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होटलों के अंदर रखे गए लोडेड हथियार, स्मोक ग्रेनेड और मेडिसिन स्टॉक...G20 समिट के हर वेन्यू का एक कमांडर भी तय

G20 की सुरक्षा की तैयारी नई दिल्ली में पिछले काफी वक्त से शुरू है. सुरक्षा तैयारियों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति समेत दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्षों के प्रोटोकॉल को भी ध्यान में रखा गया है. इस दौरान एक मीटिंग में यह तय किया गया कि अगर दुर्भाग्य से कोई आतंकी संगठन अपने नापाक इरादों में थोड़ा बहुत सफलता पा लेता है और किसी घटना को अंजाम देता है तो उसे दौरान सुरक्षा कर्मियों के हथियार या फिर किसी भी चीज की सप्लाई चेन में रुकावट नहीं आनी चाहिए.

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G20 समिट के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम.
G20 समिट के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम.

G-20 की सुरक्षा के लिए जिस स्तर पर तैयारी की गई है वो अभूतपूर्व है. जब देश की राजधानी नई दिल्ली में 9 राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष और 100 से ज्यादा वीवीआईपी मेहमान होंगे और वो भी तीन दिनों के लिए, तब राजधानी में जरा-सी गड़बड़ी देश की साख पर धब्बा लगा सकती है, इसलिए किसी भी गड़बड़ी को होने से पहले रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अगर बदकिस्मती से कहीं कोई आतंकी हमला हो जाता है, तो उससे निपटने के लिए उठाए गए हैं ये कदम:-

आतंकी हमले की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों को हथियार की सप्लाई में कमी न आ जाए, इसलिए होटलों के अंदर हथियारों को जमा करके रखा गया है.

होटल के अंदर जिन हथियारों का इस्तेमाल जवान कर रहे हैं, उनकी गोलियां जमा करके रखी गई हैं. इसके अलावा अत्याधुनिक हथियार, आपातकाल के लिए दवा और मेडिकल सप्लाई, स्मोक ग्रेनेड, बैकअप के लिए हथियार समेत वायरलेस सेट बंद न हों, इसलिए उनके चार्जर जैसी चीजों का स्टॉक रखा गया है.

दरअसल, एजेंसी कहीं से कोई खामी नहीं रहने देना चाहती है. ये तैयारी दर्शाती है कि किस तरह से एजेंसी अपनी गलतियों से सीखती है. इसलिए हथियारों की क्वालिटी चेक बार बार की जा रही है. नियमित रूप से डीसीपी रैंक के अधिकारी की देखरेख में. 

G20 की सुरक्षा की तैयारी पिछले काफी वक्त से शुरू है. सुरक्षा तैयारियों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति समेत दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्षों के प्रोटोकॉल को भी ध्यान में रखा गया है. इस दौरान एक मीटिंग में यह तय किया गया कि अगर दुर्भाग्य से कोई आतंकी संगठन अपने नापाक इरादों में थोड़ा बहुत सफलता पा लेता है और किसी घटना को अंजाम देता है तो उसे दौरान सुरक्षाकर्मियों के हथियार या फिर किसी भी चीज की सप्लाई चेन में रुकावट नहीं आनी चाहिए. 

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जमीन पर तैयारी के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां हवाई खतरों को भी लेकर सतर्क हैं. दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के एरिया तक को नो फ्लाइंग जोन में डाला गया है यानी कोई भी ऐसा ऑब्जेक्ट जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है, वह एनडीएमसी इलाके में उड़ेगा तो फौरन गिरा दिया जाएगा. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है.

एजेंसियां साइबर अटैक को लेकर के भी पूरी तरह से सतर्क हैं. एक्सपर्ट की एक टीम लगातार ऐसे खतरों पर नजर बनाकर रखे हुए है. खासतौर से उन होटल्स में साइबर एक्सपर्ट की टीम नजर बना कर रखी हुई है जहां पर विदेशी मेहमानों को ठहराया  गया है.

सुरक्षा में नई अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. खासतौर से होटल में और सीसीटीवी कैमरा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्धों की पहचान तुरंत की जा सके. होटल में जो स्टाफ वीवीआईपी मेहमानों की देखभाल करेगा, उनकी कई बार वेरिफिकेशन की जा चुकी है.

सुरक्षा में कहीं कोई कमी ना रहे, इसलिए होटल के रास्ते और प्रगति मैदान समेत सभी जगहों को अलग-अलग वेन्यू के रूप में निर्धारित किया गया है और हर वेन्यू का एक कमांडर निश्चित किया गया है. अब कमांडर ही विदेशी मेहमानों के सुरक्षाकर्मियों से सीधे संपर्क में रहेगा. यह कमांडर आईपीएस अधिकारी हैं.

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जिन होटल में वीवीआईपी मेहमानों को रखा गया है, वहां पर हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ है. यहां तक कि जो कार्ड उन्हें दिए गए हैं, वो जी-20 के लिए विशेष तौर पर बनाए गए हैं. कोई भी स्टाफ अपनी मर्जी से ना तो घूम पाएगा और न हीं एक से दूसरे फ्लोर पर जा पाएगा.

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