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आत्मनिर्भर पैकेज के तहत इस लोन का हुआ था ऐलान, अब 30 नवंबर तक ले सकते हैं लाभ

अब सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है. इसकी वजह यह है कि यह स्कीम अब तक तीन लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रही है. 

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इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा बढ़ी
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा बढ़ी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम 30 नवंबर तक उपलब्ध
  • MSME को लोन देने के लिए यह स्कीम
  • 3 लाख करोड़ रुपये लोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य

कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने MSME आसान शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. अब एक बार फिर इसकी तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है. दरअसल आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने MSME को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तौर पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य रखा था. 

अब सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है. इसकी वजह यह है कि यह स्कीम अब तक तीन लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रही है. 

कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते पैदा हुई दिक्कतों को कम करने और MSME सहित विभिन्न सेक्टर्स को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए इस स्कीम की शुरुआत हुई थी. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस स्कीम की समयसीमा को 30 नवंबर या तीन लाख करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत होने तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

इकोनॉमिक के विभिन्न सेक्टर्स को खोलने और मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद के बीच यह कदम उठाया गया है. एक बयान में कहा गया है कि समयसीमा बढ़ाए जाने से ऐसे बॉरोअर्स को और मौका मिलेगा, जिन्होंने इस स्कीम के तहत क्रेडिट प्राप्त करने के लिए अब तक इस स्कीम का लाभ नहीं उठाया है.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 60.67 लाख बॉरोअर्स के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति दी गई है. वहीं 1.48 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. इस योजना के तहत MSME, बिजनेस एंटरप्राइजेज, कारोबार के लक्ष्य के साथ व्यक्तिगत लोन लेने वालों और मुद्रा लोन लेने वालों को 29 फरवरी, 2020 तक की क्रेडिट आउटस्टैंडिंग की 20 फीसद तक की राशि लोन के रूप में मिल सकती है.  

 

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