गाजा में हमास और इजरायल के बीच हो रही जंग को 8 महीने होने वाले हैं. इसी बीच मंगलवार की देर रात इजरायली सेना ने गाजा में जबरदस्त जमीनी और हवाई हमला किया. इस हमले में कुल 19 लोग मारे गए, जबकि बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए हैं. मरने वालों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो रफाह में मानवीय मदद में लगे हुए थे. इस जबरदस्त हमले के बाद हर तरफ तबाही का मंजर दिख रहा है.
इनमें 17 लोगों की मौत अल ब्यूरिज, अल-मगाजी शरणार्थी शिविरों और मध्य गाज़ा के दीर अल-बलाह शहर पर अलग-अलग हवाई हमलों में हुई हैं. इन हमलों के बाद अल-नुसीरत शिविर के लोग दहशत में हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बचाव ने खड़े नज़र आए. उन्होंने कहा कि वो अपनी मुसीबत से निकलने में लगे हैं. वो जंग के लिए कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं.
दूसरी तरफ गाजा में सीजफायर को लेकर लगातार कोशिशें जारी हैं. इसको लेकर स्लोवेनिया की संसद में बहुमत के साथ स्वतंत्र फिलिस्तनी राष्ट्र की मान्यता को मंज़ूरी दी गई. इससे पहले स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे ने फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे चुके हैं. इस लिस्ट में यूरोपीय संघ के 27 सदस्यो में से स्वीडन, साइप्रस, हंगरी, चेक गणराज्य, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और बुल्गारिया के नाम भी शामिल हैं.
हालांकि इजरायल ने फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने पर बार-बार निंदा की है, लेकिन दूसरी तरफ इन तमाम देशों का मानना है कि फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने से ही इस मसले को सुलझाया जा सकता है. पिछले साल 7 अक्टूबर को इज़रायल में हमास के हमले के बाद हालात बदल गए हैं. इजरायली कार्रवाई में अब तक 36 हजार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. ये सिलसिला अब भी जारी है.
G7 ने सीजफायर के लिए हमास पर बनाया दबाव
जी7 देशों के नेताओं ने हमास से कहा है कि वो इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए तुरंत जंग को रोक दे. इस समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल है. उनकी तरफ से एक संयुक्त बयान में कहा गया है, "हम ग्रुप ऑफ सेवन के नेता, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा तैयार कराए गए प्रस्ताव का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.''
चौतरफा दबाव के बावजूद गाजा में भीषण हमले जारी
अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों की तमाम कोशिशों के बावजूद इजरायल हमास पर हमले बंद नहीं कर रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि उनकी सेना हमास को खत्म किए बिना गाजा से वापस लौटने वाली नहीं है. उनका ये भी कहना है कि हमास से इजरायली बंधकों को वापस लाने की मुहिम पहले की तरह ही जारी रहेगी. इजरायल अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाला नहीं है. वो जंग को जारी रखेगा.
अमेरिकी सीनेटर ने नेतन्याहू को बताया युद्ध अपराधी
एक तरफ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर इस्लामिक देश गाजा में बेकसूर फिलिस्तीनियों को मारने का आरोप लगाते रहे हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने भी नेतन्याहू पर निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या का आरोप लगाया है. अमेरिका के सीनियर डेमोक्रेटिक नेता ने नेतन्याहू को युद्ध अपराधी बताते हुए कहा कि निर्दोष फिलिस्तीनियों को मारने वाले को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए नहीं बुलाना चाहिए.
अमेरिकी सीनेटर ने नेतन्याहू को बताया युद्ध अपराधी
सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा, "इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्ध अपराधी हैं और उन्हें कांग्रेस के संयुक्त सत्र के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए. इजरायल के पास हमास के हमले के खिलाफ खुद को सुरक्षित रखने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार से आपको बेकसूर फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने की अनुमति नहीं मिल जाती. इजरायल के पास 34 हजार फिलिस्तीनियों को मारने का अधिकार नहीं है."
नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप
अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने गाजा में इजरायल की ओर से मानवीय मदद रोके जाने का भी विरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "इजरायल गाजा में मानवीय मदद को नहीं रोक सकता. ये अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नेतन्याहू और हमास के नेता याह्या सिनवार के ख़िलाफ़ अरेस्ट वारंट जारी किया है."