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ब्रह्मोस का सटीक निशाना, नूर खान एयरबेस पर तबाही... ऑपरेशन सिंदूर पर 7 महीने बाद PAK ने कबूले ये 7 सच

ऑपरेशन सिंदूर के 7 महीने बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने पहली बार माना कि भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोनों से नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचा था. हमले में बेस की इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और सैनिक घायल हुए. पाकिस्तान ने 80 ड्रोन हमलों का भी जिक्र किया. पाक का यह स्वीकार करना भारत की सैन्य ताकत को दिखाती है.

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भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 एमकेआई से लॉन्च होती ब्रह्मोस मिसाइल. (File Photo: DRDO/IAF)
भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 एमकेआई से लॉन्च होती ब्रह्मोस मिसाइल. (File Photo: DRDO/IAF)

भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुई छोटी लेकिन तेज सैन्य टक्कर अब फिर सुर्खियों में है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार खुलकर स्वीकार किया कि भारतीय हमलों से उनका महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस क्षतिग्रस्त हो गया था. यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के ठीक 7 महीने बाद आया है, जब भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के जवाब में सटीक हमले किए थे. 

क्या था ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ था. पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी. भारत ने इसे बर्दाश्त नहीं किया. 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. भारत का कहना था कि ये हमले सिर्फ आतंकी कैंपों पर थे.  

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लेकिन पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की. ड्रोन और मिसाइल हमले किए. इसके बाद भारत ने और मजबूत जवाब दिया. ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलों और ड्रोनों से पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सटीक हमले किए गए. 10 मई को सीजफायर हो गया.

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 Brahmos Missile Noor Khan Base Operation Sindoor

पाकिस्तान ने अब माने ये 7 बड़े सच

इशाक डार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं, जो पाकिस्तान पहले छिपाता रहा था...

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  1. नूर खान एयरबेस पर हमला हुआ: पाकिस्तान ने माना कि 10 मई की सुबह भारत ने रावलपिंडी के पास नूर खान एयरबेस (चकलाला) पर हमला किया. यह पाकिस्तानी वायुसेना का बहुत महत्वपूर्ण बेस है, जो उनके सैन्य मुख्यालय के करीब है.
  2. क्षति और घायल हुए जवान: डार ने कहा कि हमले से बेस की इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं. सैनिक घायल हुए. हालांकि उन्होंने इसे छोटा नुकसान बताया, लेकिन यह पहली बार सार्वजनिक स्वीकारोक्ति है.
  3. 80 ड्रोन हमले 36 घंटे मेंः  पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने 36 घंटे में कम से कम 80 ड्रोन भेजे. एक ने नूर खान बेस को नुकसान पहुंचाया.
  4. ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल: पहले से ही रिपोर्ट्स थीं कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से कई एयरबेस (जैसे नूर खान, रफीकी, मुरिद आदि) को निशाना बनाया. अब पाकिस्तान की यह स्वीकार करना इन रिपोर्ट्स को मजबूत करती है. ब्रह्मोस की सटीकता ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस को चुनौती दी.
  5. आपात बैठक और डर: डार ने बताया कि 9 मई की रात प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई में सैन्य और नागरिक नेताओं की इमरजेंसी बैठक हुई. हमलों से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था.
  6. भारत की गलती का जिक्र: डार ने कहा कि नूर खान पर हमला भारत की गलती थी. इससे साफ है कि यह बेस कितना संवेदनशील है. हमला कितना प्रभावी रहा.
  7. सीजफायर: पाकिस्तान ने माना कि हमलों के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी. अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय दबाव से सीजफायर हुआ. पहले पाकिस्तान कहता था कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अब सच सामने आ रहा है.

भारत की मजबूती दिखी

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई. ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोन की सटीकता ने दुनिया को चौंकाया. पाकिस्तान पहले इनकार करता रहा, लेकिन अब खुद मान रहा है कि उसके महत्वपूर्ण ठिकानों को नुकसान पहुंचा. विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत की नई रणनीति है – आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देना, बिना बड़ा युद्ध छेड़े.

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यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया अध्याय है. पाकिस्तान की यह स्वीकारोक्ति दिखाती है कि भारत की सैन्य क्षमता अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है. आगे क्या होगा, यह समय बताएगा, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर भारत की रक्षा नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है.

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ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने इस्तेमाल किए ये मुख्य हथियार

  • ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल: यह सबसे महत्वपूर्ण हथियार था. ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है, जो ध्वनि से 3 गुना तेजउड़ती है. इसकी रेंज 300-600 किमी तक है. यह 1 मीटर की सटीकता से निशाना लगाती है. सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों से लॉन्च की गई. करीब 15-19 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी गईं, जिनसे नूर खान समेत कई पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा. यह पहली बार युद्ध में इस्तेमाल हुई और बहुत सफल रही.
  • स्कैल्प (SCALP) क्रूज मिसाइल: राफेल लड़ाकू विमानों से दागी गई लंबी दूरी की सबसॉनिक मिसाइल. इसकी रेंज 500 किमी से ज्यादा है. आतंकी कैंपों और गहरे ठिकानों पर सटीक हमले के लिए इस्तेमाल हुई.
  • हैमर (AASM Hammer) बम: राफेल से लॉन्च किए गए स्मार्ट गाइडेड बम. ये बहुत सटीक होते हैं. कम ऊंचाई से भी निशाना लगा सकते हैं. आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में मदद की.
  • क्रिस्टल मेज और स्पाइस-2000 गाइडेड बम: ये प्रिसिजन गाइडेड मुनिशन हैं, जो लड़ाकू विमानों से गिराए गए. इनसे रनवे, हैंगर और रडार साइट्स को नुकसान पहुंचाया गया.
  • हरोप लोइटरिंग मुनिशन (सुसाइड ड्रोन): ये इजरायली ड्रोन हैं जो घंटों हवा में घूमकर निशाना तलाशते हैं. फिर खुद हमला कर तबाह हो जाते हैं. पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस को निशाना बनाया.
  • अन्य ड्रोन और लोइटरिंग हथियार: भारतीय ड्रोनों का भी इस्तेमाल हुआ, जो निगरानी और हमले दोनों के लिए थे.

रक्षा के लिए इस्तेमाल हथियार: पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने के लिए आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, आकाशतीर कमांड सिस्टम, बराक-8 और S-400 का इस्तेमाल किया गया. इनसे ज्यादातर हमले नाकाम कर दिए गए.

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