Air Force Chief Engineer SN Mishra Murder: रात के सवा 3 बजे क्या कोई चोर किसी घर की डोरबेल बजाकर वहां चोरी करने जाएगा? जो चोर पहले से ही तंगी का शिकार हो, क्या वो सस्ते तमंचे खरीदने की बजाय महंगी साइलेंसर वाली पिस्टल खरीदेगा? उस घर के लोग तीन दिनों से बाहर थे. यानि चोर के लिए चोरी करने का ये सबसे बेहतर मौका था. लेकिन इसके बावजूद चोर चोरी करने के बजाय घरवालों के वापस आने का इंतजार करने लगा. क्या ये वाकई मुमकिन है? ये सारे वो सवाल हैं, जिनका जवाब प्रयागराज पुलिस को तलाश करना है. मामला इंडियन एयर फोर्स के एक आला अफसर की हत्या का है, जिसे एयर फोर्स मध्य कमान मुख्यालय परिसर में अंजाम दिया गया.
प्रयागराज के बमरौली इलाके में मौजूद है एयरफोर्स का सेंट्रल एयर कमांड यानि मध्य वायु कमान मुख्यालय. इस कैंपस के अंदर एयरफोर्स के तमाम बड़े अधिकारियों के घर हैं, जिनमें वो अपने परिवार के साथ रहते हैं. ऊंची-ऊंची दीवारें और कटीले तारों की सुरक्षा वाले इस एयरफोर्स कैंपस में आम लोगों की एंट्री नहीं होती है. यहां तक कि मुख्यालय की दीवार पर बड़े-बड़े अक्षरों में चेतावनी लिखी हुई है- ये प्रतिबंधित क्षेत्र यानि रिस्ट्रिक्टड एरिया है, घुसपैठियों को गोली मार दी जाएगी.
एयरफोर्स के इसी मुख्यालय के अंदर एयरफोर्स के एक अफसर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की एक तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में काले लिबास में एक नौजवान नजर आ रहा है. सिर पे टोपी है, चेहरा रुमाल से ढका हुआ और हाथ में पिस्टल है. ये घर एयरफोर्स के चीफ इंजीनियर (वर्क्स) एसएन मिश्रा का है. जिस एयरफोर्स मुख्यालय के गेट पर ये चेतावनी लिखी है कि घुसपैठियों को देखते ही गोली मार दी जाएगी. उसी एयरफोर्स मुख्यालय के अंदर यही नकाबपोश एयरफोर्स के ज्वांइट सेक्रेटरी लेवल के एक अफसर को गोली मारकर बड़े आराम से इस अति सुरक्षित मुख्यालय से निकल जाता है.
एसएन मिश्रा के कत्ल के बाद प्रयागराज पुलिस एक प्रेस कांफ्रेस करती है. इस प्रेस कांफ्रेस में वो बताती है कि एयरफोर्स के अफसर एसएन मिश्रा के घर एक चोर चोरी करने गया था और उसी चोरी के दौरान उसने एसएन मिश्रा को गोली मार दी. पुलिस ने उस चोर और उसके मां-बाप को गिरफ्तार कर केस सुलझा लिया है. प्रयागराज के एडीजी अजय पाल शर्मा कह रहे हैं कि ये एक चोरी का केस था, जिसमें चोर के हाथों एक कत्ल भी हो गया. पर क्या सचमुच यही सच्चाई है? क्या मामला सिर्फ चोरी का था? और क्या चोरी के दौरान अनजाने में ये कत्ल हो गया? या इसके पीछे की साजिश कहीं ज्यादा बड़ी है?
तो चलिए पुलिस की थ्योरी, कत्ल का मकसद और तमाम साजिश और सवाल को एक एक कर समझते हैं. एसएन मिश्रा की पत्नी वत्सल मिश्रा की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक 29 मार्च की सुबह करीब सवा तीन बजे उनके घर की डोरबेल बजी थी. इसके बाद दरवाजा तोड़ने की कोशिश की गई. फिर घर के पिछले हिस्से की खिड़की खोलने की भी कोशिश हुई. शोर सुनकर एसएन मिश्रा जब खिड़की के करीब गए तो खिड़की के बाहर खड़े अनजान शख्स ने उन्हें गोली मार दी. वत्सल मिश्रा का ये बयान बाकायदा पुलिस में भी दर्ज है.
वत्सल मिश्रा के इसी बयान से एक सवाल उठता है, जो पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाता है. सवाल ये कि क्या कभी कोई चोर बाकायदा डोर बेल बजाकर यानि घंटी बजाकर किसी घर में चोरी करने जाएगा. घंटी बजाकर चोरी करने वाले ऐसे चोर की अब तक तो कोई दूसरी मिसाल नहीं मिली है. क्योंकि अमूमन चोर जब भी किसी घर में चोरी करने जाता है तो हमेशा दबे पांव जाता है. शोर मचाकर या घंटी बजाकर नहीं. पुलिस की दूसरी दलील ये है कि सौरभ नाम के जिस चोर को उन्होंने पकड़ा है उसका बड़ा भाई मर्डर के एक केस में कौंशाबी जेल में बंद है. सौरभ को जमानत पर बाहर लाने के लिए पैसों की जरुरत थी. और इसीलिए वो एसएन मिश्रा के घर चोरी करने गया था.
कुछ वक्त पहले ही सौरभ ने आई फोन 16 प्रो खरीदा था, जिसकी कीमत सवा डेढ लाख के आसपास है. सौरभ के पास अपनी एक मंहगी एक रेसर बाइक है. उसे पहले से ही मंहगे मंहगे शौक है. अगर सचमुच उसे जमानत के लिए पैसों की जरुरत होती तो वो या तो मोबाइल नहीं खरीदता या बाइक ही बेच देता. यानि उसे पैसों की ऐसी कोई तंगी नहीं थी. सौरभ ने 29 मार्च की देर रात जब खिड़की से एसएन मिश्रा को गोली मारी तब उस वक्त घर में एसएन मिश्रा, उनकी पत्नी वत्सल मिश्रा और उनका एक बेटा मौजूद था. पर किसी को भी गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं दी.
दरअसल, पिस्टल में साइलेंसर लगा हुआ था. अब ज़ाहिर है साइलेंसर लगा पिस्टल कोई सस्ता तो मिलता नहीं होगा. फिर एक चोर जिसे भाई की ज़मानत के लिए पैसों की सख्त ज़रूरत है, वो अकेले हथियार पर इतने पैसे खर्च क्यों करेगा? मीडिया को जारी बयान में खुद एसएन मिश्रा की पत्नी वत्सल मिश्रा भी प्रयागराज पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठा रही हैं. उनका कहना है कि कत्ल की असली वजह चोरी नहीं बल्कि कुछ और ही है. इसीलिए एसएन मिश्रा का परिवार इस सिलसिले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुका है.
चोरी की बात इसलिए भी गले नहीं उतर रही, क्योंकि 29 मार्च को एसएन मिश्रा के कत्ल से पंदह दिन पहले 14 मा्र्च को भी उनके घर पर दो लोगो ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी. इस सिलसिले में एसएन मिश्रा ने 15 मार्च को अपने आला अधिकारियों को इस बाबत एक लेटर भी लिखा था. हालांकि 14 मार्च की इस घटना की रिपोर्ट एसएन मिश्रा ने पुलिस में नहीं लिखाई थी. वत्सल मिश्रा के मुताबिक पुलिस में रिपोर्ट ना लिखाने की सलाह एयरफोर्स के आला अफसरों ने ही दी थी.
सौरभ नाम के जिस चोर को पुलिस ने पकड़ा है, वो सौरभ असल में इसी एयरफोर्स कंपाउड के अंदर ही पला बढ़ा है. सौरभ की मां एयरफोर्स मुख्यालय के अंदर हाउस मेड का काम करती हैं जबकि पिता भी कंपाउड में ही काम करता है. प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, कुछ वक्त पहले सौरभ कुछ फर्नीचर पहुंचाने एस एन मिश्रा के घर गया था. इसलिए उसे घर के अंदर और बाहर की अच्छी खासी जानकारी थी.
अगर पुलिस की इस कहानी पर भरोसा भी कर लें तो भी ये समझ नहीं आता कि जब सौरभ को घर के अंदर की सारी जानकारी थी. वो घर पर लगातार नजर रखे हुए था. तो फिर उसने तब तब चोरी की कोशिश क्यों नहीं की? जब एसएन मिश्रा के घर में कोई था ही नहीं. एसएन मिश्रा 24, 25 और 26 मार्च को प्रयागराज से बाहर थे. 27 मार्च को वो वापस लौटे और 29 मार्च की देर रात उनकी हत्या कर दी गई. सौरभ इसी एयरफोर्स कंपाउड में रहता था. बकौल पुलिस एसएन मिश्रा के घर पर उसकी लगातार नजर थी. तो फिर सवाल ये उठता है कि जब 24 से 26 मार्च तक पूरे तीन दिनों तक घर में कोई नहीं था. घर पूरी तरह खाली था, तब सौरभ ने चोरी की कोशिश क्यों नहीं की?
जाहिर है ये वो सवाल हैं जिनके जवाब एसएन मिश्रा का परिवार जानना चाहता है. उन्हें शक है कि कत्ल का असली मकसद कुछ और है. दरअसल, एसएन मिश्रा सेंट्रल एयरफोर्स कमान में चीफ इंजीनियर वर्क्स के तौर पर तैनात थे. बीते 22 सालों से वो एयरफोर्स में अपनी सेवा दे रहे हैं. उनकी छवि एक ईमानदार अफसर की रही है. लेकिन एयरफोर्स में वो जिस पद पर थे, उस पद पर रहते हुए बहुत सारे कॉंट्रैक्टर के साथ उनका मिलना जुलना होता था. एसएन मिश्रा के एक दस्तखत से करोड़ों के प्रोजेक्ट पास या फेल होते थे. तो क्या उनके कत्ल के पीछे कॉंट्रैक्ट का खेल तो नहीं? कॉंट्रैक्ट के अलावा इंटर्नल राइवलरी भी एक वजह हो सकती है.
फिलहाल, प्रयागराज पुलिस ने एसएन मिश्रा के कत्ल के इल्जाम में तीन लोगों को गिरफ्तार कर रखा है. सौरभ और उसके मां-बाप को। इस गिरफ्तारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. सवाल ये कि सौरभ के मां-बाप एसएन मिश्रा के कत्ल की साजिश में किस तरह शामिल थे? पुलिस ने इसका खुलासा अब तक नहीं किया है. कुल मिलाकर मामला जितना सीधा लग रहा है, उतना है नहीं.
(प्रयागराज से पंकज श्रीवास्तव के साथ आनंद राज का इनपुट)