इस बार केंद्र सरकार ने बजट में बड़ा बदलाव करते हुए न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है. इस स्लैब में आने वाले लोगों को इसका असर आज आने वाली सैलरी में देखने को मिलेगा जिसमें इजाफा होने वाला है.
उदाहरण के लिए समझिए कि रवि 1 मई यानि आज के दिन का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि हर महीने की पहली तारीख को रवि के अकाउंट में सैलरी आती है, लेकिन इस बार रवि की बगैर अप्रैजल (Appraisal) बढ़कर सैलरी आने वाली है. रवि ही नहीं, देश में ऐसे लाखों सैलरीड लोग हैं, जिनकी अप्रैल की सैलरी बढ़कर आने वाली है. रवि को पता भी है कि उनकी कितनी बढ़कर सैलरी आने वाली है.
दरअसल, रवि की मंथली सैलरी 1 लाख रुपये है, यानी सालाना 12 लाख की आय है. रवि ने पिछले साल भी न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को चुना था, लेकिन अब केवल वित्तीय वर्ष बदलने पर रवि की सैलरी बढ़कर आने वाली है, क्योंकि बजट में इस साल सरकार ने इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी थी, अब 12 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 तक न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये की तक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था. जिसे वित्त वर्ष 2025-26 से बढ़ाकर 12 लाख रुपये तक कर दिया गया है.
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1 लाख वालों की इतनी बढ़ेगी सैलरी
अब आइए जानते हैं कि रवि की कितनी सैलरी बढ़कर आने वाली है, रवि के मुताबिक उनकी सैलरी 1 लाख रुपये मंथली है, पिछले साल इस सैलरी पर रवि को New Tax Regime के तहत सालाना 71500 रुपये इनकम टैक्स (Income Tax) भरना पड़ रहा था, यानी रवि को हर महीने 5958 रुपये इनकम टैक्स देना पड़ रहा था. जो कि मार्च 2025 तक की सैलरी से कटती रही. लेकिन ये पैसा अब बचने वाला है. ये राशि अब अप्रैल की सैलरी में बढ़कर आने वाली है.
बता दें, बजट 2025 में केंद्र सरकार ने सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट की राशि बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है. न्यू टैक्स रिजीम (2025) के तहत 12 लाख की आय पर टैक्स स्लैब के हिसाब 52,500 रुपये टैक्स बनता है. लेकिन 87A के तहत टैक्स रिबेट भी 52,500 रुपये का मिल जाता है तो फिर कोई टैक्स नहीं बनता है. जिस वजह से रवि की 1 मई को 5958 रुपये सैलरी ज्यादा आने वाली है, जो कि किसी अप्रैजल के कम नहीं है. वहीं अब ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा है, अगर रवि ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनते हैं तो फिर सालाना इनकम टैक्स 1,63,800 रुपये बनता है, इसमें वो डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं, लेकिन फिर मोटा पैसा निवेश करना होगा. जबकि इस आय पर न्यू टैक्स रिजीम में जीरो टैक्स लागू है.
12.75 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
1 अप्रैल 2025 से न्यू टैक्स रिजीम लागू हो चुके हैं. 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम में 75000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलने वाला है. यानी जिनकी सैलरीड इनकम सालाना 12.75 लाख रुपये है, उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. बता दें, इससे पहले न्यू टैक्स रिजीम 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था. इसका सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होना है.
अब जिन लोगों की सैलरी 12.75 लाख रुपये तक है, उन्हें इनकम टैक्स के बारे में नहीं सोचना है. सेक्शन 87A के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर पहले से ही टैक्स छूट थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 लाख तक कर दिया गया है. एक उदाहरण से समझते हैं... अगर किसी की सैलरी पिछले वित्त वर्ष में 7.75 लाख रुपये से अधिक थी, और उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम चुन रखा था, तो उन्हें हर हाल में इनकम टैक्स देना पड़ा होगा. लेकिन इस साल अब उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, यानी पिछले साल जितना पैसा उन्होंने इनकम टैक्स के तौर पर भरा था, वो इस साल सीधे बचने वाला है.
अब न्यू टैक्स रिजीम फायदेमंद
गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2025 से वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरू हो गया है, और 'न्यू टैक्स रिजीम' ही डिफॉल्ट ऑप्शन के तौर पर होंगे. हालांकि ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी मौजूद रहेगा. अगर आपकी आय और डिडक्शन के आधार पर यह फायदेमंद है, तो आप इसे चुन सकते हैं. खासकर नौकरीपेशा लोग अपनी ITR फाइल करते वक्त इसे ऑप्ट कर सकते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से अब एक करोड़ टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसका सीधा मतलब यह है कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी व्यक्ति को इनकम टैक्स नहीं देना होगा. CBDT के के मुताबिक वित्तवर्ष 2024-25 में ही करीब 75 फीसदी से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं, और अब जब 12 लाख रुपये तक की आय को भी टैक्स फ्री कर दिया गया है, तो इसके बाद अब 90 फीसदी से 97 फीसदी टैक्सपेयर्स इस नई कर व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं.
अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम किसके लिए फायदेमंद हो सकता है?
अब पुरानी स्कीम केवल उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी चैप्टर 6-एक के अधीन डिडक्शन को क्लेम करता है. जो सैलरी क्लास में आता है, जिसको HRA मिलता हो, साथ ही होम लोन चुका रहा हो. यानी जो लोग इनकम टैक्स में लाइफ इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, घर का किराया, बच्चों के स्कूल फीस, होम लोन, मेडिकल इंश्योरेंस, NPS में निवेश करते हैं वो डिडक्शन का लाभ लेकर टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन अब 95 फीसदी से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएंगे.