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21 देश रूसी हमले से बचने के लिए मिलकर बना रहे 'स्काई शील्ड'... क्या होगा इसमें खास?

यूरोप की स्काई शील्ड इनिशिएटिव रूस के ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए शुरू हुई. जर्मनी के नेतृत्व में 21 देश इसमें शामिल हैं. IRIS-T, Patriot और Arrow-3 सिस्टम्स से यह तीन परतों वाली ढाल बनाएगी. यह नाटो का सबसे बड़ा हवाई रक्षा प्रोजेक्ट है, जो यूक्रेन युद्ध से प्रेरित है. यूरोप की सुरक्षा को मजबूत करेगा.

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रूसी हवाई हमले से बचने के लिए यूरोप के 21 देश मिलकर बना रहे हैं स्काई शील्ड. (Graphics: ITG)
रूसी हवाई हमले से बचने के लिए यूरोप के 21 देश मिलकर बना रहे हैं स्काई शील्ड. (Graphics: ITG)

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप ने इतना तेज हवाई खतरे का सामना नहीं किया. रूस का यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइल हमलों का अभियान एयर डिफेंस को यूरोपीय सुरक्षा का मुख्य आधार बना चुका है. ईरानी शाहेद ड्रोन बिजली स्टेशनों पर हमला कर रहे हैं, कैलिबर और Kh-101 क्रूज मिसाइलें शहरों को निशाना बना रही हैं. बैलिस्टिक इस्कंदर मिसाइलें कमांड सेंटरों को ध्वस्त कर रही हैं.

यूरोपीय नेता अब अपने हवाई क्षेत्र पर भी इसी तरह के हमलों को खतरा मान रहे हैं. जर्मनी के नेतृत्व में शुरू हुई यूरोपीय स्काई शील्ड इनिशिएटिव (ईएसएसआई) यूरोप का दशकों का सबसे बड़ा रक्षा प्रोजेक्ट बन गई है. यह 21 देशों का बहुराष्ट्रीय प्रयास है, जो रूस के विकसित हवाई हथियारों के खिलाफ एक परतदार ढाल बनाएगा. 

स्काई शील्ड इनिशिएटिव का जन्म: जर्मनी का विजन

अगस्त 2022 में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने स्काई शील्ड की घोषणा की. इसका उद्देश्य नाटो और ईयू सदस्य देशों के बीच एयर डिफेंस सिस्टम की संयुक्त खरीद था.

कारण सरल था: अकेले कोई यूरोपीय देश बजट या औद्योगिक क्षमता से सभी प्रकार के खतरों (ड्रोन, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल) का मुकाबला नहीं कर सकता. इसलिए, एक समन्वित, परतदार सिस्टम की जरूरत थी, जो छोटे, मध्यम और लंबी दूरी के इंटरसेप्टर्स को एक सामान्य नेटवर्क में जोड़े.

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2025 तक यह इनिशिएटिव 21 देशों में फैल चुकी है. इसमें जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड्स, इटली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, बेल्जियम, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, बुल्गारिया, लिथुआनिया, लातविया, एस्टोनिया, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, स्लोवेनिया, अल्बानिया और पुर्तगाल शामिल हैं.

फरवरी 2025 में अल्बानिया और पुर्तगाल ने शामिल होने की घोषणा की. पहले तटस्थ देश जैसे ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड भी शामिल हो गए. स्काई शील्ड नाटो के एकीकृत एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम (NATINAMDS) को मजबूत करेगी. यह यूरोप का कोल्ड वॉर के बाद सबसे बड़ा सामूहिक हवाई संरक्षण है.

स्काई शील्ड का तकनीकी आधार: तीन परतों वाली ढाल

ईएसएसआई तीन परतों पर आधारित है, जो यूरोपीय सेवा में मौजूद सिस्टम्स को नए खरीद के साथ जोड़ती है. यह ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल तक सभी खतरों का मुकाबला करेगी.

