भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं (India Fastest Growing Economy) में टॉप पर बना हुआ है और इसका लोहा विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ तक तमाम एजेंसियों ने माना है. अब हार्वर्ड के दिग्गज इकोनॉमिस्ट ने चार्ट शेयर की है, जो देश की इकोनॉमी की तेज रफ्तार के बारे में तस्वीर साफ करता है. इससे पता चलता है कि कोरोना माहामारी के अमेरिका, चीन और रूस सिर्फ देखते ही रह गए, वहीं भारत ने कमाल किया है और Indian Economy ने जबर्दस्त रिकवरी की है, जबकि US-China अभी भी महामारी के असर से जूझ रहे हैं.
Corona के बाद ग्रोथ में भारत आगे
हार्वर्ड के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) पर इसके लेकर एक तुलनात्मक ग्रोथ चार्ट शेयर किया है. जो कोरोना (Corona) के बाद भारत के उल्लेखनीय आर्थिक प्रदर्शन की पूरी स्टोरी पेश करता है. देखा जाए, तो ये अब तक की सबसे स्पष्ट तस्वीर दिखाता नजर आ रहा है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने अपने पूर्व-महामारी जीडीपी ग्रोथ के मुकाबले कोरोना के बाद कैसा प्रदर्शन किया है? इसमें भारत तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से लगातार आगे नजर आ रहा है.
Indian Economy अकेली ऐसी अर्थव्यवस्था
जेसन फरमैन ने जो ग्राथ शेयर किया है, उसमें कोरोना से पहले साल 2019 से लेकर इस साल 2025 की तीसरी तिमाही तक अमेरिका, यूरो क्षेत्र, चीन, रूस और भारत की नॉमिनल जीडीपी की तुलना महामारी से पहले के रुझानों से की गई है. इसमें दर्शाया गया है कि अभी तक तमाम अर्थव्यवस्थाएं Corona Pandemic के असर से उबरने की कोशिश में लगी हई हैं. वहीं भारत ने इस मामले में सभी को चौंकाया है और GDP Growth में सबसे आगे निकला है. फरमैन ने कहा है कि 2025 के मध्य तक भारत +5% की ओर बढ़ रहा है और यह अकेली ऐसे इकोनॉमी है, जो लगातार तेजी के साथ आगे बढ़ती जा रही है.
How some geopolitically relevant economies are doing relative to their pre-COVID trends. pic.twitter.com/y7059jdIei
— Jason Furman (@jasonfurman) November 21, 2025
ग्राफ पर नजर डालें, तो 2020 के अपने निचले स्तर से रिकवरी करते हुए भारत 2022 तक ही पूर्व-कोविड ट्रेंडलाइन से ऊपर चढ़ गया था और 2024 में +3% ग्रोथ पर पहुंच गया, जबकि 2025 की तीसरी तिमाही तक +5% तक पहुंचने का अनुमान है. जेसन फरमैन ने जोर देकर कहा कि भारत की ये ग्रोथ महज एक बार का उछाल नहीं है, बल्कि संरचनात्मक मजबूती का परिणाम है. उन्होंने डिजिटल इंफ्रा, इन्वेस्टमेंट रिफॉर्म और एक स्थिर व्यापक आर्थिक माहौल की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की नीतियों ने ग्लोबल चुनौतियों के बीच घरेलू खपत और निवेश को बढ़ावा दिया, जिसका असर दिखा. वहीं इसकी तुलना अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के सामने चुनौतियों अब भी बनी हुई हैं.
फरमैन के चार्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण गहरी मंदी देखने को मिली थी और 2020 में सभी पांच इकोनॉमी निगेटिव में चली गई थीं.
हालांकि, तब से लेकर अब तक इन सभी में रिकवरी देखने को मिली है. जहां अमेरिका के तमाम उपायों के बाद 2025 तक उसे करीब 2% की ग्रोथ रेट तक पहुंचाने में मदद मिली, लेकिन भारत की असाधारण ग्रोथ और रफ्तार के सामने US का यह प्रदर्शन फीका ही है. China के बारे में बात करें, तो चीन की रिकवरी लंबे समय तक शून्य-कोविड उपायों और रियल एस्टेट संकट से प्रभावित रही है, जिससे अभी भी 2025 तक इसकी वृद्धि दर -5% रहने का अनुमान है. रूस भी -8% के आसपास अटका हुआ है, जिसमें यूक्रेन युद्ध का अहम रोल रहा है, जबकि यूरो क्षेत्र के लिए अनुमान -3% के आसपास का है.
ग्लोबल एजेंसियों को भी भारत पर भरोसा
हार्वर्ड के इकोनॉमिस्ट फरमैन के इन अनुमानों के मुताबिक ही दुनिया की तमाम एजेसियों को भी भारत की रफ्तार पर भरोसा है. ICRA को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में India GDP Growth 7% पर मज़बूत रहेगी, जो पहली तिमाही में 7.8% थी. GVA ने इसके 7.1% रहने का अनुमान जताया है. Moody's Ratings ने 2025 में 7% और 2026 में 6.4% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है.