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आई-20 कार, 10 घंटे का सफर, जोरदार धमाका और 3 थ्योरी... जानिए दिल्ली टेरर अटैक की इनसाइड स्टोरी

दिल्ली के लाल किले के पास हुआ धमाका अब सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं बल्कि दिमाग सुन्न कर देने वाली साजिश का संकेत बन गया है. सीसीटीवी फुटेज, बारूद से भरी कार और डॉक्टर बने आतंकी के धागे जम्मू-कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक फैले हैं.

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फरीदाबाद में पुलिस की कार्रवाई के बाद डॉ. उमर नबी दिल्ली आ गया था. (Photo: ITG)
फरीदाबाद में पुलिस की कार्रवाई के बाद डॉ. उमर नबी दिल्ली आ गया था. (Photo: ITG)

10 नवंबर की शाम दिल्ली का दिल उस वक्त दहल उठा जब एक सफेद आई-20 कार में अचानक धमाका हो गया. चिंगारियां उठीं, गाड़ियां फटीं और कुछ ही सेकंड में 12 जिंदगियां राख में तब्दील हो गईं. शुरुआती जांच में जो सामने आया, उसने दिल्ली पुलिस से लेकर सुरक्षा एजेंसियों तक को हिला दिया. ये कोई आम हादसा नहीं बल्कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी आतंक की एक सटीक साजिश थी.

धमाके वाले दिन सुबह 8 बजकर 13 मिनट. बदरपुर टोल प्लाजा. सीसीटीवी में दिखी सफेद रंग की आई-20 कार (HR 26CE 7674). ड्राइविंग सीट पर बैठा शख्स काले रंग का मास्क लगाए था. उस वक्त किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यही कार शाम तक दिल्ली को झकझोर देगी. दोपहर 3 बजकर 19 मिनट. लाल किले की पार्किंग. ठीक सात घंटे बाद कार लाल किले के भीतर सुनहरी मस्जिद के पास पार्क हुई. 

कार में सिर्फ एक आदमी था. कार पार्क करने के बाद तीन घंटे से ज्यादा उसी सीट पर बैठा रहा. न उसने खाया, न उतरा, बस खामोशी से बैठा रहा. उसकी पहचान अब डॉक्टर उमर मोहम्मद नबी के रूप में हुई है. शाम 6 बजकर 23 मिनट पर उसने कार स्टार्ट की, पार्किंग का पैसा चुकाया और बाहर निकल गया. पार्किंग से धमाके वाली जगह की दूरी सिर्फ 300 मीटर थी. ट्रैफिक के कारण पहुंचने में 15 मिनट लग गए.

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शाम 6 बजकर 38 मिनट. लाल किला रोड. भीड़भाड़ वाली सड़क पर अचानक उस आई-20 कार में जोरदार धमाका हुआ. आग का गोला बना मलबा चारों तरफ बिखर गया. आसपास खड़ी कई गाड़ियां उसकी चपेट में आईं. जब तक आग शांत हुई, 12 लोग मर चुके थे और 20 घायल से ज्यादा गंभीर रूप से घायल थे. अब सवाल ये उठता है कि उमर तीन घंटे कार में बैठा क्या कर रहा था? 

delhi terror attack inside story

सवालों से घिरी आतंकी साजिश

क्या उमर का निशाना लाल किला था? या वो किसी और जगह धमाका करना चाहता था, लेकिन गलती से ये ब्लास्ट हो गया? इस सवाल का जवाब मिलने के लिए जांच एजेंसियां अब 24 घंटे पहले के घटनाक्रम में लौट गई हैं. 9 नवंबर की सुबह. जम्मू-कश्मीर पुलिस को सूचना मिली कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कुछ आतंकी फरीदाबाद में छिपे हैं. फरीदाबाद पुलिस की मदद से धौज इलाके में छापा मारा. 

अल फलाह यूनिवर्सिटी के पास स्थित इस जगह से 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, बैट्री, टाइमर और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई. दो लोग गिरफ्तार हुए, जो बाद में मोहम्मद उमर नबी के करीबी निकले. उमर को इस दबिश की खबर मिल चुकी थी. अंदेशा है कि डर के मारे वो बारूद से भरी कार लेकर दिल्ली भाग निकला. इसके बाद जो हुआ वो हर किसी के सामने है. जांच में तीन थ्योरी सामने आई है.

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दिल्ली धमाके की तीन थ्योरी 

पहली थ्योरी:- उमर का टारगेट लाल किला ही था. जैश-ए-मोहम्मद का मकसद हमेशा इंटरनेशनल पब्लिसिटी रहा है. लाल किला से बड़ा प्रतीक शायद ही कोई और हो. लेकिन पार्किंग में धमाका करने से नुकसान सीमित होता, इसलिए उसने इंतजार किया. सही वक्त और भीड़ के लिए. उसे जैसे लगा कि शाम के वक्त सड़क पर लोगों की भीड़ मिल सकती है, उसे लाल किला के पास धमका कर दिया.

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दूसरी थ्योरी:- संभव है कि उमर नबी को अपने पाकिस्तानी आकाओं से नया आदेश मिला हो. इसके बाद वो पार्किंग से कार निकाल कर सड़़क पर आ गया. जिस जगह उसने कार में धमाका किया, वो जगह भी लाल किले के बिल्कुल करीब है. यानी उसका मकसद यहां पूरा हो रहा था, क्योंकि सड़क पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा थी और गाड़ियां बिल्कुल आपस में सट कर चल रही थी.

तीसरी थ्योरी:- दिल्ली के लाल किला के पास हुए इस धमाके को लेकर एक तीसरी थ्योरी भी है. ये थ्योरी है कि उमर नबी किसी और भीड़-भाड़ वाली जगह या बाजार में पहुंच कर कार को उडाना चाहता था. संभव है कि वो पुलिस की लगातार चल रही कार्रवाई की वजह से घबरा गया हो. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि लाल किले के सामने एक्सिडेंटली कार में धमाका हो गया हो.

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'हीलर' जो बन गया 'किलर'

मोहम्मद उमर नबी पेशे से डॉक्टर था. पुलवामा का रहने वाला था. लेकिन असल में वो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था. इस मॉड्यूल में उसके तीन साथी थे. डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल अहमद और डॉ. शाहीन शाहिद. इस मॉड्यूल का खुलासा 1 नवंबर को हुआ, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया. 6 नवंबर को सहारनपुर से डॉ. आदिल को पकड़ा गया. 

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दोनों की गिरफ्तारी से इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों का खुलासा हो गया. फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल के किराए के घर से पुलिस को भारी मात्रा में विस्फोटक, टाइमर और तार मिले. वहीं बाहर खड़ी कार डॉ. शाहीन की थी, जिससे एक असॉल्ट राइफल बरामद हुई. इसके बाद पुलिस ने फतेहपुर तगा गांव में मौलाना के घर पर छापा मारा, जहां से ढाई हजार किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला.

इसके साथ बैटरी और टाइमर बरामद हुए. इसी दौरान उमर नबी फरार हो गया. शायद उसी वक्त उसने ये आत्मघाती सफर तय किया. दिल्ली पुलिस का कहना है कि कार चला रहा शख्स डॉ. उमर नबी खुद भी धमाके में मारा गया. हालांकि, उसके डीएनए सैंपल के मिलान के लिए पुलवामा में उसके परिवार के किसी सदस्य के सैंपल लिए गए. उसे दिल्ली का उसके पहचान की पुष्टि की जाएगी.

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