हालांकि, पश्चिमी देशों (अमेरिका, ब्रिटेन) ने इन धमकियों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि रूस के पास अभी तक न्यूक्लियर हमले की तैयारी के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
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क्या हो सकता है?
कर्नल केम्प का मानना है कि पुतिन यूक्रेन पर न्यूक्लियर हमला करके अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं, भले ही इससे सैन्य फायदा न हो. एक न्यूक्लियर हमले से यूक्रेन की जमीन बेकार हो सकती है. रूस के सैनिकों को भी नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, अगर रूस ऐसा करता है, तो दुनिया भर में तनाव बढ़ सकता है. अन्य देश भी जवाबी कदम उठा सकते हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन ऐसा कदम तभी उठाएंगे जब उन्हें लगेगा कि वह जंग हार रहे हैं.
दुनिया की प्रतिक्रिया
पश्चिमी देशों ने इस चेतावनी को गंभीरता से लिया है. ब्रिटेन और अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार देने का सिलसिला जारी रखा है, लेकिन साथ ही रूस को चेतावनी दी है कि न्यूक्लियर हमले के गंभीर परिणाम होंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश हार नहीं मानेगा. पश्चिमी सहायता जारी रहनी चाहिए. दूसरी ओर, रूस का कहना है कि वह अपनी जमीन की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा.

रूस का यूक्रेन पर न्यूक्लियर हमला करने का खतरा एक गंभीर मुद्दा है. यह जंग न केवल यूक्रेन और रूस को प्रभावित करेगी, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकती है. कर्नल केम्प की चेतावनी हमें याद दिलाती है कि शांति और बातचीत ही सही रास्ता है. अगर यह स्थिति बिगड़ती है, तो लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. उम्मीद करनी चाहिए कि समझदारी से इस संकट को टाला जा सके.