IRIS-T SLM (छोटी से मध्यम दूरी)

Europe Sky Shield Russia Attack

जर्मनी की Diehl Defence द्वारा विकसित, यह ड्रोन, विमान, हेलीकॉप्टर और क्रूज मिसाइलों को 40 किमी दूरी और 20 किमी ऊंचाई तक नष्ट करता है. इसका TRML-4D AESA रडार 1000 से ज्यादा टारगेट ट्रैक कर सकता है, जिसमें कम सिग्नेचर वाले UAV भी शामिल. यूक्रेन में जर्मनी द्वारा दिए गए IRIS-T बैटरी ने 90% से ज्यादा सफलता दर दिखाई, खासकर शाहेद ड्रोन स्वार्म के खिलाफ.

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Patriot PAC-3 MSE (मध्यम दूरी)

Europe Sky Shield Russia Attack

अमेरिकी Raytheon और Lockheed Martin का यह सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और उन्नत विमानों से बचाव करता है. PAC-3 MSE वेरिएंट बैलिस्टिक टारगेट पर 60 किमी और विमान/क्रूज पर 160 किमी दूरी तक काम करता है, ऊंचाई 35 किमी. इसका 'हिट-टू-किल' बैलिस्टिक वारहेड को सीधे टकराकर नष्ट करता है. जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्पेन और पोलैंड पहले से इसे चला रहे हैं, जो एकीकरण को आसान बनाता है.

Arrow-3 (लंबी दूरी/एक्सो-एटमॉस्फेरिक)

Europe Sky Shield Russia Attack

इजरायल की Israel Aerospace Industries और Boeing का यह सिस्टम 2000 किमी से ज्यादा दूरी और 100 किमी ऊंचाई पर बैलिस्टिक मिसाइलों को पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर नष्ट करता है. जर्मनी ने 2023 में 4 अरब यूरो का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, डिलीवरी 2029-2030 तक. मई 2025 में Arrow-4 का विकास भी ESSI का हिस्सा बना. यह रूस की लंबी दूरी या न्यूक्लियर मिसाइलों के खिलाफ बीमा है.

ये सिस्टम्स एक 'डिफेंस-इन-डेप्थ' मॉडल बनाते हैं... IRIS-T शहरों और इंफ्रास्ट्रक्चर को ड्रोन से बचाएगा, Patriot सैन्य बेस और शहरों को क्रूज/शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक से और Arrow-3 लंबी दूरी/हाइपरसोनिक से. सब कुछ नाटो-नियंत्रित नेटवर्क में इंटीग्रेटेड होगा.

रूस की हवाई युद्धनीति का जवाब

फरवरी 2022 से रूस ने 15,000 शाहेद ड्रोन और 7,000 मिसाइलें दागीं, जिससे यूक्रेन को हमेशा अलर्ट रहना पड़ रहा है. यूक्रेनी एयर फोर्स ने चेतावनी दी कि एक भी सिस्टम हमलों (एक साथ दर्जनों ड्रोन) का मुकाबला नहीं कर सकता. यूरोपीय प्लानर्स को डर है कि पोलैंड, रोमानिया या बाल्टिक देशों के नाटो बेस पर वैसी ही रणनीति अपनाई जा सकती है. ड्रोन स्वार्म एयरफील्ड या लॉजिस्टिक्स हब पर हमला कर सकता है.

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ESSI इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय रडार, सेंसर्स और इंटरसेप्टर्स को एक नेटवर्क में जोड़ेगी, ताकि कई देश जिम्मेदारी साझा करें. एक नाटो अधिकारी ने कहा कि रूस ने सिखाया कि हवाई युद्ध अब कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों का नहीं, बल्कि संख्या, स्वार्म और लगातार हमलों का है. स्काई शील्ड इसी का जवाब है.

राजनीतिक महत्वाकांक्षा और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा

स्काई शील्ड यूरोपीय राजनीतिक एकता की परीक्षा भी है. जर्मनी ने खुद को यूरोप के सुरक्षा गारंटर के रूप में स्थापित किया. लेकिन सभी सहयोगी सहमत नहीं. फ्रांस ने विरोध किया, क्योंकि यह अमेरिकी और इजरायली सप्लायर्स पर निर्भरता बढ़ाएगा. 

