पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को मजबूत करने के लिए चीन के शेनयांग FC-31 ‘जायरोफाल्कन’ स्टील्थ फाइटर जेट को शामिल करना शुरू कर दिया है. यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट, जिसे J-35 भी कहते हैं. भारत की बढ़ती हवाई ताकत का मुकाबला करने की पाकिस्तान वायुसेना (PAF) की रणनीति है. भारतीय वायुसेना (IAF) इस समय स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है. अपने स्वदेशी AMCA जेट को 2035 तक तैयार कर रही है. आइए इस जेट के तथ्य, आंकड़े और भारत के लिए खतरे को समझें...
FC-31 जायरोफाल्कन: क्या है यह जेट?
FC-31 एक पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे चीन की शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने बनाया है. यह जेट अमेरिका के F-35 और चीन के J-20 से मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. हालांकि, यह J-20 जितना उन्नत नहीं है, लेकिन इसमें कई खासियतें हैं...
8 सुपरसोनिक मिसाइलें और दर्जनों बमों से हो सकता है लैस
इस फाइटर जेट में 6 बाहरी और 6 अंदरूनी हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें कुल मिलाकर 10 हजार किलोग्राम वजनी हथियार लोड किए जा सकते हैं. इसमें मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली 12 मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. हवा से जमीन पर हमला करने वाली 8 सुपरसोनिक मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इसके अलावा इसमें 500 किलोग्राम वजन के 8 डीप-पेनेट्रेशन बम लगा सकते हैं. या फिर 30 छोटे बम लगा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: क्या ब्रह्मोस की कॉपी है ओरेश्निक मिसाइल, जिससे रूस ने यूक्रेन पर किया जवाबी हमला, एक बार में 6 जगह हमले में सक्षम
पायलट प्रशिक्षण: PAF के पायलट और तकनीशियन चीन में प्रशिक्षण ले रहे है
FC-31 की डिलीवरी कुछ महीनों में शुरू होगी. पाकिस्तान 30-36 जेट खरीद सकता है, जो अगले 12-18 महीनों में 6-6 की बैच में आएंगे. यह जेट पाकिस्तान के पुराने JF-17, F-16 और मिराज III/V जेट्स से कहीं ज्यादा ताकतवर है.
पाकिस्तान की रणनीति: भारत को चुनौती
पाकिस्तान का यह कदम मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद आया है. इस संघर्ष में भारत ने ब्रह्मोस-ए मिसाइलों से PAF के 6 फाइटर जेट, 2 AWACS, 1 C-130 ट्रांसपोर्ट और कई ड्रोन व मिसाइलें नष्ट की थीं. पाकिस्तान के HQ-9 (चीन निर्मित) एयर डिफेंस सिस्टम भारत की तेज और नीचे उड़ने वाली मिसाइलों को रोक नहीं पाए. FC-31 की तैनाती से पाकिस्तान इस अंतर को कम करना चाहता है.
भारत के लिए खतरा: कितना बड़ा?
FC-31 की तैनाती से दक्षिण एशिया में हवाई ताकत का संतुलन बदल सकता है। भारत की चुनौतियां और खतरे इस प्रकार हैं...
IAF की कमी: IAF के पास 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत 42 की है. AMCA 2035 तक तैयार होगा, यानी पाकिस्तान को 7-14 साल की बढ़त मिल सकती है. भारत के पास 36 राफेल, सु-30 MKI, मिराज 2000, और LCA तेजस हैं, लेकिन ये 4.5 पीढ़ी के जेट हैं.
FC-31 की ताकत: इसका स्टील्थ डिज़ाइन भारत के S-400 सिस्टम के लिए चुनौती हो सकता है, जो मई 2025 में पाकिस्तानी मिसाइलों को रोकने में कामयाब रहा था. PL-17 मिसाइल भारत के रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है. यह जेट भारत के अंदर गहरे हमले कर सकता है.
यह भी पढ़ें: पूरा PAK और चीन का ज्यादातर हिस्सा रेंज में... भारत करने वाला है हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ET-LDHCM का परीक्षण
चीन का समर्थन: मई 2025 के संघर्ष में चीन ने पाकिस्तान को सैटेलाइट डेटा और एयर डिफेंस सलाह दी थी. FC-31 की आपूर्ति से चीन-पाकिस्तान का रक्षा सहयोग और मजबूत होगा.
पाकिस्तान की योजना: 30-40 FC-31 जेट्स की तैनाती से PAF भारत के खिलाफ हवाई श्रेष्ठता हासिल कर सकती है. सोशल मीडिया के अनुसार पाकिस्तान अगस्त 2025 तक 30 J-35A जेट्स को शामिल कर सकता है.
FC-31 की कमजोरियां: भारत के लिए राहत
FC-31 की तैनाती से खतरा है, लेकिन इसकी कुछ कमजोरियां भारत को राहत देती हैं...
भारत की जवाबी रणनीति
भारत FC-31 के खतरे का जवाब देने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है...
AMCA प्रोग्राम: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AMCA के लिए प्रतिस्पर्धी मॉडल को मंजूरी दी है. 2026-27 तक प्रोटोटाइप तैयार होंगे. AMCA Mk1 (आंशिक स्टील्थ) 2030 तक और Mk2 (पूर्ण स्टील्थ) 2035 तक तैयार होगा.
यह भी पढ़ें: क्या पाकिस्तान का कराची तबाही के करीब है? भूकंप के 21 झटके धरती के अंदर बड़े हलचल के दे रहे संकेत
राफेल और MRFA: भारत के पास 36 राफेल हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में 23 मिनट की सटीक सर्जिकल स्ट्राइक की थी. भारत 114 MRFA जेट्स (जैसे F-21 या और राफेल) खरीदने की योजना बना रहा है.
LCA तेजस: तेजस Mk1A (4.5 पीढ़ी) 2024 में शामिल हो रहा है. Mk2 2028 तक आएगा. IAF ने 200 तेजस जेट्स का ऑर्डर दिया है.
रक्षा सिस्टम: S-400 ने मई 2025 में पाकिस्तानी प्रोजेक्टाइल्स को रोका था. भारत इसे और मजबूत कर रहा है. रूस से कंटेनर-एस OTH रडार खरीदा जा रहा है, जो स्टील्थ जेट्स को पकड़ सकता है.