फ्रांस SAMP/T NG सिस्टम (MBDA और Thales का, Aster 30 Block 1NT इंटरसेप्टर्स के साथ) को यूरोपीय विकल्प मानता है, जो 120 किमी रेंज और बैलिस्टिक डिफेंस देता है. इटली और फ्रांस इसे चला रहे हैं. पोलैंड ने नाटो के लक्ष्यों का समर्थन किया, लेकिन Wisła (Patriot-आधारित) और Narew (CAMM मिसाइल-आधारित) जैसे राष्ट्रीय प्रोग्राम को प्राथमिकता दी.

यह ESSI की चुनौती दिखाता है: क्या यह वाकई पैन-यूरोपीय बनेगा या जर्मनी-केंद्रित रहेगा? तुर्की और ग्रीस ने फरवरी 2024 में शामिल होकर इसे मजबूत किया, लेकिन फ्रांस, इटली और पोलैंड अभी अलग हैं.

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खरीद समयसीमा और चुनौतियां

स्काई शील्ड की सफलता समयसीमा और इंटरऑपरेबिलिटी पर निर्भर है. Arrow-3 की डिलीवरी 2029-2030 तक होगी, जो वर्तमान खतरों के लिए देर हो सकती है. Patriot पहले से तैनात हैं, लेकिन इंटरसेप्टर्स की कमी है, क्योंकि अमेरिकी उत्पादन वैश्विक मांग से पीछे है. IRIS-T उत्पादन तेज हो रहा है, लेकिन सालाना सैकड़ों नहीं, बल्कि दर्जनों ही बन रहे हैं. 

एकीकरण की चुनौती: फिनलैंड का रडार जर्मनी या इटली से मिसाइल लॉन्च करा सके, इसके लिए नाटो के एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (ACCS) को अपग्रेड करना होगा. सीमा पार हमलों में फायरिंग का अधिकार किसका होगा, इस पर राजनीतिक समझौते जरूरी हैं. बिना इनके, स्काई शील्ड राष्ट्रीय सिस्टम्स का म्यूजियम बनकर रह जाएगी.

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यूक्रेन और नाटो के लिए दांव

यूक्रेन के लिए स्काई शील्ड तत्काल और लंबे समय के लाभ देगी. IRIS-T, Patriot और NASAMS जैसे सिस्टम्स की द्विपक्षीय डिलीवरी पर निर्भरता रहेगी. जर्मनी ने कई IRIS-T बैटरी दिए, जिन्होंने हजारों जानें बचाईं. ESSI से उत्पादन बढ़ेगा, जो यूक्रेन को मदद करेगा.

नाटो के लिए, यह रूस को संकेत है कि एस्केलेशन पर अलग-अलग राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं नहीं, बल्कि सामूहिक ढाल का सामना होगा. यह अमेरिकी राजनीति के बदलाव से बचाव भी है, जहां यूरोपीय रक्षा पर वाशिंगटन का समर्थन बहस का विषय है. स्काई शील्ड दिखाता है कि यूरोप अपनी हवाई सुरक्षा खुद संभालने को तैयार है.

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यूरोप का रक्षा दांव

यूरोपीय स्काई शील्ड इनिशिएटिव यूरोप का सबसे बड़ा दांव और जरूरी कदम है. यह दांव इसलिए क्योंकि यह अप्रत्याशित बहुराष्ट्रीय एकीकरण, महंगी खरीद और राजनीतिक समझौतों पर निर्भर है. जरूरी इसलिए क्योंकि रूस के युद्ध ने दिखाया कि यूरोपीय हवाई क्षेत्र अब सुरक्षित नहीं.

अगर सफल हुई, तो यह न सिर्फ ड्रोन-मिसाइल से बचाव देगी, बल्कि यूरोप की रक्षा पहचान को नया रूप देगी-कोल्ड वॉर के एकीकृत एयर डिफेंस जैसी. एक यूरोपीय रक्षा मंत्री ने कहा कि कीव पर हर शाहेद ड्रोन वारसा, विल्नियस और बर्लिन के लिए चेतावनी है. स्काई शील्ड सिर्फ यूक्रेन की मदद नहीं, बल्कि अगले युद्ध को रोकने के लिए है.

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